49 सांसदों को निलंबित करना लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन- सुशील कुमार रिंकू
कहा, संसद को जानने का अधिकार है कि किस सदस्य की सिफारिश पर दोनों आरोपियों को मिली थी एंट्री
जालंधर (अरोड़ा) :- लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू ने देश के 49 सांसदों को निलंबित करने की घटना को लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन करार दिया है। उन्होंने कहा है कि देश की संसद में घुसने वालों के बारे में जानकारी मांगना और किन सदस्यों की सिफारिश पर उन्हें संसद परिसर में एंट्री मिली, इस बारे में जानना कोई गुनाह नहीं है। उन्होंने कहा कि सांसदों को यह अधिकार है कि उन्हें यह सारी जानकारी मिले और इसकी मांग करना कोई गलत नहीं है। लोकसभा सदस्य ने आगे कहा कि सत्ता के नशे में चूर केंद्र सरकार ने संसद में घुसने वाले आरोपियों के बारे में जानकारी साझा करने और किन सदस्यों की सिफारिश पर उन्हें एंट्री मिली, यह बताने की बजाय उल्टा 49 सांसदों को ही सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब तक की जांच में सरकार को जो कुछ पता चला है, वह संसद के समक्ष आना चाहिए ताकि पता चल सके कि किस मंशा के साथ दोनों युवक संसद में घुसे और किसके इशारे पर यह सब किया लेकिन सरकार न जाने क्यों यह बात दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर विपक्ष की आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की जाती है जिसके चलते ना तो उनका विरोध प्रदर्शन दिखाया जाता है न ही वे अपनी जो बात रखते हैं वह दिखाई जाती है। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मुद्दे पर विपक्ष चुप बैठने वाला नहीं है और जल्द ही इस संदर्भ में एक मीटिंग करके अगली रणनीति का निर्णय लिया जाएगा।