मोहनलाल उप्पल डी.ए.वी. कॉलेज फगवाड़ा मे स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती को समर्पित एक सेमिनार का आयोजन
फगवाड़ा (अरोड़ा) - मोहनलाल उप्पल डी.ए.वी. कॉलेज फगवाड़ा में प्रिंसिपल डॉ. किरणजीत रंधावा के कुशल नेतृत्व में 'स्वामी दयानंद सरस्वती' की जयंती को समर्पित एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों को स्वामी दयानंद सरस्वती के बहुआयामी व्यक्तित्व और समाज में व्याप्त अन्याय को दूर करने में उनके विशेष योगदान से परिचित कराना था। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने कविता, भाषण एवं नारों के माध्यम से स्वामी जी के जीवन पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इस दौरान प्राचार्य डॉ. रंधावा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती जी बहुमुखी व्यक्तित्व के स्वामी थे, वे एक समाज सुधारक के साथ-साथ एक महान दार्शनिक और देशभक्त भी थे। उनके हृदय में देश की जनता के प्रति और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए अगाध प्रेम था। वे सदैव देशवासियों के सर्वांगीण विकास की बात करते थे। वस्तुतः वे एक युगपुरुष थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन तपस्या, साधना और समाज सुधार में बिताया। आर्य समाज की स्थापना उनका विशेष उपक्रम है। उन्होंने हिंदू धर्म में सुधार लाने के लिए यह आंदोलन शुरू किया था। इस आंदोलन के अंतर्गत उन्होंने समाज में प्रचलित झूठे रीति-रिवाजों, अंधविश्वासों और जाति-आधारित भेदभाव का कड़ा विरोध किया और महिला जाति को शिक्षित करने में विशेष योगदान दिया। उनका मानना था कि ऐसे मिथ्या कर्मों के उन्मूलन और शिक्षा के प्रसार से मनुष्य का मानसिक और सामाजिक दृष्टि से विकास तीव्र होता है क्योंकि शिक्षा मनुष्य को अच्छे आचरण और सही सोच वाला बनाने में विशेष भूमिका निभाती है। अंत में प्राचार्य डॉ. रंधावा ने विद्यार्थियों को स्वामी जी की शिक्षाओं पर चलकर जीवन को सही ढंग से जीने का संदेश दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा