पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
जालंधर (तरुण) :- पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर के पंजाबी विभाग ने जगत पंजाबी सभा, कनाडा के सहयोग से 'पंजाबी भाषा: महत्त्व, संभावनाएं एवम चुनौतियां' विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया। कार्यक्रम की शुरुआत ज्योति प्रज्वलित कर के की गई। उद्घाटन सत्र में पंजाबी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सिमरजीत कौर ने मेहमानों का स्वागत किया। इसके बाद प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर का औपचारिक संबोधन हुआ। जगत पंजाबी सभा, कनाडा के अध्यक्ष डॉ. अजायब सिंह चट्ठा इस सत्र के वक्ता थे। उन्होंने अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहने के लिए अन्य विदेशी भाषाओं की तुलना में अपनी मातृभाषा को संरक्षित करने की आवश्यकता बताई। एक भाषा के रूप में पंजाबी में बातचीत करना अनिवार्य है, क्योंकि यह अनुशासन और नैतिकता का सांस्कृतिक भंडार है। पहले तकनीकी सत्र में, जगत पंजाबी सभा, कनाडा के अध्यक्ष सरदार सरदूल सिंह थियारहा ने भी भाषा की अखंडता को बनाए रखने पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने किसी के जीवन में अनुशासन के महत्व, शिक्षकों का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो जीवन भर गुरु बने रहते हैं और छात्रों से सोशल-नेटवर्किंग साइटों का विवेकपूर्ण उपयोग करने का आग्रह किया। जगत पंजाबी सभा, कनाडा के सचिव डॉ. संतोख सिंह संधू ने सुनिश्चित किया कि पंजाबी भाषा का लंबे समय तक कायम रहना समय के लिए महत्वपूर्ण है। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला की डॉ. गुरप्रीत कौर बराड़ ने उल्लेख किया कि व्याकरण और वाक्यविन्यास के संदर्भ में भाषा की परंपराओं का पालन करना महत्वपूर्ण है और अधिक शोध के रास्ते खोलने के लिए पंजाबी भाषा और कंप्यूटर विज्ञान के बीच एक संश्लेषण को प्रोत्साहित किया जा सकता है। दूसरे तकनीकी सत्र के दौरान, जगत पंजाबी सभा, कनाडा के अध्यक्ष, सरदार कुलविंदर सिंह थियारहा ने मातृभाषा की प्रासंगिकता पर अपना प्रवचन दिया और पंजाबी भाषा की उपयोगिता के प्रचार-प्रसार में दुनिया भर में अपने अनुभव साझा किए। जगत पंजाबी सभा, भारत की उपाध्यक्ष, प्रिंसिपल हरकीरत कौर ने भी कहा कि हमारी मातृभाषा का अस्तित्व कभी खत्म नहीं होगा और हम जहां भी यात्रा करेंगे वह हमेशा हमारे साथ रहेगी। पीयूबीपीए, कनाडा की मुख्य अधिकारी बलविंदर कौर चट्ठा भी इस कार्यक्रम में शामिल हुई । धन्यवाद ज्ञापन पंजाबी विभाग की सहायक प्रोफेसर अकविंदर कौर ने किया।मंच का संचालन पंजाबी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंजू और डॉ. सिमर कौर ने सफलतापूर्वक किया। अध्यक्ष नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों और प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर ने आयोजन के सफल समापन के लिए विभाग द्वारा प्रदर्शित अनुकरणीय प्रयासों की हार्दिक सराहना की।