आई.के.जी पी.टी.यू के शोधकर्ता के प्रोजेक्ट का आई.एन.यू.पी कार्यक्रम के लिए चयन
यह उपलब्धि विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शोध वातावरण बनाने में सहायक सिद्ध होगी: कुलपति डॉ. सुशील मित्तल
जालंधर (अरोड़ा) :- आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आई.के.जी पी.टी यू) की शोधकर्ता नेहा कपिला शर्मा के एक शोध प्रोजेक्ट का आई.एन.यू.पी 2022-23 कार्यक्रम के लिए चयन हुआ है! इस शोध प्रस्ताव एवं परियोजना का अंग्रेजी शीर्षक "सिमुलेशन एंड फैब्रिकेशन ऑफ पर्विअस काइट सोलर सेल डिवाइस" है! शोधकर्ता डॉ. नेहा कपिला शर्मा विश्वविद्यालय में डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) प्रोफेसर (डॉ.) हितेश शर्मा के मार्गदर्शन में अंशकालिक रिसर्च एसोसिएट के रूप में काम कर रही हैं। इस परियोजना का चयन राष्ट्रीय स्तर पर 252 अनुसंधान परियोजनाओं के बीच विभिन्न स्तरों की प्रतिस्पर्धा के बाद किया गया है। इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय की शोध गतिविधियों को और मजबूती मिलेगी! विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुशील मित्तल ने विश्वविद्यालय के शोध छात्र द्वारा हासिल की गई इस उपलब्धि पर ख़ुशी जताई है! प्रोजेक्ट सबमिट करते समय स्टूडेंट को इससे जुड़े डिवाइस, उससे जुडी कॉन्फ़िगरेशन एवं विषय पर अपनी पकड़, स्पष्टता एवं अन्य डिवाइस निर्माण में प्रशिक्षण से संबंधित तथ्य साझा करने पड़े! यह प्राम्भिक टेस्ट था! विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सुशील मित्तल ने शोधकर्ता स्टूडेंट एवं डीन प्रो. (डॉ.) हितेश शर्मा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है! कुलपति डाॅ. मित्तल साँझा किया कि भारतीय नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स उपयोगकर्ता कार्यक्रम (आईएनयूपी) एक संगठन है जो सूक्ष्म और नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में कुशल जनशक्ति को बेहतर बनाने के लिए काम करता है! यह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक दूरदर्शी पहल है! यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ एस.के मिश्रा ने भी विभाग को बधाई दी है तथा अन्य स्टूडेंट्स को ऐसे प्रोजेक्ट्स से जोड़ने एवं जुड़ने के लिए विभाग को प्रोत्साहित किया है! डीन प्रोफेसर डॉ. हितेश शर्मा ने बताया कि आई.एन.यू.पी की चयन प्रक्रिया चार चरणों में आयोजित की जाती है! पहले चरण में 03 दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला, दूसरे चरण में ऑफ़लाइन तीन दिवसीय परिचयात्मक कार्यशाला और अंतिम दो चरण में 12 -14 दिनों का प्रशिक्षण शामिल होता है। इसका प्राथमिक कार्य भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी) गुवाहाटी में है! डीन डाॅ. शर्मा ने कहा कि चयन का अंतिम दौर आईआईटी गुवाहाटी में 3 से 6 महीने तक परियोजनाओं पर काम करना है! इस परियोजना में सफल भागीदारी भावी शोधकर्ताओं, शोध छात्रों को भी नई दिशा प्रदान करेगी! साथ ही शोध के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय का नाम भी आगे आएगा!