(Date : 05/May/2424)

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आईकेजी पीटीयू एन.एस.एस विंग ने शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की जयंती मनाई






कुलपति डॉ. सुशील मित्तल, रजिस्ट्रार डॉ. एस.के मिश्रा और सभी विश्वविद्यालय संकाय एवं अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की

जालंधर (अरोड़ा) :- आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आईकेजी पीटीयू) एन.एस.एस विंग ने आज वीरवार को अपने मुख्य परिसर में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की जयंती मनाई, जहां एनएसएस (वालंटियर ) स्वयंसेवक, एन.सी.सी कैडेट, स्टूडेंट्स और संकाय सदस्य, गैर-शिक्षण कर्मचारी सदस्यों एवं अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने इस महान शहीद के जीवन के विभिन्न पहलुओं को बहुत शिद्दत से याद किया। डॉ. सरबजीत सिंह मान ने शहीद-ए-आजम के जीवन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने सरदार भगत सिंह के जीवन की विभिन्न घटनाओं का हवाला दिया जो दर्शाता है कि वह संस्कृत के महान विद्वान और आर्य समाज के प्रबल अनुयायी थे। उन्होंने बताया कि वह हमेशा सभी के लिए समान अधिकारों के लिए खड़े रहे और इसलिए, जब उनके साथी कैदियों को निम्न गुणवत्ता वाला भोजन परोसा गया तो उन्होंने आमरण अनशन किया। इस अवसर पर कुलपति डा. सुशील मित्तल ने बताया कि इस देश ने गुलामी का एक लंबा समय देखा है और हमारे श्रद्धेय स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता की लड़ाई में सर्वोच्च बलिदान दिया है।

हमें उन बलिदानों को हमेशा याद रखना चाहिए और अपने काम और नौकरी में उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास करना चाहिए ताकि हम अपनी स्वतंत्रता को बरकरार रख सकें और अपने देश को गौरवान्वित कर सकें ताकि सरदार भगत सिंह जैसे महान व्यक्तित्वों द्वारा दिया गया बलिदान व्यर्थ न जाए। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. एस.के. मिश्रा ने छात्रों से अपील की कि वे अपने जीवन में सद्भाव के मूल्यों को अपनाएं और उन्हें हमारे देश और समाज के प्रति योगदान देने की प्रेरणा पाने के लिए भगत सिंह जी के जीवन के बारे में अवश्य पढ़ना चाहिए। डीन अकादमिक प्रो. (डा.) विकास चावला ने कहा कि सरदार भगत एक महान संस्कृत विद्वान थे और उन्होंने वाराणसी की प्रमुख अकादमियों में से एक द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दो बार जीत हासिल की थी। वह उन पुस्तकों के उत्सुक पाठक थे जिन्होंने लाला लाजपत राय, स्वामी विवेकानन्द, उनके चाचा सरदार अजीत सिंह के प्रभाव में उनके व्यक्तित्व को आकार दिया। एनएसएस समन्वयक डॉ. चंद्र प्रकाश ने भी अपने विचार व्यक्त किए और छात्रों से कहा कि सरदार भगत सिंह एक विद्वान, क्रांतिकारी और अटल व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। उन्होंने उस समय देश की एक बड़ी आबादी को देश के लिए खड़े होने और इसकी आजादी के लिए लड़ने के लिए प्रभावित किया। इस पर वह महात्मा गांधी से भी अधिक लोकप्रिय व्यक्तित्व बन गये। उनका जीवन और दर्शन अनंत काल तक हमारे युवाओं को प्रभावित करता रहेगा। अंत में उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों, विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को धन्यवाद दिया।

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