(Date : 26/April/2424)

(Date : 26/April/2424)

मोदी सरकार ने पूरे राष्ट्र में विकास के तोड़े सारे रिकॉर्ड --सुशील रिंकु | ट्रांसपोर्टर विजय प्रभाकर को प्रदेश भाजपा ट्रांसपोर्ट सैल के को-कन्वीनर नियुक्त होने पर केडी भंडारी ने किया सम्मान | डिप्स कपूरथला में किया गया आधिकारिकीकरण समारोह आयोजित | सीटी यूनिवर्सिटी ने पुस्तक दान अभियान के साथ मनाया विश्व पुस्तक दिवस | एचएमवी की बीसीए सेमेस्टर-3 की छात्राएं यूनिवर्सिटी में छाईं |

सामाजिक गतिविधयां

अयोध्या धाम में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर हरियाणा के झुंपा गांव में 'श्री राम महोत्सव' और 'खादी संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया

हजारों कारीगरों, लाभार्थियों और स्थानीय लोगों ने बड़ी एलईडी स्क्रीन पर श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण देखा

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य सभा सांसद बिप्लब कुमार देब के साथ केवीआईसी के अध्यक्ष ने कारीगरों को मशीनरी और टूलकिट वितरित किए

ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत 120 विद्युत चालित चाक, 350 मधुमक्खीपालन-बॉक्स और 115 टूलकिट वितरित किए गए

दिल्ली (ब्यूरो) :- अयोध्या धाम में नवनिर्मित राम मंदिर में स्थापित श्री राम प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त 'आत्मनिर्भर और विकसित भारत' के संकल्प को नए आयाम पर ले जाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने 22 जनवरी, 2024 को हरियाणा के भिवानी जिले स्थित सिवनी तहसील के झुंपा गांव में श्री राम महोत्सव, खादी संवाद और ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत मशीनरी और टूलकिट्स वितरित किए। इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद हजारों शिल्पकार, लाभार्थी और स्थानीय लोग अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ क्षण के गवाह बने। केवीआईसी ने बड़ी एलईडी स्क्रीन पर कार्यक्रम के सीधे प्रसारण के लिए विशेष व्यवस्था की थी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद बिप्लब कुमार देब थे। इस दौरान केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार और हरियाणा सरकार के कृषि, किसान कल्याण व पशुपालन कैबिनेट मंत्री जय प्रकाश दलाल भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में 120 कुम्हारों को बिजली चालित चाक, 35 मधुमक्खीपालकों को 350 मधुमक्खी बक्से, 20 लाभार्थियों को स्वचालित अगरबत्ती मशीनें, 20 को पैडल चालित अगरबत्ती मशीनें, 75 कारीगरों को चमड़े के उपकरण किट और लगभग 40 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

बिप्लब कुमार देब ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केवीआईसी ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आज जब पूरा विश्व अयोध्या धाम में श्री रामलला प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के अभूतपूर्व क्षण को देख रही है, केवीआईसी ने देश के कारीगरों के कल्याण के लिए एक विशेष टूल किट वितरण कार्यक्रम का आयोजन करके आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को और अधिक मजबूत किया है। देब ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केवीआईसी के अध्यक्ष कुमार खादी और ग्रामोद्योग आयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, जिसके कारण खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। इस अवसर पर हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कारीगरों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 'डबल इंजन' की सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में केवीआईसी ने ग्रामीण क्षेत्रों के कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाया है। केवीआईसी के अध्यक्ष कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व के लिए ऐतिहासिक क्षण है। भगवान श्री राम 500 साल बाद अपने घर में विराजमान हैं। उन्होंने आगे कहा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ रहा है। 1992 में उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में एक स्वयंसेवक के रूप में योगदान दिया था। हर कारसेवक की तरह उनकी भी वर्षों पुरानी इच्छा आज पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम में जन्मभूमि पर श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उस संकल्प की जीत है, जो उन्होंने 1990 के दशक में श्री राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के दौरान लिया था।

केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि देश के सफल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार की गारंटी अब आत्मनिर्भर और विकसित भारत की गारंटी बन गई है। इसी मार्ग पर चलते हुए केवीआईसी अपनी विभिन्न रोजगार उन्मुख योजनाओं व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के माध्यम से देश में खादी और इसके महत्वपूर्ण स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है और देश के गरीब कारीगरों को स्वरोजगार प्रदान करने के साथ आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जिस खादी को पूज्य बापू ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वदेशी आंदोलन के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में सबसे प्रभावी हथियार बनाया था, अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खादी के उस पुराने गौरव को फिर से स्थापित करने की जिम्मेदारी उठाई है। उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। खादी वस्त्रों का उत्पादन 880 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये और खादी उत्पादों की बिक्री 1,170 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये हो गई है। इसके अलावा खादी महोत्सव के दौरान दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित शोरूम में एक दिन में 1.5 करोड़ रुपये और खादी भंडार में एक महीने में 25 करोड़ रुपये के उत्पादों की बिक्री हुई थी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के गांधीनगर में 5वें अंतर्राष्ट्रीय एवं 44वें अखिल भारतीय अपराध विज्ञान सम्मेलन को संबोधित किया

टेक्नोलॉजी की मदद से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की सभी चुनौतियों को दूर कर 5 सालों में सबसे आधुनिक बनेगी देश की न्याय व्यवस्था

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले 10 साल में किये 50 से अधिक युग परिवर्तनकारी काम

5 साल के अंदर लागू हो जाएंगे तीनों नए आपराधिक कानून

मोदी सरकार ने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि आने वाले 5 साल बाद देश में हर वर्ष 9000 से अधिक फॉरेंसिक साइंस ऑफिसर्स तैयार होंगे

नए कानूनों में टेक्नोलॉजी के उपयोग से अब न्याय available, affordable and accessible होगा

तीन नए कानून लायेंगे ईज ऑफ पुलिसिंग और ईज ऑफ जस्टिस का दौर

आने वाले 1 साल में देशभर में NFSU के 9 और कैंपस खुलेंगे

क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को अपराधियों से 2 जनरेशन आगे रहने की जरुरत

नए कानूनों में इन्वेस्टिगेशन, प्रॉसीक्यूशन और न्यायिक प्रक्रिया में फॉरेंसिक साइंस को महत्त्व दिया गया है, इससे युवाओं के लिए बहुत बड़ा क्षेत्र खुलने जा रहा है

