प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव द्वारा जिला मोगा में चल रहे कार्यों की समीक्षा
जिले को आकांक्षी से प्रेरणादायक बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना
मोगा (कमल) :- प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव डॉ. दीपक मित्तल ने केंद्रीय नीति आयोग द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत मोगा जिले में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करने के लिए आज मोगा जिले का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और गुरु साहिब चैरिटेबल सोसायटी खोसा कोटला, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम खोसा जलाल, सरकारी प्राइमरी स्कूल पट्टी रूपा का भी दौरा किया। बैठक में उपायुक्त कुलवंत सिंह, जगविंदरजीत सिंह ग्रेवाल और अनीता दर्शी, दोनों अतिरिक्त उपायुक्त और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. दीपक मित्तल ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जब से यह कार्यक्रम लागू हुआ है तब से जिला मोगा का प्रदर्शन बहुत अच्छा चल रहा है। जिला मोगा को अब तक नीति आयोग से करीब 14 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। इस राशि के साथ किए गए कार्य ही इस जिले को आकांक्षी से प्रेरणादायक बनाने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारों द्वारा जनहित की सरकारी योजनाएं बनाई और क्रियान्वित की जाती हैं लेकिन उनका लाभ हर पात्र लाभार्थी तक नहीं पहुंच पाता है।
न ही समय-समय पर उचित फीडबैक के अभाव में कोई सुधार हो पाता है। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम के सही क्रियान्वयन के लिए आंकड़ों से आगे बढ़कर काम करना जरूरी है। मोगा को जल्द से जल्द 'आकांक्षी' से 'प्रेरणादायक' जिले में बदलने का प्रयास किया जाना चाहिए। ये प्रयास एक टीम के रूप में काम करने से ही सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिले में लगातार गिर रहे जलस्तर को रोकने के प्रयास किये जायें। उन्होंने विशेष रूप से मोगा जिले में टीबी और कुपोषण को खत्म करने, पराली जलाने की समस्या को रोकने, लड़कियों को व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए बाला किट प्रदान करने, जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि जिला मोगा में स्थापित किए जा रहे घड़ा क्लस्टर और जुत्ती क्लस्टर को और अधिक बढ़ावा दिया जाए और स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब पूरे देश को रास्ता दिखाने की क्षमता रखता है। पंजाबियों को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। एक समय था जब पंजाबी अपने अच्छे स्वास्थ्य और आतिथ्य सत्कार के लिए दुनिया भर में जाने जाते थे। आज जरूरत है कि पंजाब के इस गौरव को फिर से बहाल किया जाए।