(Date : 26/April/2424)

(Date : 26/April/2424)

मोदी सरकार ने पूरे राष्ट्र में विकास के तोड़े सारे रिकॉर्ड --सुशील रिंकु | ट्रांसपोर्टर विजय प्रभाकर को प्रदेश भाजपा ट्रांसपोर्ट सैल के को-कन्वीनर नियुक्त होने पर केडी भंडारी ने किया सम्मान | डिप्स कपूरथला में किया गया आधिकारिकीकरण समारोह आयोजित | सीटी यूनिवर्सिटी ने पुस्तक दान अभियान के साथ मनाया विश्व पुस्तक दिवस | एचएमवी की बीसीए सेमेस्टर-3 की छात्राएं यूनिवर्सिटी में छाईं |

शिक्षा

प्रो. संदीप चाहल ने बनाया बटरफलाई मैप ऑफ जालन्धर

जालंधर (अरोड़ा) :- पूरे विश्व में 20 मार्च को सैव सपैरोका दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि जनमानस को गोरईया की कम होती जनसंख्या और इसके संरक्षण एवं बचाने के उपाओं के बारे में जागरूक किया जा सके। जालन्धर की एनजीओ दस्तक वेलफेयर काऊँसल गत 16 वर्षों से जालन्धर एवं पंजाब में चिडिय़ा बचाओ अभियान एवं उसके संरक्षण के लिए भरकस प्रयास कर रही है। इस एनजीओ के प्रधान प्रो. संदीप चाहल ने गतवर्ष पिछले कईं वर्षों के शौध के अधार पर विज्ञानिक- लाईन ट्रांजेक्शन मैथेड द्वारा बाईनोकुलरस एवं डीएसएलआर कमरे की सहायता से एनजीओ दस्तक वेल्फेयर काऊँसल वालंटियरस के माध्यम से जालन्धर जिले में सर्वेक्षण कर सपैरो मैप ऑफ जालन्धर बनाया था जिसमें किाले में गोरईया के जालन्धर में विभिन्न स्थानों में पाई जाने की विस्तृत जानकारी दी गई थी। प्रो. संदीप चाहल ने बताया कि तितलियों की बचपन की अवस्था लारवा अथवा सुंडियां सभी पंछीओं की प्रमुख डाईट होती है क्योंकि यह प्रोटीन से भरपूर होती है जिससे कि सभी पँछी अपने छोटे अंडों में से निकले हुए बच्चों को देते हैं ताकि उनके शरीर का विकास जल्द हो सके। तितलियों का लारवा अथवा सुंडियां सभी पँछीयों की फूड चैन का प्रमुख अंग हैं जोकि ईको सिस्टम को बनाए रखने के लिए अति कारूरी है। प्रो. संदीप चाहल ने दो वर्ष के गहन अध्यन के उपरान्त वल्र्ड सपैरो डे को सर्मपित बट्रफलाई मैप ऑफ जालन्धर बनाया है जिसमें जालन्धर के पाँच सब डिवीकान व गयारह बलॉकों में पाए जाने वालीं इण्वायरमेंट इंडीकेटर की तितलियों की प्रजातियों की डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में दशार्या गया है। प्रो. चाहल ने बताया कि इस बटरफलाई मैप ऑफ जालन्धर में यह बताया गया है कि जालन्धर किाले में मिल्कवीड अथवा अक के पौधे पर पलेन टाईगर तितली, सभी सिटरस पौधों पर लाईम तितली, अशोका के पेड़ पर ब्लू-जे तितली, पत्ता गोभी पर कैबेज तितली, अन्य मौसमी फूलों पर लैमन पैंसी तितली, पी-कॉक पैंसी तितली, वाईट एवं यैलो आरेंज टिप तितली तथा ग्रेट एगफलाई तितली की प्रजातियां देखने को मिली हैं। प्रो. चाहल ने कहा कि विश्व में तकरीबन तितलियों की 2400 प्रजातियां हैं जिनमें अकेले भारत में तकरीबन  1500 प्रजातियां पाई जाती हैं। विभिन्न प्रजातियों की तितलियों का जीवन काल भी अलग-अलग होता है। पंजाब में  तितलियों की 142 प्रजातिआं तथा उनकी 14 फैमीलीज़ पाई जाती हैं जोकि यहां पर मौजूद 12 नैचुरल वैटलैंडस तथा 10 मैन मेड वैटलैंडस में साधरणत: देखी जा सकती हैं। भारत में ही करीब सौ तितलियों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं पंजाब में पाई जाने वाली कैबेज तितली प्रजाति के संरक्षण में बहुत सहायक मानी जाती हैं। अध्ययन के अनुसार एक तितली का  अण्डे से व्यस्क होने  तक का  जीवन दो सप्ताह से लेकर कई महीनों तक हो सकता हैं। वास्तव में तितलियों का लारवा प्राकृति के अनेक जीवों विशेषकर पंछियों का भोजन बनने के कारण भोजन श्रृंखला का  अहम हिस्सा है। बहुत से पंछी अपने बच्चों को तितलियों के  लारवा