दिल्ली (ब्यूरो) :- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के गांधीनगर में National Forensic Science University (NFSU) के 5वें अंतर्राष्ट्रीय एवं 44वें अखिल भारतीय अपराध विज्ञान सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्घाटन ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत क्रिमिनल जस्टिस के 150 साल पुराने कानूनों को खत्म कर नए कानूनों को इंट्रोड्यूस कर चुका है और इन तीनों कानूनों में प्रमुख मुद्दों में से 2 इसी सम्मेलन से जुड़े हैं। पहला, समय पर न्याय दिलाना और दूसरा, सज़ा की दर को बढ़ाकर अपराधों पर लगाम लगाना। उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों में इन दोनों मुद्दों को तकनीक के साथ बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों में ये निर्णय लिया गया है कि 7 साल या अधिक सज़ा वाले अपराधों के क्राइम सीन पर फॉरेंसिक साइंस ऑफिसर की विज़िट अनिवार्य होगी, जिससे जांच में, न्यायधीशों और प्रॉसीक्यूशन को भी सरलता होगी और इससे सज़ा की दर को बढ़ाने में भी सफलता मिलेगी। शाह ने कहा कि 5 सालों के बाद भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम विश्व में आधुनिकतम होगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 10 सालों में हर क्षेत्र में 50 से अधिक युगांतरकारी काम किए हैं और पिछले 5 सालों में ही 3 बड़े काम किए गए हैं। पहला, 40 साल बाद मोदी सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर आई जो पूर्णतया भारतीय शिक्षा के आधार पर बनी है, पूरे विश्व के लिए खुली है और हमारे बच्चों को वैश्विक मंच भी प्रदान करेगी। दूसरा, NFSU का गुजरात में जो आधार 2003 में रखा था, उसका विस्तार कर राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाने का काम किया। तीसरा, 150 सालों के बाद क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में परिवर्तन कर हमने तीनों कानूनों को नया बनाया है। श्री शाह ने कहा कि इन 3 परिवर्तनों को एकसाथ देखने पर एजुकेशन, फॉरेंसिक साइंस और क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ऐसी व्यवस्था की गई है कि 5 साल बाद हर साल देश को 9 हज़ार से अधिक साइंटिफिक ऑफिसर्स और फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट्स मिलेंगे। अमित शाह ने कहा कि फॉरेंसिक बिहेवियरल साइंस एक उभरता हुआ क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि अपराध रोकने में जितनी भूमिका कठोर प्रशासन और अच्छे न्यायतंत्र की होती है, उतनी ही बिहेवियरल साइंस की भी हो सकती है। उन्होंने कहा ये मॉडस ऑपरेंडी ब्यूरो के एक चरण आगे का विचार है। उन्होंने कहा कि अगर हम बिहेवियर की स्टडी अच्छे से कर उसे प्राथमिक शिक्षा में स्थान देते हैं, तो अपराधी को खड़ा होने से ही रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस आइसोलेशन में समाज की सेवा नहीं कर सकता, न्यायिक प्रक्रिया के सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ फॉरेंसिक साइंस का इंटीग्रेशन किए बिना हमें इसका फायदा नहीं मिल सकता। शाह ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस का उपयोग इन्वेस्टिगेशन, प्रॉसीक्यूशन, न्याय प्रणाली के साथ अब इसे एजुकेशन में अडॉप्ट कर एक स्टेप आगे जाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि प्रिवेंटिव, प्रिडिक्टिव और प्रोटेक्टिव पुलिसिंग की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। क्रिमिनल माइंड और बिहेवियर का गहन अध्य्यन और उसका आने वाले दिनों में अपराध ना होने देने और अपराधी खड़े ना होने देने में स्ट्रेटेजिक उपयोग करने से पूरी दुनिया को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग औऱ इन्वेस्टिगेशन में मदद के लिए एक डिजिटल फॉरेंसिक एक्सीलेंस सेंटर का भी उद्घाटन हुआ है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद पिछले 75 सालों में भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना है और इसके प्रति भारत की जनता की आस्था पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उन्होंने कहा कि 2047 में जब भारत की आज़ादी के 100 साल पूरे होंगे उस वक्त हर क्षेत्र में अग्रणी भारत के संकल्प को चरितार्थ करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए रिफॉर्म्स के आधार पर हमें आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सामने 4 चुनौतियां हैं- बेसिक पुलिसिंग के प्रिंसिपल के साथ कंप्रोमाइज़ किए बिना पूरी व्यवस्था में तकनीक को स्वीकार कर सबसे आधुनिक पुलिस व्यवस्था बनना, तकनीक के उपयोग से ह्यूमन प्रेज़ेंस के महत्व को कम ना होने देना, हाइब्रिड औऱ मल्टीडायमेंशनल खतरों को पहचानकर हमारे सिस्टम को इनसे बचाने के लिए नेटवर्क तैयार करना और क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को विश्व का सबसे आधुनिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम बनाना और इसमें फॉरेंसिंक के अडॉप्शन को साहसिक स्वभाव बनाना। हम इन 4 चुनौतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने की प्रक्रिया में इसके available, accessible और affordable होने जैसी समस्याएं हैं और इन तीनों का उपाय तकनीक में समाहित है। श्री शाह ने कहा कि आज अपराध के form, mode और method हर रोज़ बदल रहे हैं और ऐसे में पुलिस को अपराध और अपराधियों से 2 जेनेरेशन आगे रहने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अपराधों को रोकने के लिए हमें तकनीक के नीति –नियमों में वैश्विक साम्यता लाने का भी प्रयास करना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम, तकनीक और फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन को इंटीग्रेट करना हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती थी और मोदी सरकार ने तीनों नए कानूनों में इन्वेस्टिगेशन, प्रॉसीक्यूशन और न्यायिक प्रक्रिया में फॉरेंसिक साइंस को कानून के आधार पर बहुत बड़ा स्थान दिया है। इससे युवाओं के लिए बहुत बड़ा क्षेत्र खुलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक की मदद से इन्वेस्टिगेशन की स्वतंत्रता, ऑटोनामी और फेयरनेस को हम अच्छे तरीके से कानून जामा पहनाकर प्रोटेक्ट कर पाए हैं। श्री शाह ने कहा कि इन तीन कानूनों से ईज़ ऑफ जस्टिस और ईज़ ऑफ पुलिसिंग दोनों प्रचलन में आएंगे और इनका फायदा भी जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने गहन परिश्रम के बाद पिछले 5 साल में कई डेटाबेस तैयार किए हैं और डेटा इंटीग्रेशन पर भी बहुत काम हो रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ये तीनों नए कानून आइसोलेशन में नहीं लाए गए हैं, इन्हें लाने से पहले अगले 5 सालों की ज़रूरतों को विजुअलाइज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानून 5 साल के अंदर लागू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तक हमारे देश की शिक्षा पद्धति वन साइज़ फिट फॉर ऑल पर चलती थी, लेकिन नई शिक्षा नीति के माध्यम से मोदी जी ने इसे डायनेमिक और समयानुकूल बना दिया है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग कर हमने फॉरेंसिक साइंस में एक्सपर्ट्स तैयार करने के लिए फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की है। शाह ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी के 9 और कैंपस 1 साल मॆ शुरू हो जाएंगे और इस प्रकार देश के हर दूसरे राज्य में एक कैंपस उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि युवा छात्रों को वन डेटा वन एंट्री के सिद्धांत पर काम करना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी द्वारा लाए गए तीन नए कानूनों में पहली बार न्याय के मूल भारतीय कांसेप्ट को स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों का उद्देश्य अंग्रेजों के राज को सुरक्षित रखना था, लेकिन ये तीनों नए कानून संपूर्ण भारतीय दृष्टि से बनाए गए हैं। शाह ने कहा कि अब इन कानूनों के आने के बाद 3 साल में एफआईआर पर निर्णय आना सुनिश्चित हो जाएगा। इन कानूनों में ईज़ ऑफ जस्टिस से लेकर सरल, सुसंगित, पारदर्शी और समयानुसार जैसे आयामों को अडॉप्ट किया गया है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित य़ुवाओं से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को हर क्षेत्र में विश्व में पहले स्थान पर पहुंचाने की कल्पना की है, इसमें फॉरेंसिक साइंस भी शामिल है और ये काम यभी युवाओं को करना है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्थाएं बनने के बाद निश्चित रूप से भारत फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में विश्व में प्रथम स्थान पर होगा।

अफ्रीकी क्षेत्र के सिविल सेवकों के लिए सार्वजनिक नीति और शासन पर दो सप्ताह के उन्नत नेतृत्व विकास कार्यक्रम का उद्घाटन मसूरी में किया गया

कार्यक्रम में छह देशों के स्थायी सचिव और उप स्थायी सचिव सहित 36 वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं

डीएआरपीजी सचिव और एनसीजीजी महानिदेशक वी. श्रीनिवास, ने उद्घाटन भाषण दिया

दिल्ली (ब्यूरो) :- भारत सरकार की एक शीर्ष स्वायत्त संस्था, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) ने 22-01-2024 दोपहर को अफ्रीकी क्षेत्र के सिविल सेवकों के लिए सार्वजनिक नीति और शासन पर दो सप्ताह का उन्नत नेतृत्व विकास कार्यक्रम शुरू किया। कार्यक्रम में छह देशों इरिट्रिया, केन्या, इथियोपिया, तंजानिया, गाम्बिया और इस्वातिनी के 36 वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र को डीएआरपीजी सचिव और एनसीजीजी महानिदेशक श्री वी. श्रीनिवास ने संबोधित किया।

