डीएवी कॉलेज जालंधर में पीओएसएच एक्ट पर व्याख्यान का आयोजन किया गया
जालंधर (अरोड़ा) :- महिला सशक्तिकरण एवं शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर द्वारा आईआईसी के सहयोग से कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम (पीओएसएच) अधिनियम, 2013 पर एक जागरूकता व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ. रूपम जगोटा, एसोसिएट डीन और प्रोफेसर, कानून विभाग, जीएनडीयू क्षेत्रीय परिसर, जालंधर ने बतौर अतिथि वक्ता शिरकत की। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, उप-प्राचार्य प्रो. अर्चना ओबेरॉय और पीठासीन अधिकारी, यौन उत्पीड़न के खिलाफ आंतरिक शिकायत समिति डॉ. अशोक खुराना, डॉ. कुँवर राजीव, प्रो. सोनिका, समिति के सदस्य और डॉ. दीपाली हांडा, संयोजक, महिला अधिकारिता और शिकायत निवारण प्रकोष्ठ ने डॉ. रूपम जगोटा का स्वागत किया। संयोजक डॉ. हांडा ने अतिथि वक्ता का औपचारिक स्वागत किया। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने अपने संबोधन में दर्शकों को पीओएसएच अधिनियम के महत्व और उद्देश्य के बारे में बताया। अतिथि वक्ता डॉ. रूपम जगोटा ने अपने भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि इस कानून ने भारतीय महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़े होने और कार्यस्थल पर अपनी स्वायत्तता का दावा करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पीओएसएच अधिनियम महिलाओं को सुरक्षित कामकाजी माहौल प्रदान करने के लिए बनाया गया है और इसमें यौन उत्पीड़न की शिकायतों को रोकने और निवारण के लिए तंत्र भी स्थापित किया गया है। डॉ. जगोटा ने 'विशाखा दिशानिर्देशों' पर भी प्रकाश डाला, जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के संबंध में 1997 में विशाखा और अन्य बनाम राजस्थान राज्य मामले में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिए गए थे। पीओएसएच अधिनियम का रास्ता तैयार करने के लिए यह एक ऐतिहासिक निर्णय था। उन्होंने कार्यस्थल पर स्वागत योग्य एवं अप्रिय व्यवहार का भी उल्लेख किया। मंच संचालन डॉ. कोमल सोनी ने किया और औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रो. गीतिका जैन ने किया। इस अवसर पर डॉ. सीमा, प्रो. पुनित पुरी, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. राजवंत कौर, प्रो. पूजा शर्मा,डॉ. एकजोत कौर, प्रो. सुधा, प्रो. विशाल शर्मा, प्रो. गीतिका जैन, डॉ. किरणदीप कौर, डॉ. कोमल सोनी, डॉ. प्रीति अनेजा, डॉ. कपिला महाजन, डॉ. सपना शर्मा, डॉ. हिना अरोड़ा एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।