(Date : 01/May/2424)

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डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर के उप-प्राचार्य डॉ. कँवर दीपक हुए सेवा निवृत्त | डिप्स स्कूल सूरानुस्सी में किया गया इनवेस्टचर सेरेमनी आयोजित | सेंट सोल्जर कॉलेज, बस्ती दानिशमंदा में फेयरवेल पार्टी का आयोजन किया गया | सीटी ग्रुप ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को सराहना और सम्मान के साथ मनाया | संस्कृति के. एम. वी. के किकबॉक्सर जैस्मीन व पुष्कर पंजाब में अव्वल |

डीएवी यूनिवर्सिटी जालंधर ने की औषधीय पौधों पर






जालंधर (अरोड़ा) :- डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर ने "औषधीय पौधों, हल्दी-गुर महोत्सव" पर एक दिवसीय "स्टेकहोल्डर मीट" की मेजबानी की। बैठक का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में जानकारी देना और किसानों के कौशल को बढ़ाना था। कार्यक्रम पंजाब के कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर में स्थित रीजनल-कम-फैसिलिटेशन सेंटर के सहयोग से आयोजित किया गया। डीएवी यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान विभाग के छात्रों और पंजाब के विभिन्न जिलों से आए किसानों ने खाद्य और सब्जियों सहित कृषि उत्पादों से बने वैल्यू-ऐडेड  उत्पादों को भी प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जसप्रीत सिंह, उपायुक्त, जालंधर ने किया, जबकि डॉ गुरविंदर सिंह, निदेशक कृषि पंजाब ने समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर विधायक करतारपुर बलकार सिंह मुख्य अतिथि थे। डॉ अरुण चंदन, क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय-सह-सुविधा केंद्र और डॉ अवतार सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि (ई एंड टी), इस कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ़ ऑनर थे। इस अवसर पर बोलते हुए डीएवी विश्वविद्यालय के वाईस-चांसलर डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि ज्ञान का आदान-प्रदान महत्वपूर्ण है और इस तरह के आयोजनों को नियमित रूप से आयोजित किया जाना चाहिए।

समारोह में अन्य वक्ताओं ने पंजाब में कृषि के क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों, चुनौतियों और प्रगति पर प्रकाश डाला। डॉ अरुण चंदन ने पंजाब में औषधीय पौधों को बढ़ावा देने में क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र की भूमिका पर चर्चा की। केंद्र के उप निदेशक डॉ. सौरभ शर्मा ने उच्च व्यावसायिक मूल्य वाले और पंजाब में खेती के लिए उपयुक्त औषधीय पौधों से अवगत कराया। महावीर सिंह, मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ), पंजाब ने पंजाब में औषधीय पौधों को बढ़ावा देने में वन विभाग की भूमिका के बारे में बात की। डॉ. महेश कुमार, प्रोफेसर-कम-हेड, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पीएयू, लुधियाना ने अच्छी गुणवत्ता वाले गुड़ के उत्पादन के लिए अपनाई जाने वाली तकनीकों पर चर्चा की। डॉ. के.एस. थिंद, डीन, कृषि विज्ञान संकाय, डीएवी विश्वविद्यालय ने कृषि में जैविक खेती की भूमिका के बारे में बताया। वक्ताओं ने किसानों को आयुर्वेद में गुड़ और हल्दी के महत्व और औषधीय पौधों के प्रसंस्करण के अलावा इसके मूल्य संवर्धन के बारे में भी बताया। स्वागत भाषण प्रोफेसर डी आर नाग, सलाहकार, क्षेत्रीय-सह-सुविधा केंद्र, डॉ. गुरविंदर सिंह, कृषि और किसान कल्याण, पंजाब द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर डॉ जसवंत राय, मुख्य कृषि अधिकारी, जालंधर सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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