अपने संबोधन में, वी. श्रीनिवास ने भाग लेने वाले देशों के मंत्रालयों की सिफारिशों पर कार्यक्रम के सावधानीपूर्वक संचालन पर प्रकाश डाला। दक्षता उन्नयन कार्यक्रम का विशेष ध्यान, स्वामित्व योजना, ग्रामीण संपत्ति सर्वेक्षण कार्यक्रमों और भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम, रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण, पीएम गति शक्ति आदि को कवर करने वाले व्याख्यानों के साथ भूमि प्रबंधन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और शहरी भूमि प्रबंधन पर है। डिजिटल परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर वी.श्रीनिवास ने नागरिकों को सरकार के करीब लाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डाला। भारत की नीति सिद्धांत "अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार" ने नागरिकों और सरकार को प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण और संस्थानों के डिजिटल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया है। सीपीजीआरएएमएस का उपयोग करके प्रभावी शिकायत निवारण पर ध्यान केंद्रित किया गया है, सचिवालय सुधारों में ई-सेवाओं और एकीकृत सेवा पोर्टलों के माध्यम से सेवा वितरण में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया है। भारत ई-सेवाओं के रूप में 16000 से अधिक सेवाएं प्रदान कर रहा है, जिससे लाखों नागरिकों को लाभ हो रहा है। दक्षता उन्नयन कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिनिधियों को भूमि सुधार के अलावा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति, भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता और प्रशासन में नैतिकता को भी प्रस्तुत करना है।

गाम्बिया के उप उच्चायुक्त लैमिन ई सिंगातेह ने गाम्बिया, भारत और एनसीजीजी के बीच ज्ञान-साझाकरण सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने आज की दुनिया में पेशेवर और व्यक्तिगत विकास के लिए निरंतर सीखने के महत्व पर जोर दिया। एनसीजीजी में पाठ्यक्रम समन्वयक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एपी सिंह ने दो सप्ताह के कार्यक्रम का व्यापक अवलोकन जिसमें शामिल विविध विषयों का विवरण दिया गया, प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में शासन प्रतिमानों, आवास में डिजिटल प्रौद्योगिकी, सुशासन के लिए आधार, भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण, सरकारी खरीद में पारदर्शिता, ग्रामीण संपत्ति सर्वेक्षण कार्यक्रम, सार्वजनिक-निजी क्षेत्र भागीदारी, प्रभावी कार्यालय प्रशासन, जलवायु परिवर्तन नीतियां, सतत विकास लक्ष्य, भारत में कृषि, सार्वजनिक नीति परिप्रेक्ष्य, भारत-अफ्रीका संबंध पर सत्र के साथ-साथ पीएम संग्रहालय, डीएमआरसी, एम्स की संस्थागत यात्रा और ताज महल का दौरा भी सत्र में शामिल हैं। दक्षता उन्नयन कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. एपी सिंह, एसोसिएट कोर्स समन्वयक, डॉ. मुकेश भंडारी, कार्यक्रम सहायक संजय दत्त पंत, और एनसीजीजी की समर्पित क्षमता-निर्माण टीम द्वारा किया जाएगा।

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय, जालंधर द्वारा किया गया एक दिवसीय वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण शिविर का आयोजन

शिविर में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

जालंधर (अरोड़ा) :- भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय, जालंधर द्वारा एक दिवसीय वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण शिविर का आयोजन किया गया। ईईपीसी, फोकल प्वाइंट, जालंधर में आयोजित इस शिविर के दौरान विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। शिविर का उद्घाटन करते हुए संयुक्त निदेशक विनय कुमार ने कहा कि शिविर के आयोजन का उद्देश्य वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत शामिल औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करना, उनकी समस्याओं के बारे में जानना और सुझाव प्राप्त करना है ताकि कार्यालय से उनका रिश्ता बना रहे।

उन्होंने कहा कि वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण पिछले चालीस वर्षों से डेटा एकत्र कर रहा है और यह सभी डेटा जीडीपी में फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि इस डेटा को इकट्ठा करने में इंडस्ट्री उन्हें काफी सहयोग देती है और इसके तहत इकट्ठा किए गए डेटा को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाता है। शिविर के दौरान एएसआई रिटर्न दाखिल करने का प्रशिक्षण दिया गया और औद्योगिक प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब भी दिए गए। इस मौके पर एसएसओ के साथ उपनिदेशक पल्लवी अग्रवाल श्रीवास्तव, सहायक निदेशक अरुण कुमार और गौरव गुप्ता भी मौजूद रहे।

ਭਾਰਤੀ ਮਿਆਰ ਬਿਊਰੋ ਨੇ ਜਿਲ੍ਹਾ ਮੋਗਾ ਵਿਖੇ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਕੈਂਪ ਲਾਇਆ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਮੋਗਾ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਆਈ.ਏ.ਐਸ. ਅਤੇ ਅਨੀਤਾ ਦਰਸ਼ੀ ਵਧੀਕ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਅਤੇ ਹਰਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਜਿਲ੍ਹਾ ਵਿਕਾਸ ਅਤੇ ਪੰਚਾਇਤ ਅਫ਼ਸਰ ਮੋਗਾ ਦੇ ਸਹਿਯੋਗ ਨਾਲ ਭਾਰਤੀ ਮਿਆਰ ਬਿਊਰੋ (ਖਪਤਕਾਰ ਮਾਮਲੇ ਖੁਰਾਕ ਅਤੇ ਜਨਤਕ ਵੰਡ ਮੰਤਰਾਲਿਆ ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ) ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਸ਼ਾਖਾ ਦਫਤਰ ਸੀ.ਐਚ.ਬੀ.ਓ. ਵੱਲੋਂ ਅੱਜ ਮੋਗਾ-1/2 ਵਿਖੇ ਬੀ.ਡੀ.ਪੀ.ਓ. ਸ਼੍ਰੀ ਰਾਜਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਵਿੱਚ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਕੈਂਪ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕਰਵਾਇਆ ਗਿਆ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ 55 ਸਰਪੰਚਾਂ ਪੰਚਾਂ ਅਤੇ ਸੰਮਤੀ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਸ਼ਮੂਲੀਅਤ ਕੀਤੀ।

ਇਸ ਮੌਕੇ ਪਿੰਡਾਂ ਲਈ ਬੀ.ਆਈ.ਐੱਸ. ਮਿਆਰਾਂ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਬਾਰੇ ਕਿਤਾਬਚਾ ਅਤੇ ਫਲਾਇਰ ਅਤੇ ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਜਾਣਕਾਰੀ ਭਾਗੀਦਾਰਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡੀ ਗਈ ਤਾਂ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਖੇਤੀ ਸੈਕਟਰ ਦੇ ਗਿਆਨ ਵਿਚ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ। ਇਸ ਸਮਾਗਮ ਦੌਰਾਨ ਭਾਗੀਦਾਰਾਂ ਨੂੰ ਵਿਕਾਸ ਗਤੀਵਿਧੀ, ਨਿੱਜੀ ਲੋੜਾਂ ਜਾਂ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸਿੰਚਾਈ ਸਰੋਤ ਬਣਾਉਣ ਸਮੇਂ ਮਿਆਰੀ ਸਾਮਾਨ ਖਰੀਦਣ ਲਈ ਮਿਆਰਾਂ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਬਾਰੇ ਜਾਣੂ ਕਰਵਾਇਆ ਗਿਆ। ਭਾਗੀਦਾਰਾਂ ਨੇ ਬੀ.ਆਈ ਐੱਸ. ਕੇਅਰ ਐਪ ਨੂੰ ਵੀ ਡਾਊਨਲੋਡ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਅਸਲ ਆਈ.ਐੱਸ.ਆਈ. ਮਾਰਕ ਦੀ ਪ੍ਰਮਾਣਿਕਤਾ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰਨ ਲਈ ਇਸ ਐਪ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨਾ ਸਿੱਖਿਆ ਤਾਂ ਜੋ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਮਿਆਰਾਂ ਬਾਰੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਗਿਆਨ ਵਿਚ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ। ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੌਰਾਨ ਵੱਡੀ ਗਿਣਤੀ ਵਿਚ ਮਹਿਲਾ ਪੰਚਾਇਤ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਹਾਲ ਮਾਰਕਿੰਗ ਅਤੇ ਬੀ.ਆਈ.ਐੱਸ.ਕੇਅਰ ਐਪ 'ਤੇ ਚਰਚਾ ਵਿਚ ਉਤਸ਼ਾਹ ਨਾਲ ਹਿੱਸਾ ਲਿਆ।ਭਾਗੀਦਾਰਾਂ ਨੇ ਬੜੇ ਜੋਸ਼ ਨਾਲ ''ਜਾਗੋ ਗ੍ਰਾਹਕ ਜਾਗੋ'' ਦਾ ਨਾਅਰਾ ਵੀ ਲਗਾਇਆ। ਭਾਗੀਦਾਰਾਂ ਨੇ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਦੌਰਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੀ ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਬਾਰੇ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਸਾਂਝੇ ਕੀਤੇ। ਭਾਗੀਦਾਰ ਇਹ ਜਾਣ ਕੇ ਹੈਰਾਨ ਰਹਿ ਗਏ ਕਿ ਉਹ ਬੀ. ਆਈ. ਐੱਸ. ਕੇਅਰ ਐਪ ਤੇ ਸਿੱਧੇ ਤੌਰ 'ਤੇ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਟੈਂਡਰਡ ਮਾਰਕ ਦੀ ਦੁਰਵਰਤੋਂ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਹਾਜ਼ਰੀਨ ਨੇ ਬੀ. ਆਈ. ਐੱਸ. ਮਾਰਕਿੰਗ ਅਤੇ ਪ੍ਰਮਾਣਿਕਤਾ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰਨ ਦੇ ਸਾਧਨਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਨਵੇਂ ਗਿਆਨ ਬਾਰੇ ਚਾਨਣਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਆਪਣੇ-ਆਪਣੇ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿਚ ਅਜਿਹੇ ਹੋਰ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਕਰਵਾਉਣ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਵਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਸੁਪਰਡੈਂਟ ਪੰਚਾਇਤ ਸੰਮਤੀ ਮੋਗਾ-2 ਨੇ ਇਸ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਨੂੰ ਸਫਲਤਾਪੂਰਵਕ ਕਰਵਾਉਣ ਵਿੱਚ ਅਹਿਮ ਯੋਗਦਾਨ ਦਿੱਤਾ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਆਏ ਹੋਏ ਪੰਚਾਂ ਅਤੇ ਸਰਪੰਚਾਂ ਨੂੰ ਰਿਫਰੈਸ਼ਮੈਂਟ ਵੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਬੀ.ਡੀ.ਪੀ.ਓ. ਰਾਜਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਬੀ.ਆਈ.ਐਸ ਤੋਂ ਆਏ ਹੋਏ ਦਲਬੀਰ ਸਿੰਘ (ਸਲਾਹਕਾਰ ਬੀ.ਆਈ.ਐਸ.) ਸੁਰੇਸ਼ ਜੈਨ (ਰਿਸੋਰਸ ਪਰਸਨ) ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ।

ਜੇਕਰ ਸੰਭਵ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ 'ਤੇ ਸੀ.ਸੀ.ਟੀ.ਵੀ. ਕੈਮਰੇ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਆਦੇਸ਼ ਜਾਰੀ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਕੁਝ ਸਮਾਜ ਵਿਰੋਧੀ ਅਨਸਰਾਂ ਵੱਲੋਂ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਗੁਰਦੁਆਰਿਆਂ/ਮਸਜਿਦਾਂ/ਮਸੀਤਾਂ/ਚਰਚਾ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਧਾਰਮਿਕ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਬੇਅਦਬੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਇਸ ਨਾਲ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਦੀਆਂ ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਠੇਸ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਵਿੱਚ ਅਮਨ ਕਾਨੂੰਨ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਭੰਗ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਅਜਿਹੀਆਂ ਕਾਰਵਾਈਆਂ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਫੌਰੀ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ। ਇਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਕਰਦਿਆਂ ਜ਼ਿਲਾ ਮੈਜਿਸਟ੍ਰੇਟ-ਕਮ- ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਮੋਗਾ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਪਰੋਕਤ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਦੇ ਹੋਏ ਫ਼ੌਜ਼ਦਾਰੀ ਜਾਬਤਾ ਸੰਘਤਾ 1973 (1974 ਦਾ ਐਕਟ ਨੰ.2) ਦੀ ਧਾਰਾ 144 ਅਧੀਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਜ਼ਿਲਾ ਮੋਗਾ ਦੀ ਹਦੂਦ ਅੰਦਰ ਮੌਜੂਦ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਬੰਧਕਾਂ/ਕਮੇਟੀਆਂ ਨੂੰ ਹੁਕਮ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਕਿ ਜੇਕਰ ਸੰਭਵ ਹੋਏ ਤਾਂ ਕਿਸੇ ਵੀ ਅਣਸੁਖਾਵੀ ਘਟਨਾ ਰੋਕਣ ਲਈ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ 'ਤੇ ਸੀ.ਸੀ.ਟੀ.ਵੀ. ਲਗਵਾ ਲਏ ਜਾਣ।

ਚਾਈਨਾ ਡੋਰ ਵੇਚਣ/ਸਟੋਰ/ਵਰਤੋਂ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ ਆਦੇਸ਼ ਜਾਰੀ

ਸ਼ਹਿਰਾਂ/ਪਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ ਮੀਟ ਸ਼ਾਪ ਦੀਆਂ ਦੁਕਾਨਾਂ/ਖੋਖੇ ਆਦਿ ਲਗਾ ਕੇ ਮੀਟ ਵੇਚਣ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ-ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ  ਮੈਜਿਸਟ੍ਰੇਟ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੈਜਿਸਟ੍ਰੇਟ-ਕਮ-ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਮੋਗਾ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਫੌਜ਼ਦਾਰੀ ਜ਼ਾਬਤਾ ਸੰਘਤਾ 1973 ਦੀ ਧਾਰਾ 144 ਅਧੀਨ ਮਿਲੇ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੋਗਾ 'ਚ ਕੁੱਝ ਪਾਬੰਦੀਆਂ ਦੇ ਹੁਕਮ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਹਨ। ਇਹ ਆਦੇਸ਼  29 ਫਰਵਰੀ, 2024 ਤੱਕ ਲਾਗੂ ਰਹਿਣਗੇ।

ਆਮ ਜਨਤਾ ਲਈ ਲਾਇਸੰਸੀ ਤੇ ਹੋਰ ਤੇਜ਼ਧਾਰ ਹਥਿਆਰ ਨਾਲ ਲੈ ਕੇ ਚੱਲਣ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ

ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ 'ਚ ਅਮਨ-ਸ਼ਾਂਤੀ ਕਾਇਮ ਰੱਖਣ ਦੇ ਮੱਦੇ-ਨਜ਼ਰ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੀ ਹਦੂਦ ਅੰਦਰ ਆਮ ਜਨਤਾ ਲਈ ਲਾਇਸੰਸੀ ਹਥਿਆਰ, ਟਕੂਏ, ਬਰਛੇ, ਛੁਰੇ, ਤ੍ਰਿਸ਼ੂਲ ਤੇ ਹੋਰ ਤੇਜ਼ਧਾਰ ਹਥਿਆਰ ਨਾਲ ਲੈ ਕੇ ਚੱਲਣ ਅਤੇ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕਰਨ 'ਤੇ ਪੂਰਨ ਰੋਕ ਲਗਾਈ ਹੈ। ਇਹ ਹੁਕਮ ਪੁਲਿਸ, ਹੋਮਗਾਰਡ ਜਾਂ ਸੀ.ਆਰ.ਪੀ.ਐਫ. ਕ੍ਰਮਚਾਰੀਆਂ, ਜਿੰਨ੍ਹਾਂ ਕੋਲ ਸਰਕਾਰੀ ਹਥਿਆਰ ਹਨ ਅਤੇ ਅਸਲਾ ਚੁੱਕਣ ਦੀ ਮਨਜ਼ੂਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅਸਲਾ ਧਾਰਕਾਂ 'ਤੇ ਲਾਗੂ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ।

ਜ਼ਿਲੇ 'ਚ ਪਲਾਸਟਿਕ ਲਿਫ਼ਾਫਿਆਂ ਨੂੰ ਬਣਾਉਣ, ਸਟੋਰ ਕਰਨ, ਵੇਚਣ ਅਤੇ ਵਰਤੋਂ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ

ਤਕਨਾਲਜੀ ਦਬਾਅ ਅਤੇ ਮੰਡੀਕਰਨ ਦੀਆਂ ਨਵੀਆਂ ਜੁਗਤਾਂ ਕਰਕੇ ਵਰਤ ਕੇ ਸੁੱਟਣ ਵਾਲੀਆਂ, ਪੈਕ ਕਰਨ ਲਈ ਅਤੇ ਪਲਾਸਟਿਕ ਦੇ ਲਿਫਾਫਿਆਂ ਦੀ ਉਪਭੋਗੀ ਵਸਤੂਆਂ ਲਈ ਵਧ ਰਹੀ ਖਪਤ ਕਾਰਣ ਬਹੁਤ ਜਿਆਦਾ ਪਲਾਸਟਿਕ ਦੀ ਰੱਦੀ ਕੂੜਾ ਕਰਕਟ ਸੁੱਟਣ ਦੀਆਂ ਥਾਵਾਂ ਅਤੇ ਖੁੱਲੀਆਂ ਥਾਵਾਂ ਆਦਿ ਤੇ ਥਾਂ ਮੱਲ ਰਹੀ, ਇਹ ਲਿਫ਼ਾਫੇ ਸੀਵਰੇਜ਼ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ਖਾਸ ਤੌਰ ਤੇ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਨਾਲੀਆਂ ਅਤੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਨਾਲਿਆਂ ਵਿੱਚ ਰੁਕਾਵਟ ਦਾ ਕਾਰਣ ਬਣਦੇ ਹਨ। ਇਸੇ ਤਰਾਂ ਮਨੁੱਖੀ ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਧਿਆਨ 'ਚ ਰੱਖਦਿਆਂ 'ਦੀ ਪੰਜਾਬ ਪਲਾਸਟਿਕ ਅਤੇ ਕੈਰੀ ਬੈਗ (ਮੈਨੂਫੈਕਚਰਿੰਗ, ਯੂਜਿਜ ਐਂਡ ਡਿਸਪੋਜ਼ਲ) ਕੰਟਰੋਲ ਐਕਟ, 2005' ਅਨੁਸਾਰ ਜਿਲੇ 'ਚ 30 ਮਾਈਕਰੋਨ ਤੋਂ ਘੱਟ ਮੋਟਾਈ ਅਤੇ 8 12 ਇੰਚੀ ਆਕਾਰ ਤੋਂ ਘੱਟ ਅਣਲੱਗ ਪਲਾਸਟਿਕ ਲਿਫਾਫਿਆਂ ਨੂੰ ਬਣਾਉਣ, ਸਟੋਰ ਕਰਨ, ਵੇਚਣ ਅਤੇ ਵਰਤੋਂ 'ਤੇ ਪੂਰਣ ਪਾਬੰਦੀ ਲਗਾਈ ਗਈ ਹੈ। ਪਲਾਸਟਿਕ ਮਨੁੱਖੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ ਪਸ਼ੂਆਂ ਵੱਲੋਂ ਪਲਾਸਟਿਕ ਲਿਫ਼ਾਫ਼ਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਖਾਧੇ ਜਾਣ ਕਾਰਣ ਗੰਭੀਰ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨਾਂ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਆਮ ਜਨ-ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਭਾਰੀ ਵਿਘਨ ਪੈਂਦਾ ਹੈ।

ਪਿੰਡਾਂ ਦੀਆਂ ਫਿਰਨੀਆਂ 'ਤੇ ਰੂੜੀਆਂ ਆਦਿ ਦੇ ਢੇਰ ਲਗਾ ਕੇ ਨਜਾਇਜ਼ ਕਬਜ਼ੇ ਕਰਨ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ

ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੈਜਿਸਟ੍ਰੇਟ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਪਿੰਡਾਂ ਦੀਆਂ ਫਿਰਨੀਆਂ 'ਤੇ ਰੂੜੀਆਂ ਆਦਿ ਦੇ ਢੇਰ ਲਗਾ ਕੇ ਅਤੇ ਹੋਰ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਨਜਾਇਜ਼ ਕਬਜੇ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ, ਜਿਸ ਕਾਰਣ ਜਿਥੇ ਦੁਰਘਟਨਾ ਵਾਪਰਨ ਦਾ ਖਤਰਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਥੇ ਲੜਾਈ-ਝਗੜੇ ਕਾਰਣ ਜਾਨੀ ਤੇ ਮਾਲੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹੋਣ ਦਾ ਡਰ ਵੀ ਬਣਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਜਿਲੇ ਅੰਦਰ ਸੜਕਾਂ ਦੇ ਇਰਦ-ਗਿਰਦ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਕੂੜੇ ਦੇ ਢੇਰ ਲਗਾਉਣ ਅਤੇ ਆਮ ਕਿਸਾਨਾਂ ਵੱਲੋਂ ਬਰਮਾ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਕੱਟਣ 'ਤੇ ਵੀ ਪਾਬੰਦੀ ਲਗਾਈ ਗਈ ਹੈ।

ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਅਤੇ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ ਮੀਟ ਸ਼ਾਪ ਦੀਆਂ ਦੁਕਾਨਾਂ/ਖੋਖੇ ਆਦਿ ਲਗਾ ਕੇ ਮੀਟ ਵੇਚਣ 'ਤੇ ਵੀ ਪਾਬੰਦੀ

ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਅਤੇ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ ਮੀਟ ਸ਼ਾਪ ਦੀਆਂ ਦੁਕਾਨਾਂ/ਖੋਖੇ ਆਦਿ ਲਗਾ ਕੇ ਮੀਟ ਵੇਚਣ 'ਤੇ ਵੀ ਪਾਬੰਦੀ ਲਗਾਈ ਗਈ ਹੈ। ਉਨਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਜਿਲੇ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਅਤੇ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ ਕਈ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਮੀਟ ਸ਼ਾਪ ਦੀਆਂ ਦੁਕਾਨਾਂ ਅਤੇ ਖੋਖੇ ਆਦਿ ਬਣਾਏ ਹੋਏ ਹਨ, ਜਿੱਥੇ ਇਹ ਵਿਅਕਤੀ ਬੱਕਰੇ, ਮੁਰਗੇ ਅਤੇ ਮੱਛੀ ਆਦਿ ਕੱਟ ਕੇ ਵੇਚਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਨਾਲ ਜਿੱਥੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ/ਪਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਬੂ ਫੈਲਦੀ ਹੈ ਤੇ ਗੰਦਗੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਉਥੇ ਵਾਤਾਵਰਣ ਦੂਸਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੀਵਰੇਜ ਬੰਦ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਉਨਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਪੱਕੇ ਤੌਰ 'ਤੇ ਸਲਾਟਰ ਹਾਊਸ ਬਣਾਏ ਹੋਏ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਮੀਟ ਕੇਵਲ ਸਲਾਟਰ ਹਾਊੋਸ ਵਿੱਚ ਹੀ ਕੱਟਿਆ/ਵੇਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ।

ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਅਤੇ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ ਸੀਮਨ ਦਾ ਅਣ-ਅਧਿਕਾਰਤ ਤੌਰ 'ਤੇ ਭੰਡਾਰਨ/ ਟਰਾਂਸਪੋਰੇਸ਼ਨ ਕਰਨ, ਵਰਤਣ ਜਾਂ ਵੇਚਣ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ

ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਥਾਵਾਂ 'ਤੇ ਨਕਲੀ ਅਤੇ ਅਣ-ਅਧਿਕਾਰਤ ਸੀਮਨ ਵਿਕਣ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਸਾਹਮਣੇ ਆ ਰਹੀਆਂ ਹਨ। ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਅਣ-ਅਧਿਕਾਰਤ ਤੌਰ 'ਤੇ ਵੇਚੇ ਜਾ ਰਹੇ ਸੀਮਨ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨਾ ਰਾਜ ਦੀ ਬਰੀਡਿੰਗ ਪਾਲਿਸੀ ਅਨੁਸਾਰ ਉੱਚਿਤ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੋਗਾ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਅਤੇ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ ਸੀਮਨ ਦਾ ਅਣ-ਅਧਿਕਾਰਤ ਤੌਰ 'ਤੇ ਭੰਡਾਰਨ ਕਰਨ, ਟਰਾਂਸਪੋਰੇਸ਼ਨ ਕਰਨ, ਵਰਤਣ ਜਾਂ ਵੇਚਣ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ ਲਗਾਈ ਗਈ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਇਹ ਹੁਕਮ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਵਿਭਾਗ ਦੀਆਂ ਵੈਟਨਰੀ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਸਮੇਤ ਪਸ਼ੂ ਹਸਪਤਾਲ/ਡਿਸਪੈਂਸਰੀਆਂ ਤੇ ਪੋਲੀ-ਕਲੀਨਿਕ, ਰੂਰਲ ਵੈਟਨਰੀ ਹਸਪਤਾਲਾਂ, ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਵਿਭਾਗ, ਪੰਜਾਬ ਮਿਲਕਫੈਡ ਅਤੇ ਗਡਵਾਸੂ ਲੁਧਿਆਣਾ ਵੱਲੋਂ ਚਲਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਆਰਟੀਫ਼ੀਸ਼ਲ ਇਨਸੈਮੀਨੇਸ਼ਨ ਸੈਂਟਰਾਂ, ਕੋਈ ਹੋਰ ਆਰਟੀਫੀਸ਼ਨ ਇਨਸੈਮੀਨੇਸ਼ਨ ਸੈਂਟਰ ਜ਼ੋ ਕਿ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਵਿਭਾਗ ਵੱਲੋ ਪ੍ਰੋਸੈਸ ਅਤੇ ਸਪਲਾਈ ਜਾਂ ਇੰਪੋਰਟ ਕੀਤੇ ਗਏ ਬੋਵਾਇਨ ਸੀਮਨ ਨੂੰ ਵਰਤ ਰਹੇ ਹਨ, ਪ੍ਰੋਗਰੈਸਿਵ ਡੇਅਰੀ ਫਾਰਮਰਜ਼ ਐਸੋਸੀਏਸ਼ਨ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਮੈਂਬਰ ਜਿੰਨਾਂ ਨੇ ਕੇਵਲ ਆਪਣੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਬੋਵਾਇਨ ਸੀਮਨ ਇੰਪੋਰਟ ਕੀਤਾ ਹੋਵੇ ਆਦਿ 'ਤੇ ਲਾਗੂ ਨਹੀਂ ਹੋਣਗੇ।

ਜ਼ਿਲੇ ਅੰਦਰ ਚਾਈਨਾ ਡੋਰ ਨੂੰ ਵੇਚਣ, ਸਟੋਰ ਕਰਨ ਅਤੇ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ

ਜ਼ਿਲਾ ਮੈਜਿਸਟ੍ਰੇਟ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਜ਼ਿਲੇ ਅੰਦਰ ਅਕਸਰ ਅਤੇ ਵਿਸੇਸ਼ ਕਰਕੇ ਬਸੰਤ ਪੰਚਮੀ ਦੇ ਮੌਕੇ 'ਤੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਤੰਗਾਂ ਉਡਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇੰਨਾਂ ਪਤੰਗਾਂ ਲਈ ਚਾਈਨਾ ਡੋਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵੀ ਕਾਫੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਇਹ ਸੰਥੈਟਿਕ/ਪਲਾਸਟਿਕ ਦੀ ਬਣੀ ਡੋਰ ਕਾਫ਼ੀ ਮਜਬੂਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਤੰਗ ਉਡਾਉਣ ਵਾਲਿਆਂ ਦੇ ਹੱਥ ਤੇ ਉੱਂਗਲਾਂ ਕੱਟਣ, ਸਾਈਕਲ ਤੇ ਸਕੂਟਰ, ਮੋਟਰ ਸਾਈਕਲ ਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਗਲ ਅਤੇ ਕੰਨ ਕੱਟਣ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਵਾਪਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਅਜਿਹੀ ਹਾਲਤ ਵਿੱਚ ਐਕਸੀਡੈਂਟ ਹੋਣ ਦਾ ਵੀ ਡਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਚਾਈਨਾ ਡੋਰ ਵਿੱਚ ਫ਼ਸੇ ਪੰਛੀਆਂ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਜਾਣ ਤੇ ਉਨਾਂ ਦੇ ਰੁੱਖਾਂ 'ਤੇ ਟੰਗੇ ਰਹਿਣ ਕਾਰਣ ਬਦਬੂ ਨਾਲ ਵਾਤਾਵਰਣ ਵੀ ਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਚਾਈਨਾ ਡੋਰ ਮਨੁੱਖੀ ਜਾਨਾਂ ਅਤੇ ਪੰਛੀਆਂ ਲਈ ਘਾਤਕ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਇੰਨਾਂ ਤੱਥਾਂ ਨੂੰ ਮੁੱਖ ਰੱਖਦਿਆਂ ਸੰਥੈਟਿਕ/ਪਲਾਸਟਿਕ ਦੀ ਬਣੀ (ਚਾਈਨਾ ਡੋਰ) ਨੂੰ ਵਰਤਣ, ਵੇਚਣ ਅਤੇ ਸਟੋਰ ਕਰਨ 'ਤੇ ਪੂਰਨ ਰੋਕ ਲਗਾ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ

लायंस क्लब जालंधर ने सेवा का किया सार्थक प्रोजेक्ट

जालंधर (अरोड़ा) :- लायंस क्लब जालंधर  ने  सेवा की प्रकल्पों की लड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रधान  मनीष चोपड़ा व प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूर्व प्रधान जी डी कुन्द्रा की अगुवाई में पहला कदम फ्री स्कूल न्यू रतन नगर में सभी बच्चों  को  स्टेशनरी भेंट की। इस प्रोजेक्ट में जॉइंट सैकट्री लांयन मितुल चोपड़ा ने सहयोग किया। लायंस सदस्यों ने नेता सुभाष चंद्र बोस जी की 127वीं जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और बच्चों को नेता जी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया।

