आई.के.जी पी.टी.यू ने पी.एस.सी.एस.टी के सहयोग से "कनेक्ट एंड ग्रो" टेक स्टार्टअप कार्यशाला आयोजित की
वर्कशॉप में एफिलिएटेड कॉलेजों एवं आई.के.जी पी.टी.यू परिसरों से 400 महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया
जालंधर (अरोड़ा) :- उद्यमिता को बढ़ावा देने और स्टार्टअप पहल को बढ़ाने के उदेश्य से आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आईकेजी पीटीयू) ने अपने मुख्य परिसर में "कनेक्ट एंड ग्रो" नामक एक टेक स्टार्टअप कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (पीएससीएसटी), चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित की गई थी। इस विचार-मंथन कार्यशाला में कुल 400 प्रतिभागियों, जिनमें अधिकतर छात्राएं और विभिन्न संबद्ध कॉलेजों और आईकेजीपीटीयू परिसरों के कुछ संकाय सदस्य शामिल थे, ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मार्गदर्शन कुलपति प्रो. (डॉ.) सुशील मित्तल ने किया और विश्वविद्यालय परिसर में स्टार्टअप हैंडहोल्डिंग एंड एम्पावरमेंट (एस.एच.ई) की टीम द्वारा इसे क्रियान्वित किया गया। रजिस्ट्रार डॉ एस के मिश्रा ने आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उल्लेखनीय है कि पीएससीएसटी ने उभरती महिला उद्यमियों के लिए एस.एच.ई (स्टार्टअप हैंडहोल्डिंग एंड एम्पावरमेंट) पहल शुरू की है। एस.एच.ई सरकार द्वारा समर्थित अपनी तरह की पहली पहल है। पंजाब सरकार का लक्ष्य प्रदेश में शुरुआती चरण की महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप की पहचान करने, प्रोत्साहित करने और इस कार्य क्षेत्र में तेजी लाने का है।
आई.के.जी पी.टी.यू, एस.एच.ई इनिशिएटिव की नोडल अधिकारी डॉ. गज़ल शर्मा ने श्री गुरु नानक देव जी ऑडिटोरियम में इस कार्यशाला का समन्वय किया। प्रोफेसर (डॉ.) विकास चावला, डीन अकादमिक, आईकेजीपीटीयू ने कार्यशाला का उद्घाटन किया और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने उद्यमिता से संबंधित यूनिवर्सिटी में होने वाली गतिविधियों को भी सबसे साझा किया! फ़ूड साइंसेज विभाग के हेड डॉ. रजनीश सचदेवा कार्यशाला के संयोजक रहे और उन्होंने छात्राओं को इस तरह की पहल में भाग लेने के लिए प्रेरित भी किया। इंजीनियर नवदीपक संधू, डिप्टी डायरेक्टर (सी.आर.ए) ने विश्वविद्यालय द्वारा की गई ऐसी पहलों के बारे में अपना अनुभव साझा किया और यह भी बताया कि कॉलेज जीवन के दौरान ऐसी गतिविधियों में भाग लेने से छात्रों का जीवन कैसे बदल जाता है। डॉ. दपिंदर बख्शी, संयुक्त निदेशक, पी.एस.सी.एस.टी ने महिला छात्रों के लिए एस.एच.ई 2.0 पहल पर अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने एस.एच.ई 1.0 की सफलता की कहानी भी साझा की एवं उभरती महिला उद्यमियों को एस.एच.ई 2.0 में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। मंजुला सलारिया, एक सामाजिक उद्यमी, ने सत्र में छात्रों को उद्यमिता तथ्यों और मिथकों के बारे में जागरूक किया एवं "माई स्टोरी" सत्र में एक सामान्य व्यक्ति से एक महिला उद्यमी बनने की अपनी यात्रा को साझा किया। सत्येन्द्र सिंह-सी.ई.ओ-टी.बी.आई-आई.आई.एस.ई.आर मोहाली ने उभरते उद्यमियों को समर्थन देने वाली विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की एवं बताया कि व्यवसाय योजना तैयार करने के लिए क्या आवश्यक है। शकुंतला रॉय, सह-संस्थापक जेवीस्कैन प्राइवेट लिमिटेड एवं एस.एच.ई की राजदूत ने एस.एच.ई 1.0 के अपने अनुभव साझा किए और महिला छात्रों को एस.एच.ई 2.0 जैसी विभिन्न उद्यमिता प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. गज़ल शर्मा, सहायक प्रोफेसर ने कार्यक्रम का सारांश प्रस्तुत किया और औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया।