के.एम.वी. द्वारा आयोजित इंटर कॉलेज प्रतियोगिता आई.टी. यूफोरिया काइट-2024 में पंजाब भर से 11 कॉलेजों ने की शिरकत
160 से भी अधिक प्रतिभागियों ने पूरे जोश एवं उत्साह से भाग लेते हुए अपनी सृजनात्मकता को किया बखूबी प्रदर्शित
विद्यार्थियों के सर्वपक्षीय विकास के लिए ऐसे प्रोग्राम बेहद महत्वपूर्ण: प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी
जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महाविद्यालय, जालंधर के पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशंस द्वारा इंटर कॉलेज प्रतियोगिता आई.टी. यूफोरिया काइट-2024 का सफल आयोजन करवाया गया. पंजाब भर के 11 कॉलेजों से 160 से भी अधिक विद्यार्थियों की शिरकत वाले इस प्रोग्राम में विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने मुख्य मेहमान के रूप में शिरकत की. विद्यार्थियों से संबोधित होते हुए मैडम प्रिंसिपल ने कहा कि मौजूदा समय में विद्यार्थियों का सर्वपक्षीय विकास समय की ज़रूरत है तथा ऐसे आयोजन उन्हें ना केवल निरंतर बदलते एवं विकसित होते इस संसार की जानकारी प्रदान करते हैं
बल्कि यह वाकीयों के साथ साझा करने के लिए एक उत्तम मंच प्रदान करने के इलावा प्रतियोगिता के इस युग में प्रयासरत रहने की भावना पैदा करने में भी सहायक साबित होते हैं. इस प्रोग्राम के दौरान औड टू कोड, क्विज़, डेक शो, एड-मेड शो, डिजिटल पेंटिंग, ग्रुप डांस, लोगो डिज़ाइनिंग, फैंसी ड्रेस आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाया गया जिनमें विद्यार्थियों ने पूरे जोश एवं उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए अपनी सृजनात्मकता एवं प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया. टेक्निकल तथा संस्कृतिक प्रस्तुतियों से भरपूर इस कार्यक्रम के द्वारा सभी प्रतिभागियों ने अपनी लाजवाब प्रस्तुति से सभी का दिल जीता.
डेक शो प्रतियोगिता के दौरान जहां प्रतिभागियों ने जैन एआई एवं स्क्रीनलेस डिस्प्ले को दर्शाया वहीं साथ ही क्विज़ प्रतियोगिता में अपने ज्ञान एवं सूझ-बूझ से सभी को वाकिफ करवाया. इसके साथ ही एड-मेड शो एवं फैंसी ड्रेस जैसी प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित किया. लोगो डिजाइनिंग तथा डिजिटल पेंटिंग जैसी प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने अपनी टेक्नोलॉजी पर पकड़ को बखूबी प्रदर्शित किया. मैडम प्रिंसिपल इस प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिए डॉ. सुमन खुराना, अध्यक्षा, कंप्यूटर साइंस, डॉ, प्रदीप अरोड़ा, डॉ. रवि खुराना, डॉ. नितिन खन्ना एवं समूह प्राध्यापकों के द्वारा किए गए प्रयत्नों की भरपूर प्रशंसा की।