जीडी कुन्द्रा ने कहा लायंस क्लब जालंधर प्रधान मनीष चोपड़ा की अगुवाई में समाज व मानवता की सेवा के प्रोजेक्ट लगातार कर रहे हैं जैसे कि फूड फार हंगर, पर्यावरण संरक्षण, जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े देना, लड़कियों को शादी का सामान देना, आंखों के ऑपरेशन करवाना, छात्रों कीआर्थिक मदद करने जैसे बहुत ही सराहनीय कार्य किए हैं। इस मौके पर कोषाध्यक्ष मोहित सलूजा, पीआरओ खुशपाल सिंह, मीडिया चेयरमैन साहिल अरोड़ा, मीडिया कोआर्डिनेटर जगन नाथ सैनी, पूर्व प्रधान जी डी कुन्द्रा, सीनियर लांयन सदस्य एम ऐल गुप्ता, हंस राज मल्होत्रा, एन के महेंद्रू, ऐ के बहल, गुरदीप सिंह, जनक राज, सुभाष गुप्ता, राजेन्द्र रिषी, रोशन मित्तल, अध्यापक व बच्चे उपस्थित थे।

ਤਿੰਨ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀਆਂ ਅਤੇ ਟੈਰਾਕੋਟਾ ਕਲੱਸਟਰ ਦੇ ਮੈਬਰਾਂ ਨੇ ਆਪਣੀਆਂ ਪ੍ਰਾਪਤੀਆਂ ਸਾਂਝੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਪਦਮਾਨੰਦ, ਪਾਰਟਨਰ ਗ੍ਰਾਂਟ ਥਾਰਨਟਨ ਭਾਰਤ, ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ, ਮੈਨੇਜਰ, ਕੁੰਦਨ ਕੁਮਾਰ, ਮੈਨੇਜਰ, ਜੀ.ਟੀ ਭਾਰਤ, ਸੌਰਭ ਸ਼ੇਖਾਵਤ, ਸਲਾਹਕਾਰ, ਸੰਚਿਤ ਸ਼ਰਮਾ, ਸਲਾਹਕਾਰ ਅਤੇ ਸਾਕਸ਼ੀ ਜੈਨ, ਸਲਾਹਕਾਰ ਨੇ ਪਿੰਡ ਕੋਕਰੀ ਕਲਾਂ ਦਾ ਦੌਰਾ ਕੀਤਾ ਜਿੱਥੇ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀਆਂ ਅਤੇ ਮੋਗਾ ਵਿੱਚ ਤਿਆਰ ਕੀਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਟੈਰਾਕੋਟਾ ਕਲੱਸਟਰ ਨੇ ਇਕ ਸਾਂਝੇ ਪਲੇਟਫਾਰਮ 'ਤੇ ਇੱਕਜੁੱਟ ਹੋ ਕੇ ਆਪਣੀਆਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਾਪਤੀਆਂ ਬਾਰੇ ਚਾਨਣਾ ਪਾਇਆ। ਇਸ ਮੀਟਿੰਗ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਭਵਿੱਖ ਦੇ ਯਤਨਾਂ 'ਤੇ ਚਰਚਾ ਕਰਨ ਅਤੇ ਰਣਨੀਤੀ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਮੌਕਾ ਵੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤਾ। ਐੱਚ ਡੀ ਐੱਫ ਸੀ ਬੈਂਕ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨੇ ਜੀ ਟੀ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸਹਿਯੋਗ ਨਾਲ, ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਪਰਿਵਰਤਨਸ਼ੀਲ ਪੇਂਡੂ ਆਰਥਿਕ ਸਸ਼ਕਤੀਕਰਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ (STREE) ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਦੇ ਨਾਲ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਇਹ ਪਹਿਲਕਦਮੀ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀਆਂ (FPCs) ਦੇ ਗਠਨ ਅਤੇ ਪਾਲਣ ਪੋਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਰਹੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਇਸ ਖੇਤਰ ਦੇ ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਢਾਂਚੇ ਨੂੰ ਬਦਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਇਹ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਚਾਰ ਜ਼ਿਲ੍ਹਿਆਂ ਰੂਪਨਗਰ, ਬਰਨਾਲਾ, ਲੁਧਿਆਣਾ ਅਤੇ ਮੋਗਾ 'ਤੇ ਕੇਂਦਰਿਤ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਉਥੋਂ ਦੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਪੇਂਡੂ ਆਰਥਿਕਤਾ ਨੂੰ ਮੁੜ ਸੁਰਜੀਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ। ਇਸ ਨੇ 16 ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀਆਂ ਨੂੰ ਸਫਲਤਾਪੂਰਵਕ ਰਜਿਸਟਰ ਕੀਤਾ ਹੈ, 10,000 ਤੋਂ ਵੱਧ ਮੈਂਬਰ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਤੌਰ 'ਤੇ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਦੀ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਇੱਕ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਉਦਾਹਰਣ ਪਿੰਡ ਨਿਧਾਂਵਾਲਾ ਵਿੱਚ ਸੁਖਮਨੀ ਮਹਿਲਾ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੇ 450 ਤੋਂ ਵੱਧ ਮਹਿਲਾ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਵਾਜਬ ਕੀਮਤਾਂ 'ਤੇ ਚੰਗੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਾਲੇ ਬੀਜ, ਕੀੜੇਮਾਰ ਦਵਾਈਆਂ ਅਤੇ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਸਹੂਲਤ ਦੇ ਨਾਲ ਕਵਰ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਇਹ ਪਹਿਲਕਦਮੀ ਨਾ ਸਿਰਫ਼ ਟਿਕਾਊ ਖੇਤੀ ਅਭਿਆਸਾਂ ਨੂੰ ਉਤਸ਼ਾਹਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ਸਗੋਂ ਕਾਸ਼ਤ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨੂੰ ਵੀ ਘਟਾਉਂਦੀ ਹੈ। ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀ ਦੀ ਇਨਪੁਟ ਦੁਕਾਨ ਡੇਅਰੀ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਖੁਰਾਕ ਵੀ ਸਪਲਾਈ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਖੇਤੀ ਸਮੱਗਰੀ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਦੇ ਨਾਲ, ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀਆਂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਸਹੂਲਤਾਂ ਵੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ, ਕੋਕਰੀ ਕਲਾਂ, ਮੋਗਾ ਵਿੱਚ ਦੂਸਰੀ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀ ਨੇ ਇੱਕ ਵਿਕੇਂਦਰੀਕ੍ਰਿਤ ਦੁੱਧ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਕੇਂਦਰ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤਾ ਹੈ ਜੋ ਮਹਿਲਾ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰਵਾਜ਼ੇ 'ਤੇ ਚੰਗੀ ਕੀਮਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਮਦਦ ਕਰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀ ਨੇ ਮਹਿਲਾ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਖਾਦ ਅਤੇ ਡੇਅਰੀ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੇ ਚਾਰੇ ਦੀ ਸਹੂਲਤ ਵੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਹੈ। ਬਾਘਾ ਪੁਰਾਣਾ ਬਲਾਕ ਵਿੱਚ ਤੀਸਰੀ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀ ਚੇਨਾਬ ਵੂਮੈਨ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀ ਨੇ ਡੇਅਰੀ ਅਤੇ ਖੁੰਬਾਂ ਦੀ ਕਾਸ਼ਤ ਦੇ ਸਬੰਧ ਵਿੱਚ ਸਫਲਤਾਪੂਰਵਕ ਨਤੀਜੇ ਦਿਖਾਏ।  ਇਸ ਕਿਸਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਕੰਪਨੀ ਰਾਹੀਂ ਮਹਿਲਾ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਬਾਸਮਤੀ ਚੌਲਾਂ ਦੀ ਚੰਗੀ ਕੀਮਤ 'ਤੇ ਖਰੀਦ ਦੀ ਸਹੂਲਤ ਵੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ। ਮੋਗਾ ਵਿੱਚ 50 ਟੈਰਾਕੋਟਾ ਕਾਰੀਗਰ ਵਰਤਮਾਨ ਵਿੱਚ ਸਮਾਲ ਇੰਡਸਟ੍ਰੀਅਲ ਬੈਂਕ ਆਫ ਇੰਡੀਆ ਦੁਆਰਾ ਤਿਆਰ ਕੀਤੇ ਗਏ ਅਤੇ ਗ੍ਰਾਂਟ ਥੋਰਨਟਨ ਭਾਰਤ ਐਲਐਲਪੀ ਦੁਆਰਾ ਮੁਹਾਰਤ ਨਾਲ ਲਾਗੂ ਕੀਤੇ ਦੂਰਦਰਸ਼ੀ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਕੇਅਰ ਦੁਆਰਾ ਹੁਨਰ ਵਿਕਾਸ ਅਤੇ ਸਮਰੱਥਾ ਨਿਰਮਾਣ ਦੀ ਇੱਕ ਪਰਿਵਰਤਨਸ਼ੀਲ ਯਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਹਿੱਸੇਦਾਰ ਹਨ।

