मोगा के घड़ा एवं बर्तन निर्माताओं को विश्व स्तर पर लाने का सपना साकार होने लगा
घड़ा और बर्तन बनाने वाले 80 कारीगरों के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
दिवाली के मौके पर आधुनिक तकनीक से उत्पाद तैयार कर बेचने का लक्ष्य रखा
अलग पहचान बनाने और अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए संगठित होना समय की मांग-डिप्टी कमिश्नर
मोगा (कमल) :- जिला मोगा में हाथ से घड़े और अन्य बर्तन बनाने वाले कारीगरों को विश्व स्तरीय बर्तन बनाने सक्षम बनाने का सपना अब साकार हो रहा है। इन कारीगरों को आधुनिक तकनीक से उत्पाद तैयार करने में सक्षम बनाने के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी कारीगर बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह ने बताया कि देश की आजादी के अमृत महाउत्सव के उपलक्ष्य में मोगा जिले के 80 घड़े व बर्तन बनाने वाले कारीगरों का चयन किया गया है, जिन्हें घुमर सशक्तिकरण योजना और सिडबी की प्रायोजक अनुदान थॉर्नटन योजना के तहत आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा। बर्तन और बर्तन बनाने वाले ये कारीगर पहले हाथ से साधारण बर्तन और दीये ही बनाते थे, लेकिन अब इन्हें प्रशिक्षण के बाद भारी सब्सिडी (लगभग 80 प्रतिशत) पर आधुनिक मशीनें दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य इन कारीगरों को जल्द से जल्द प्रशिक्षित कर मशीनें मुहैया कराना है ताकि वे दिवाली के मौके पर आधुनिक तकनीक से तैयार उत्पाद बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकें। उन्होंने कहा कि इन कारीगरों का एक क्लस्टर बनाकर पहचान पत्र जारी किये जा चुके हैं। डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह ने कहा कि जिला मोगा के अच्छे भाग है कि जिले में बड़ी संख्या में 'घड़े और बर्तन बनाने वाले' परिवार रहते हैं, लेकिन कुछ कारणों से वे खुद को आर्थिक रूप से ऊपर उठाने के लिए संगठित नहीं हो सके। अब सरकारी योजनाओं का लाभ देकर उन्हें संगठित कर विश्वस्तरीय समान बनाने में सक्षम बनाया जा रहा है। इससे जिला मोगा का नाम विश्व स्तर पर आएगा। उन्होंने घड़े व बर्तन निर्माताओं से जिला मोगा की शान बढ़ाने में आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि अपनी अलग पहचान बनाने और अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए संगठित होना समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में आम लोग विभिन्न लाभ से वंचित रह जाते हैं। इसलिए, उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए यह प्रयास किया गया है। उन्होने ने उनके विकास की कल्पना करते हुए उनसे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। इस अवसर पर उपस्थित महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र सुखमिंदर सिंह रेखी ने कहा कि इन कारीगरों को मशीनरी देने का ऑर्डर दे दिया गया है। जल्द ही डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह लाभुकों को यह मशीनरी वितरित करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए सूरत सिंह जिला समन्वयक के वी आई सी, सिडबी के समर मौर्य और दोनों पाठ्यक्रमों की देख रेख कर रहे मनप्रीत सिंह को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।