मोहनलाल उप्पल डी.ए.वी. कॉलेज फगवाड़ा में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती को समर्पित सेमिनार का आयोजन
फगवाड़ा (अरोड़ा) :- मोहनलाल उप्पल डी.ए.वी. कॉलेज फगवाड़ा में प्रिंसिपल डॉ. किरणजीत रंधावा के कुशल नेतृत्व में इतिहास विभाग के सहयोग से दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती को समर्पित एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों से परिचित कराना था। इस अवसर पर कुछ विद्यार्थियों ने गुरबानी के रसभिन्ने कीर्तन, वीर रसि वरण, कहानी विचार, कविता और भाषण के माध्यम से सभी को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन और शिक्षाओं से अवगत कराया। इस दौरान प्रिंसिपल डॉ. किरणजीत रंधावा ने गुरु साहिब जी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को बताया कि खालसा पंथ के संस्थापक दशमेश पिता विश्व के इतिहास में ऐसे नेता थे, जिन्होंने अपना जीवन विद्रोह के संघर्ष में बिताया। सरबंस धर्म, हक-सच्चाई और जुल्म की लड़ाई। मानवता के कल्याण के लिए अंत और बलिदान। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के रूप में पंजाब को एक ऐसा नायक मिला जो एक ही समय में कवि, दार्शनिक, समाजशास्त्री, लेखक थे और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के चैंपियन। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से काव्य सृजन के नये प्रतिमान स्थापित किये और सिख धर्म में खालसा पंथ की स्थापना कर सिख धर्म के उत्कर्ष में विशेष योगदान दिया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने बिना किसी भेदभाव के हर जाति, रंग, धर्म के लोगों को अपने वचनों से ईश्वर की संतान बनाया और आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से उनका मार्गदर्शन किया। गुरु गोबिंद सिंह जी की दृढ़ संकल्प, धैर्य, धार्मिकता से भरी अविश्वसनीय जीवन कहानी पूरी मानवता को सही और सच्चाई के लिए लड़ने की भावना से भर देती है। इसलिए हमें संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए अधिकतम योगदान देना चाहिए। इस दौरान छात्र-छात्राएं एवं महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।