को ही  भोजन  के रूप में  देते हैं क्योंकि इसमें प्रोटीन के तत्व बहुतात में होते हैं जिससे शरीर का विकास जल्दी होता हैं। लारवा के  भोजन श्रृंखला का हिस्सा होने के कारण मात्र पांच फीसदी तितलियां ही प्रकृति में बच पाती हैं। प्रो. संदीप चाहल ने कहा कि मानव जीवन के लिए बेहद जरूरी पौधों, और फसलों में पोलिनेशन की प्रकिया व इनकी उपज को बढ़ाने  एवं सुचारू बनाने के लिए मधुमक्खियों के बाद तितलियां ही सर्वप्रिय हैं। कृषि क्षेत्र में तितिलयों के माध्यम से होने वाले सेचन, परागण यानि की पालिनेशन की कीमत प्रति वर्ष दौ सौ बिलियन डालर की है यानि तितलियां प्रतिवर्ष खेती में मनुष्य को 200 बिलियन डालर का फायदा पहुंचाती हैं। लोगों को शहरीकरन के दौर में अपने घरों में सिट्रस प्रजाति के पौधों - किन्नू, सन्तरे व निम्बू तथा उनके बोनसाई प्रजातियों को गमलों में लगाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए जोकि तितलीयों की प्रजाति - मोनारक तथा लैमन बटरफलाई के प्रजनन तथा इन्हें बचाने के लिए बहुत सहायक हैं। पंजाब सिट्रस प्रजाति के फल - किन्नू का सबसे बड़ा उतपादक है तथा किन्नू, निम्बू व सन्तरे तथा इनकी बोनसाई प्रजातियों के पत्तों पर मोनारक तथा लैमन बटरफलाई अपने अण्डे देती हैं तथा पोलीनेशन की प्रक्रिया द्वारा किन्नू फल के बढ़ीया उतपादन करने में मदद करती हैं। लेमन तितलीयां सिट्रस प्रजाति के फलों खासकर किन्नू, संतरे व निम्बू के उतपादन में भी किसानों को हर वर्ष 10 मिलियन डालर फायदा पहुंँचाती है। प्रो. संदीप चाहल ने बताया कि पंजाब में बहुरंगी लैमन बटरफलाई की तस्करी तितलियों के तस्कर बाल श्रम के अन्तर्गत बच्चों को 150 रुपए दिहाड़ी के हिसाब से दे कर गैर कानूनी ढंग से इन्हें पकड़वाते हैं तथा इन मरी हुई तितलीयों को हांगकांग, इंडोनेशिया, फिलिपिनस, चीन, ताईवान, जापान, इंगलैंड, कनाडा व अमरीका में उँचे दामों में 2000 से 5000 रुपए तक बेचते हैं। दु:ख की बात है कि तस्करी के कारण तितलियाों के वजूद पर  संकट मंडरा रहा है। भारत में नार्थ ईस्ट स्टेटस- मिजोरम, मेंघालय, त्रिपुरा, मणीपुर, नागालैंड, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, आसाम, पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर में तितलियों को पकड़ कर विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेश में तस्करी करके भारी दामों पर इन्हें बेचा जाता है। पूरे विश्व में हर वर्ष तकरीबन 20 मिलियन डालर का तितलियों का अवैध कारोबार बेधडक़ चल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कुछ तितलियों की प्रजातियों का गहनों के बराबर का मूल्य है तथा वह काफी मंहगे दामों पर बेची जाती हैं। पकड़ कर मारी गई  तितलियों  को फोटो  फ्रेम में बन्द कर  दीवारों पर सजाने, कानों में गहनों की तरह  पहनने और सजावटी सामान के तौर पर इस्तेमाल की जाती हैं। वाइल्ड लाइफ एक्ट 1972 के अन्तर्गत संरक्षित होने के कारण तितलियों को पकडऩा, मारना व इसकी तस्करी करना कानूनन जुर्म है। परन्तु दुख की बात है कि देश में इस कानून को सख्ती से लागू नहीं किया जा सका है जिसके कारण इनकी तसकरी बेधडक़ जारी है। प्रो. संदीप चाहल ने बताया कि पिछले दस वर्षों में एनजीओ दस्तक वेल्फेयर काऊँसल के माध्यम से शहर के शिक्षण संस्थानों में तथा विभिन्न इलाकों में सैमीनार का वह से नो टू डैकोरेटिव बटरफलाई फ्रेमस का अभियान चला रहें हैं जिससे वह जनमानस को पकड़ कर मारी गई तितलियों के महँगे फोटोफ्रेमस लोगों को ना खरीदने के लिए प्रेरित कर रहें हैं तथा उन्हें कैमरे के साथ उनकी फोटो खींचने के लिए उत्साहित कर रहें हैं ताकि तितलियों को बचाया जा सके।

