एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में विदाई-समारोह का आयोजन
जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में साइकॉलोजी विभाग की अध्यक्ष मैडम मोनिका सेखों की सेवानिवृत्ति पर विदाई-समारोह का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने मोनिका सेखों एवं उनके परिवार का सुगंधित पुष्प गुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में कहा कि मैडम सेखों पिछले 35 वर्ष से निरंतर इस कॉलेज को अपनी सेवाएं दे रहे हैं आज साइकॉलोजी विभाग जिस मुकाम पर पहुंचा है उसकी स्थापना एवं उसको विद्यार्थियों में प्रिय बनाने के लिए इन्होंने निरंतर कठिन परिश्रम करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, डॉ ढींगरा ने कहा कि आज तक जो भी जिम्मेदारी इनको दी गई उन्हें बड़ी तन्मयता एवं निष्ठा से उसको निभाया है बल्कि उसे बेहतर ढंग से करने के लिए अपनी सृजनात्मक शक्ति का भी निरंतर प्रयोग करती रही हैं।
इस अवसर पर डॉ अंजना ने मैडम सेखों के व्यक्तित्व को समर्पित स्वरचित कविता प्रस्तुत की। म्यूजिक वोकल विभाग से डॉ विवेक वर्मा ने 'सुरों का सागर' में उनके लिए गीतों की शानदार प्रस्तुति की। अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीत कौर ने मैडम सेखों के 35 वर्ष की यात्रा को बड़े सुंदर शब्दों में पिरोते हुए कहा कि इन्होंने एपीजे कॉलेज की विकास यात्रा को प्रत्यक्ष रूप से देखा और महसूस किया है तथा इसके विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है, जिस सौम्यता एवं धैर्य के साथ इन्होंने कॉलेज में अपना समय बिताया है वह वास्तव में सराहनीय है और हम कामना करते हैं कि उनका भावी जीवन भी सुख-समृद्धि से भरपूर रहे।
इस अवसर विशेष पर मैडम मोनिका सेखों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 35 वर्ष का समय बहुत लम्बा समय होता है और आप काॅलेज की जिंदगी के इतने अभ्यस्त हो जाते हो कि इसके बिना आप अपने अस्तित्व की कल्पना भी नहीं करते निःसंदेह कॉलेज से मैंने बहुत कुछ सीखा है, कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल डॉ सुचरिता शर्मा एवं वर्तमान प्रिंसिपल डॉ नीरजा ढींगरा के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व शक्ति ने मेरी व्यक्तित्व का बहुत विकास किया है।सरदार केपीएस सेखों ने भी इस समय पर अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि रिटायरमेंट पीरियड भी एक बहुत ही सुखद और सुकून देने वाला समय होता है जिसमें व्यक्ति अपने शौक एवं जुनून को पूरा कर सकता है मैडम मोनिका सेखों को साइटेशन एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। पंजाबी विभाग से मैडम लवप्रीत कौर ने श्रेष्ठ मंच-संचालन करते हुए तथा स्वरचित कविता प्रस्तुत करते हुए माहौल को और भी सुंदर बना दिया।