ਵੋਟਰ ਸੂਚੀਆਂ ਦੀ ਅੰਤਿਮ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਨਾ ਮੁਕੰਮਲ, ਵੋਟਰਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਗਿਣਤੀ ਹੋਈ 7,55,753

ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਚੋਣ ਅਫ਼ਸਰ ਨੇ ਰਾਜਸੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ਨੂੰ ਫੋਟੋ ਵੋਟਰ ਸੂਚੀਆਂ ਦੇ ਸੈੱਟ ਸੌਂਪੇ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਭਾਰਤ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਵੱਲੋਂ ਯੋਗਤਾ ਮਿਤੀ 1 ਜਨਵਰੀ, 2024 ਦੇ ਅਧਾਰ ਉੱਤੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੋਗਾ ਦੇ ਸਮੂਹ 4 ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਹਲਕਿਆਂ ਵਿਚ ਸਬੰਧਤ ਚੋਣਕਾਰ ਰਜਿਸਟ੍ਰੇਸ਼ਨ ਅਫ਼ਸਰਾਂ ਰਾਹੀਂ ਵੋਟਰ ਸੂਚੀਆਂ ਦੀ ਅੰਤਿਮ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਨਾ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੋਗਾ ਦੀਆਂ ਸਮੂਹ ਮਾਨਤਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਰਾਜਸੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ਨੂੰ ਅੰਤਿਮ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਿਤ ਫੋਟੋ ਵੋਟਰ ਸੂਚੀਆਂ ਦਾ ਇੱਕ-ਇੱਕ ਸੈੱਟ (ਹਾਰਡ ਕਾਪੀ) ਅਤੇ ਇੱਕ-ਇੱਕ ਸੀ.ਡੀ. (ਸਾਫਟ ਕਾਪੀ ਬਿਨਾ ਫੋਟੋ ਵਾਲੀ ) ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰਾਜਸੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਨ ਕਰਦਿਆਂ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਚੋਣ ਅਫਸਰ-ਕਮ- ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਵੋਟਰ ਸੂਚੀ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁਣ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੋਗਾ ਵਿੱਚ ਕੁੱਲ 7,55,753 ਵੋਟਰ ਦਰਜ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ 402618 ਮਰਦ, 353098 ਔਰਤ ਵੋਟਰ ਅਤੇ ਤੀਜੇ ਲਿੰਗ ਵਾਲੇ 37 ਵੋਟਰ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹਨ। ਪੋਲਿੰਗ ਸਟੇਸ਼ਨਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ 804 ਹੀ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਵਿੱਚ 2637 ਸਰਵਿਸ ਵੋਟਰ ਹਨ। ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਰਾਜਸੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਹ ਵੋਟਰ ਸੂਚੀਆਂ ਦੀ ਫਾਈਨਲ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਨਾ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਾਪਤ ਵੋਟਰ ਸੂਚੀ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਨਾਵਾਂ ਦੀ ਚੈਕਿੰਗ ਆਪਣੇ ਪੱਧਰ ਉੱਤੇ ਕਰ ਲੈਣ ਤਾਂ ਜੋ ਕਿਸੇ ਸੰਭਾਵੀ ਉਮੀਦਵਾਰ ਦਾ ਨਾਮ ਵੋਟਰ ਸੂਚੀ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੋਣ ਤੋਂ ਨਾ ਰਹਿ ਗਿਆ ਹੋਵੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਰਾਜਸੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦਿਆਂ ਪਾਸੋਂ ਆਸ ਕੀਤੀ ਕਿ ਉਹ ਭਾਰਤ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਵੱਲੋਂ ਜਾਰੀ ਹਦਾਇਤਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਆਪਣਾ ਸਹਿਯੋਗ ਕਰਨਗੀਆਂ।

ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀਨਿਧਾਂ ਨੂੰ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਹ ਬੂਥ ਲੈਵਲ ਤੇ ਬੂਥ ਲੈਵਲ ਏਜੰਟਾਂ ਦੀ ਨਿਯੁਕਤ ਕਰਨ ਤਾਂ ਜੋ ਭਾਰਤ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਵੱਲੋਂ ਜਾਰੀ ਹਦਾਇਤਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਅਗਾਮੀ ਲੋਕ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ-2024 ਨੂੰ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਅਤੇ ਨਿਰਪੱਖ ਢੰਗ ਨਾਲ ਨੇਪਰੇ ਚਾੜ੍ਹਿਆ ਜਾ ਸਕੇ। ਉਹਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਜਿਹਨਾਂ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਦੀ ਉਮਰ ਮਿਤੀ 01 ਜਨਵਰੀ, 2024 ਨੂੰ 18 ਸਾਲ ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨਾਂ ਦੀ ਵੋਟ ਨਹੀਂ ਬਣੀ, ਉਹ ਆਪਣੀ ਵੋਟ ਬਣਾਉਣ ਜਾਂ ਦਰੁਸਤੀ ਕਰਾਉਣ ਲਈ ਹਾਲੇ ਵੀ ਕੰਮ-ਕਾਜੇ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਆਪਣੇ ਸਬੰਧਤ ਬੀ ਐਲ ਓ ਕੋਲ ਜਾਂ ਐੱਸ ਡੀ ਐੱਮ ਦਫ਼ਤਰ ਵਿੱਚ ਜਾ ਕੇ ਫਾਰਮ ਭਰ ਕੇ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਭਾਰਤ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਦੀ ਵੈਬਸਾਈਟ 'ਤੇ ਜਾ ਕੇ ਆਨਲਾਈਨ ਫਾਰਮ ਵੀ ਭਰਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਅਗਰ ਫਿਰ ਵੀ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨੀ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ 1950 ਟੋਲ ਫ੍ਰੀ ਨੰਬਰ 'ਤੇ ਮੁਫ਼ਤ ਫੋਨ ਕਰਕੇ ਵੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਵੀ ਵੋਟਰ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵੋਟਰ ਕਾਰਡ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਦਰੁਸਤੀ ਕਰਵਾਉਣੀ ਹੈ ਜਾਂ ਆਪਣੀ ਵੋਟ ਕਟਵਾਉਣੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਵੀ ਫਾਰਮ ਭਰ ਕੇ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਚੋਣ ਤਹਿਸੀਲਦਾਰ ਬਰਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਵੱਖ ਵੱਖ ਰਾਜਸੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦੇ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਸੀ.ਪੀ.ਆਈ (ਐਮ) ਪਾਰਟੀ ਤੋਂ ਸੁਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਗਗੜਾ ਤੇ ਪਰਵੀਨ ਧਵਨ, ਬੀ.ਜੇ.ਪੀ. ਪਾਰਟੀ ਤੋਂ ਹਿਮਾਂਤ ਸਿੰਘ, ਕਾਂਗਰਸ ਤੋਂ ਸੰਜੀਵ ਕੋਛੜ, ਬੀ.ਐਸ.ਪੀ. ਪਾਰਟੀ ਤੋਂ ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ, ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ ਤੋਂ ਅਮਿਤ ਪੁਰੀ, ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਪਾਰਟੀ ਤੋਂ ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਆਦਿ ਹਾਜ਼ਰ ਸਨ ।

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