जीएनए विश्वविद्यालय में "अकादमिक लेखन" पर कार्यशाला

जालंधर (अरोड़ा) :- जीएनए विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ ने "अकादमिक लेखन" पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का आयोजन शिक्षकों, शोधार्थियों, स्नातकोत्तर और स्नातक स्तर के छात्रों के लिए किया गया था। पहले दिन की शुरुआत डॉ. दीप्ति गुप्ता, डीन, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स अफेयर्स और पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से अंग्रेजी में प्रोफेसर के साथ हुई। उन्होंने अकादमिक लेखन के मानचित्रण, प्रकार, पैरामीटर और महत्व पर सत्र लिया। यह अच्छी तरह से सूचित और एक सराहनीय सत्र था।

वर्कशॉप के दूसरे दिन की देखभाल डॉ. अपरा शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, एमसीएम डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ ने की। उन्होंने प्रतिभागियों को लेखन कौशल में सुधार के लिए चिंता के क्षेत्रों और अकादमिक लेखन की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया। डॉ. नीरज पुरी, सहायक डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल ने अपनी टीम के साथ कार्यशाला का समन्वय किया और सत्र के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। एस. गुरदीप सिंह सिहरा, प्रो-चांसलर ने इस तरह की रोचक और सूचनात्मक कार्यशालाओं के माध्यम से शोध को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए अनुसंधान प्रभाग के प्रयासों की सराहना की। डॉ. मोनिका हंसपाल ने कहा, "मैं गुणवत्ता के मामले में अनुसंधान को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए अनुसंधान प्रभाग के अंत में किए गए प्रयासों को देखकर बहुत खुश हूं।"

