आई.के.जी पी.टी.यू के सेंटर फॉर सॉफ्ट स्किल्स द्वारा सकारात्मक मानसिकता के लिए 'माइंड योर माइंड' विषय पर सेमिनार आयोजित
- विश्वविद्यालय के 120 से अधिक छात्रों, संकाय सदस्यों ने लिया हिस्सा
जालंधर/कपूरथला (अरोड़ा) - आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आईकेजी पीटीयू) में जीवन से निराशा को दूर करने, सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने और दैनिक गतिविधियों के बीच मन एवं आत्मा को स्थिर एवं मजबूत रखने के उद्देश्य से एक दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार का शीर्षक "माइंड योर माइंड" था और इसका आयोजन विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सॉफ्ट स्किल्स द्वारा किया गया था। यह आयोजन कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सुशील मित्तल के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशानुसार आयोजित किया गया। रजिस्ट्रार डॉ. एस के मिश्रा ने इस सफल आयोजन के लिए सेंटर फॉर सॉफ्ट स्किल्स की टीम को बधाई दी। डीन अकादमिक प्रोफेसर (डॉ.) विकास चावला ने इस कार्यक्रम का कुशल नेतृत्व किया।
विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर कपूरथला में आयोजित इस सेमिनार में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों एवं संकाय सदस्यों ने भाग लिया! यह एक दिवसीय सेमिनार मेंटरिंग एंड प्रोफेशनल डेवलपमेंट (एमपीडी) व्याख्यान के दौरान आयोजित किया गया था। सेव सोसायटी से जुड़े आई.आई.टी रूड़की के पूर्व छात्र श्री संजय सिंह ने इसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थिति दर्ज करवाई। इसमें विभिन्न विभागों के 120 से अधिक विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। सेमिनार के दौरान संजय सिंह ने हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण पैटर्न के अस्तित्व के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की लत तनाव का एक स्रोत है! ये नियमित पढ़ाई के दौरान छात्रों के समय प्रबंधन को प्रभावित करती है और लक्ष्यों को प्राप्त करने के सुचारु दृष्टिकोण को कम करती है। छात्रों से बातचीत के दौरान उन्होंने सचिन तेंदुलकर, नेल्सन मंडेला, हैरी पॉटर और बिल गेट्स जैसे सफल लोगों द्वारा अपनाई गई जीवनशैली के बारे में बताया! उन्होंने बताया कि कैसे वह सकारात्मक मानसिकता बनाए रखते हुए जीवन में निराशाओं और अस्वीकृतियों पर काबू पाते हैं। इसके अलावा सेमिनार में ऐसे कई विषयों पर चर्चा हुई, जो अवचेतन मन पर असर डालते हैं और तनाव व चिंता बढ़ाते हैं। उन्होंने उस व्यवहार के बारे में भी बताया जो अवसाद और आत्महत्या की दर को बढ़ाता है। विशेषज्ञ संजय सिंह ने पवित्र भगवत गीता के श्लोकों को उद्धृत करते हुए बेचैन मन को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अभ्यासों को संबोधित किया।
इस सेमिनार के दौरान डीन अकादमिक प्रोफेसर (डॉ.) विकास चावला ने छात्रों के साथ हानिकारक आदतों से बचने और अव्यवस्थित जीवनशैली से खुद को बचाने के बारे में जानकारी साझा की! उन्होंने तनावपूर्ण स्थितियों से बचने की सलाह दी और विशेष वक्ता द्वारा साझा की गई जानकारी की सराहना की। सेमिनार को सफल बनाने में सेंटर फॉर सॉफ्ट स्किल्स से संबद्ध फैकल्टी डाॅ. पूजा मेहता, डाॅ. अखिल गुप्ता और अन्य समूह विभागों के संकाय सदस्यों ने बेहतर भूमिका निभाई! अंत में समन्वयक डाॅ. दलवीर कौर ने यूनिवर्सिटी स्टाफ द्वारा दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।