के.एम.वी. छात्राओं ने सेंट्रल पोटैटो रिसर्च स्टेशन का दौरा किया

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के व पोस्टग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ़ बॉटनी के द्वारा छात्राओं के लिए सेंट्रल पोटैटो रिसर्च स्टेशन, जालंधर का दौरा आयोजित किया गया. इस विज़िट का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को आई.सी.ए.आर के विभिन्न क्षेत्रों में नई खोजों, प्रोटोटाइप विकास और विविध क्षेत्रों को शुरू करने के अलावा आलू शोध के विशाल क्षेत्र पर मार्गदर्शन प्रदान करना था ताकि विद्यार्थियों के लिए रिसर्च और सीखने के नए अवसर खुल सकें. इस दौरे के दौरान श्री योगेश गुप्ता, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी ने छात्राओं को सी.पी.आर.एस. से परिचित कराया और आलू शोध एवं प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काम कर रहे वैज्ञानिकों की संक्षिप्त जानकारी भी सांझा की. उन्होंने छात्राओं को आलू क्षेत्र में उद्यमिता में हाथ आज़माने और आलू उत्पादों के  कमर्शियलाइज़ेशन के महत्व के लिए प्रेरित किया. इसके साथ ही डॉ. अरविंद जायसवाल, वैज्ञानिक, फूड टेक्नोलॉजिस्ट, सी.पी.आर.एस. ने छात्राओं के साथ बातचीत के दौरान, उन्हें आलू उत्पादों के प्रोटोटाइप के विकास, उनके पेटेंट और व्यावसायीकरण के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव के बारे में बताते हुए आलू से तैयार विभिन्न नवीन उत्पादों को भी प्रदर्शित किया और उनके स्वास्थ्य लाभों पर भी विस्तार से चर्चा की. आलू के उत्पाद ग्लूटेन मुक्त आहार का एक अच्छा उदाहरण हैं. आलू को फ्राई या चिप्स के रूप में तो सभी खाते हैं, लेकिन डॉ. अरविंद ने आलू से नए उत्पाद विकसित किए जैसे:- आलू कुकीज़, एंथोसायनिन से भरपूर आलू दलिया, आलू-रागी और मकई केक, आलू जलेबी, गुलाब जामुन, आइसक्रीम और मफिन। इसके अलावा, डॉ. सुगनी देवी, वैज्ञानिक, सी.पी.आर.एस. ने छात्राओं को हाई-टेक आलू बीज उत्पादन जैसे:- एरोपोनिक्स, मिनीट्यूबर, मिट्टी रहित संस्कृति और नेट हाउस के तहत बीज उत्पादन के बारे में बताया गया. इसके अलावा, डॉ. रत्ना प्रीत कौर, वैज्ञानिक, सी.पी.आर.एस. ने छात्रओं को पौधों के प्रजनन प्रक्रिया के बारे में बताया और पीटीसी द्वारा आलू की विभिन्न किस्मों के विकास, खेती और वृद्धि के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि आलू के बीज की पहली प्रति क्रायोप्रिजर्वेशन के माध्यम से सीपीआरआई, शिमला में रखी जाती है और आलू के बीज की दूसरी प्रति सीपीआरएस, जालंधर में रखी जाती है. अंत में फील्ड विज़िट का भी आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. सुगनी देवी ने छात्राओं को एरोपोनिक्स, हाइड्रोपोनिक्स और ट्रे कल्टीवेशन की प्रक्रिया दिखाई. प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने छात्राओं के सर्वपक्षीय विकास के लिए इस तरह के दौरे के आयोजन के लिए बॉटनी विज्ञान विभाग के संकाय के प्रयासों की सराहना की।

सेंट सोल्जर लॉ कॉलेज में उपभोक्ता संरक्षण कानून की प्रासंगिकता विषय पर सेमिनार आयोजित

जालंधर (अजय छबड़ा) :- सेंट सोल्जर लॉ कॉलेज ने आज के वातावरण में उपभोक्ता संरक्षण कानून की प्रासंगिकता विषय पर सेमिनार आयोजित कर अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाया।  प्रो. एकता नंदा ने सेमिनार की थीम पेश की, प्रो. मोनिका खन्ना सेमिनार की मुख्य वक्ता थीं और डॉ. एस.सी. शर्मा निदेशक मुख्य अतिथि थीं। कॉलेज के छात्र केशव बी.कॉम, एलएल.बी चौथे सेमेस्टर, अवनीत कौर बीए; एलएलबी चौथे सेमेस्टर, मनवीर कौर बी.कॉम;  एलएलबी और नवनीत कौर बीकॉम; एलएलबी 10वें सेमेस्टर ने सेमिनार की थीम पर अपने विचार व्यक्त किए।

विचार-विमर्श से जो निष्कर्ष निकला वह यह था: आज उपभोक्ता कानून सर्वाधिक वांछित है क्योंकि बढ़ते हुए जटिल उपभोक्तावाद के साथ शोषण के अधिक से अधिक साधन सामने आ रहे हैं। सेमिनारियों ने अधिक जिले के लिए सिफारिश की। उपभोक्ता न्याय के प्रशासन में देरी से निपटने के लिए उपभोक्ता आयोग। सेंट सोल्जर ग्रुप के अध्यक्ष अनिल चोपड़ा और वाइस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा ने कॉलेज की गतिविधियों की सराहना की।

एचएमवी की बी.वॉक जर्नलिकम एंड मीडिया सेमेस्टर-1 की छात्राएं यूनिवर्सिटी में छाईं

जालंधर (अरोड़ा) :- हंस राज महिला महाविद्यालय की बी.वॉक जर्नलिकम एंड मीडिया सेमेस्टर-एक की छात्राओं ने यूनिवर्सिटी पोजीशनों पर कब्जा करके कालेज का नाम रोशन किया है। दीक्षा व रीना ने 400 में से 307 अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से प्रथम स्थान हासिल किया। ऋचा कुमारी ने 295 अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान, दीया प्रधान ने 293 अंकों से तृतीय स्थान, दमनप्रीत कौर ने 289 अंकों से चौथा स्थान, सीमा कुमारी ने 281 अंकों से पांचवां स्थान तथा प्रिया ने 261 अंकों से सातवां स्थान प्राप्त किया। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने छात्राओं को बधाई दी तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर विभागाध्यक्षा रमा शर्मा, प्रियंका जैन तथा प्रिया भी उपस्थित थे।

पीसीएम एसडी कॉलेज फॉर वुमन, जालंधर में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया

जालंधर (तरुण) :- आजादी के 75 वर्ष की पूर्व संध्या पर और 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने के लिए पीसीएम के अंग्रेजी विभाग एस.डी.  कॉलेज फॉर वूमेन, जालंधर ने 18 मार्च, 2023 को "डायस्पोरा, ट्रांसनेशनलिज्म एंड नेशनल माइग्रेशन ऑफ इंडियन पंजाबी पॉपुलस: स्ट्रगल एंड ट्रांसफॉर्मेशन" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। सेमिनार के मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) मधु पराशर, पूर्व प्राचार्य, देव समाज महिला कॉलेज, फिरोजपुर थे। अपने संबोधन में उन्होंने भारतीयकरण, पारिवारिक बंधनों और मानसिक संतुलन पर जोर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके भगवान के आशीर्वाद से की गई। जिसके बाद नरेश कुमार बुधिया अध्यक्ष, शासी निकाय के साथ-साथ मुख्य संरक्षक, विनोद दादा, शासी निकाय के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, संयोजक और प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर द्वारा गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया। सेमिनार के संयोजक उजला दादा जोशी, विभागाध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग से थे। योग्य प्रधानाचार्य ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया और संस्थान के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। उजला दादा जोशी, प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर ने उद्घाटन भाषण दिया जिसमें उन्होंने संगोष्ठी के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। प्रो. (डॉ.) मनिंदर सिंह रंधावा, पूर्व प्रोफेसर और समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला ने मुख्य भाषण दिया और दर्शकों को गैंगस्टरिज्म और ड्रग आतंकवाद पर अपने उल्लेखनीय विचारों से अवगत कराया, जो युवाओं को पलायन करने के लिए मजबूर करता है। अपनी सांस्कृतिक और भाषाई जड़ों के संपर्क में रहने की आवश्यकता है। तकनीकी सत्र के दौरान पहले स्त्रोत्वक्ता डॉ.नरिंदर नेब, पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, डीएवी कॉलेज, जालंधर थे। उन्होंने अपने विष्य "प्रवास " जिसमे घर की इच्छा, अविश्वास की भावना और निर्वासन थीं। तकनीकी सत्र की दूसरी रिसोर्स पर्सन डॉ. शेफाली चौहान, असिस्टेंट प्रोफेसर, इतिहास विभाग, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर थीं।  उन्होंने डायस्पोरा के संदर्भ में दलित परिप्रेक्ष्य पर विस्तार से बताया। प्रोफेसर डॉ रवींद्र सिंह, पंजाबी विभाग, दयाल सिंह कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली दिन के समापन वक्ता थे। उन्होंने हिंदू संस्कृति के बारे में चर्चा की कि कैसे इसे पश्चिमी सभ्यता द्वारा हेय दृष्टि से देखा जाता है और सामाजिक संरचनाओं को बदलने की जरूरत है। इस शुभ अवसर पर विशिष्ट विद्वानों के 39 शोध पत्रों वाली एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। संगोष्ठी के संयोजक आबरू शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। सेमिनार को प्रतिभागियों से प्रभावशाली प्रतिक्रिया मिली। इसने सीखने के अनुभव और सभी के लिए विचारों के संसाधनपूर्ण आदान-प्रदान के रूप में कार्य किया। अध्यक्ष नरेश कुमार बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य गणमान्य सदस्य एवं योग्य प्राचार्य डॉ. प्रो.  पूजा पाराशर ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अंग्रेजी विभाग को बधाई दी।

टीम सीटी के अथक प्रयासों को सलाम करने के लिए मनाया गया आभार सीटी परिवार के नाम

जालंधर (अरोड़ा) - सीटी ग्रुप ने सीटी परिवार के गौरवान्वित स्टाफ सदस्यों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए "आभार" सीटी परिवार के नाम एक कार्यक्रम का आयोजन किया। पुरस्कार समारोह के साथ डीएसडब्लयू द्वारा "सागा" एक फैकल्टी फेस्ट नामक रोमांचक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आभार और सागा दोनों का उद्देश्य टीम सीटी के विभिन्न समूहों के बीच एकता और उत्साह की भावना को बढ़ावा देना है। इस बीच सीटी ग्रुप में पिछले 3, 5, 10, 15 और 20 साल से अधिक समय से काम कर रहे कर्मचारियों को सम्मान दिया गया है।

इस दौरान सीटी समूह का हिस्सा रहे सभी लोगों को सम्मानित करने के लिए कई तरह की गतिविधियों और कार्यक्रमों की योजना बनाई गई और उन्हें क्रियान्वित किया गया। इसमें फैशन वॉक, एकल गायन, नृत्य और स्किट प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए सभी परिसरों, विभागों और क्षेत्रों के सदस्य एक साथ आए। प्रतियोगियों और दर्शकों के बीच उत्साह और आनंद अद्वितीय था।



इस कार्यक्रम में सीटी यूनिवर्सिटी के कुलपति (ऑफ़) डॉ. डॉ. सतीश, साउथ कैंपस के डायरैक्टर डॉ डॉ. गुरप्रीत सिंह, नार्थ कैंपस के डायरैक्टर डा. योगेश छाबड़ा, रिसर्च एंड इनोवेशन विभाग के निदेशक डॉ. जसदीप कौर धामी, सीटी पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अनुराधा चंदेल, वाइस प्रिंसिपल सुखदीप कौर, सीटी वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल मधु शर्मा ने अपनी-अपनी टीम के सदस्यों के उत्साही प्रयासों के लिए बिना शर्त समर्थन व्यक्त किया।

इसके बाद सीटी ग्रुप के चेयरमैन चरणजीत सिंह चन्नी, सीटी ग्रुप की को-चेयरपर्सन परमिंदर कौर चन्नी, मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. मनबीर सिंह, वाइस चेयरमैन हरप्रीत सिंह और तानिका सिंह ने सीटी स्टाफ के सदस्यों का हार्दिक सम्मान किया और उनके निरंतर और अंतहीन समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान सीटी ग्रुप के वाइस चेयरमैन हरप्रीत सिंह ने सभी परिसरों से विभिन्न विजेताओं की घोषणा की। समरोहा के अंत में विजेताओं को सम्मानित किया।

टीम सीटी के अथक प्रयासों को सलाम करने के लिए मनाया गया आभार सीटी परिवार के नाम

जालंधर (अरोड़ा) - सीटी ग्रुप ने सीटी परिवार के गौरवान्वित स्टाफ सदस्यों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए "आभार" सीटी परिवार के नाम एक कार्यक्रम का आयोजन किया। पुरस्कार समारोह के साथ डीएसडब्लयू द्वारा "सागा" एक फैकल्टी फेस्ट नामक रोमांचक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आभार और सागा दोनों का उद्देश्य टीम सीटी के विभिन्न समूहों के बीच एकता और उत्साह की भावना को बढ़ावा देना है। इस बीच सीटी ग्रुप में पिछले 3, 5, 10, 15 और 20 साल से अधिक समय से काम कर रहे कर्मचारियों को सम्मान दिया गया है।

इस दौरान सीटी समूह का हिस्सा रहे सभी लोगों को सम्मानित करने के लिए कई तरह की गतिविधियों और कार्यक्रमों की योजना बनाई गई और उन्हें क्रियान्वित किया गया। इसमें फैशन वॉक, एकल गायन, नृत्य और स्किट प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए सभी परिसरों, विभागों और क्षेत्रों के सदस्य एक साथ आए। प्रतियोगियों और दर्शकों के बीच उत्साह और आनंद अद्वितीय था।



इस कार्यक्रम में सीटी यूनिवर्सिटी के कुलपति (ऑफ़) डॉ. डॉ. सतीश, साउथ कैंपस के डायरैक्टर डॉ डॉ. गुरप्रीत सिंह, नार्थ कैंपस के डायरैक्टर डा. योगेश छाबड़ा, रिसर्च एंड इनोवेशन विभाग के निदेशक डॉ. जसदीप कौर धामी, सीटी पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अनुराधा चंदेल, वाइस प्रिंसिपल सुखदीप कौर, सीटी वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल मधु शर्मा ने अपनी-अपनी टीम के सदस्यों के उत्साही प्रयासों के लिए बिना शर्त समर्थन व्यक्त किया।

इसके बाद सीटी ग्रुप के चेयरमैन चरणजीत सिंह चन्नी, सीटी ग्रुप की को-चेयरपर्सन परमिंदर कौर चन्नी, मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. मनबीर सिंह, वाइस चेयरमैन हरप्रीत सिंह और तानिका सिंह ने सीटी स्टाफ के सदस्यों का हार्दिक सम्मान किया और उनके निरंतर और अंतहीन समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान सीटी ग्रुप के वाइस चेयरमैन हरप्रीत सिंह ने सभी परिसरों से विभिन्न विजेताओं की घोषणा की। समरोहा के अंत में विजेताओं को सम्मानित किया।

सेंट सोल्जर इंटर कॉलेज में ग्रैंड बेबी शो

रेयान और सायरा रहे मोस्ट एक्टिव बेबी

जालंधर (अजय छबड़ा) :- सेंट सोल्जर इंटर कॉलेज द्वारा प्री-प्राइमरी विंग के छात्रों के लिए ' ग्रैंडबेबी शो' का आयोजन किया गया। जिसमें दो कैटेगरी पहले ग्रुप में ढाई साल से लेकर साढ़े तीन साल और दूसरे ग्रुप में साढ़े तीन साल से छह साल के बच्चों ने भाग लिया। शो के दौरान नन्हें छात्रों ने अपने माता-पिता के साथ भाग लिया।

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कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में छिपी प्रतिभा को सामने लाना और तराशना रहा। नन्हें छात्रों ने पोएम, गिद्दा, भंगड़ा, ग्रुप डांस, सोलो डांस आदि प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। ग्रुप ऐ में रेयान, सायरा को मोस्ट एक्टिव, गवरीश, दिशानी को फ्रिएंडीएस्ट, मेहरेहमत को हेअल्थीस्ट, सहज को स्पार्कलिंग आईज, दीक्षित को चब्बी चीक्स, काव्या, जसदीप को सनशाइन स्माइल, ग्रुप बी में गुरअसीस, आश्वी, संजाना, त्विशा सिक्का, केविन को ड्रामाटाईजेशन ऑफ़ रिम्स, धार्मिस्ट, नवेशा को बेस्ट ड्रेस्ड, जपलीन, दारुण को फैंसी ड्रेस्ड, गुरमेहर, जैसिका को बेस्ट सोलो डांस चुना गया।

वाईस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा ने छात्रों की सराहना करते हुए शुभ कामनाऐं दीं। विजेताओं को सम्मानित करते हुए प्रिंसिपल मनगिंदर सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है। यह बच्चों के ज्ञान के दायरे को विशाल बनाते हैैं और बच्चों के बौद्धिक विकास में बहुत सहायक होते हैैं। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी अभिभावकों को धन्यवाद दिया और कहा कि स्कूल में नए दाखिले/रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है। इस 'बेबी शो' को सफल बनाने के लिए स्कूल के टीचिंग स्टाफ के अलावा नॉन टीचिंग स्टाफ ने भी अहम सहयोग दिया।

दोआबा कॉलेज में 66वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित

जालंधर (अरोड़ा) :- दोआबा कालेज के वीरेन्द्र सभागार में कालेज में 66वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि मेजर जनरल अनुराग छिब्बर, वीएसएम एवं कॉलेज के पूर्व होनहार विद्यार्थी बतौर मुख्य मेहमान उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनन्दन आर्य शिक्षा मण्डल एवं कॉलेज प्रबन्धकीय समिति के प्रधान चन्द्र मोहन, आलोक सोंधी- महासचिव, डा. सुष्मा चावला- उप-प्रधान, कालेज प्रबन्धकीय समिति, तथा प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, प्रो. ईरा शर्मा, डा. सुरिंदर शर्मा व डा. राजीव खोसला- संयोजकों, रिसैपशन कमेटी व प्राध्यापकों ने किया। समारोह का शुभारम्भ ज्योति प्रज्वलन की पवित्र रसम एवं दोआबा जयगान से किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने कहा कि यह बड़े हर्ष की बात है कि कॉलेज के प्रतिष्ठित पूर्व विद्यार्थी मेजर जनरल अनुराग छिब्बर को अपने बीच पाकर समपूर्ण दोआबा परिवार गौरवमय महसूस कर रहा है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए चन्द्र मोहन ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सभी को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि वह किस पृष्ठ भूमी से आएं हैं जबकि उन्हें अपने काहन में यह रखना चाहिए कि उन्होंने अपने जीवन में किस मुकाम में पहुँचना है। उन्होंने उपस्थिति को कॉलेज के नामवर पूर्व विद्यार्थी मेजर जनरल अनुराग छिब्बर के जीवन से प्रेरणा लेकर सफलता के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने कॉनवोकेशन रिपोर्ट पढ़ते हुए कॉलेज की शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक, खेल कूद, गतिविधियों के बारे में विस्तृत व्यौरा देते हुए कहा कि वर्तमाण आधुनिक तकनीक के दौर में कॉलेज की एडमिनिस्ट्रेशन एवं पढ़ रहे विद्यार्थियों की सहुलीयत के लिए कुछ अनिवार्य सॉफ्टवेयर माड्यूलस विकसित किए गए हैं ताकि उनको और उनके अभिभावकों को समय समय पर उनकी प्रोग्रेस की रिपोर्ट दी जा सके। इसके साथ ही कॉलेज में वातावरण के प्रति जागरूक करने के लिए वाटर हॉरवेस्टिंग, सालिड एवं वेस्ट मैनेजमेंट प्रॉजेक्टस, सोलर लाईटिंग आदि स्थापित किए गए हैं। मुख्य अतिथि मेजर जनरल अनुराग छिब्बर ने विद्यार्थियों को अपने जीवन में सदैव बड़ा लक्ष्य रखने तथा उसे कड़ी मेहनत से तत्परता के साथ च्अब मुकाबला होगाज् के उत्साहवर्धक नारे के साथ जीवन की ऊँचाईयों को छूना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है इसलिए आज भारत की अर्थव्यवस्था दसवें स्थान से उछल कर यूनाईटेड किंगडम एवं रूस को पछाड़ कर पाँचवें स्थान पर आ गई है। उन्होंने कहा कि देश को मौजूदा दौर में और ऊँचाईयों पर लेकर जाने के लिए नए स्नातकों की विशेष भूमिका है। इस मौके का फायदा उठाने के लिए विद्यार्थियों को अपने आपको नए स्किलस हासिल करके काबिल बनना चाहिए। इस मौके पर चन्द्र मोहन, डा. सुष्मा चावला, आलोक सोंधी व प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने मुख्य अतिथि अनुराग सिंह ठाकुर को दोआबा अवार्ड एवं दौशाला देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सन 2020-21 एवं 2021-22 के कुल 480 विद्यार्थियों को डिग्रियां मेजर जनरल अनुराग छिब्बर, चन्द्र मोहन, आलोक सोंधी, डा. सुष्मा चावला एवं प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने प्रदान की। इस मौके पर टीचिंग एवं नॉन-टीचिंग स्टाफ इत्यादि उपस्थित थे। आलोक सोंधी ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया। 

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