एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में सूचना तंत्र के युग में गुरु की भूमिका और भी अहं एवं चुनौतीपूर्ण:प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा
जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर सदा ही गुरु शिष्य परंपरा को आत्मसात करते हुए बदलते युग की चुनौतियों के साथ विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने एवं उन्हें सही गलत में फर्क समझाने के लिए तत्पर रहता है। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते समय में गुरु जो भी कहते थे शिष्य उसको चुपचाप गुरु का आदेश समझकर मान लेते थे और गुरु से कोई भी प्रश्न करने का साहस नहीं करते थे, लेकिन वैश्वीकरण एवं सूचना तंत्र के कारण आज शिष्य हर तरह की सूचनाओं से लैस है तो वे किसी भी बात को भावावेश में आकर स्वीकार नहीं करते बल्कि उनको तर्क के साथ आज हर बात समझानी होती है, बीते समय में विवेकानंद जैसे कोई एकआध शिष्य ही ऐसे होते थे जो गुरु को ठोक बजाकर स्वीकार करते थे लेकिन आज का हर युवा इंटरनैट की मेहरबानी से सूचनाओं के जाल में ऐसे घिरा हुआ है कि वह स्वयं असमंजस की स्थिति में है और सही-गलत का चुनाव नहीं कर पा रहा तू ऐसी स्थिति में गुरु का दायित्व बनता है कि वी विद्यार्थियों को सूचना और ज्ञान के बीच के अंतर से परिचित करवाएं और उसे सही दिशा की ओर आगे बढ़ने में मदद करें। उन्होंने कहा कि आज के युग में गुरु की भूमिका ज्यादा महत्त्वपूर्ण, चुनौतीपूर्ण एवं सजग रहने की है ताकि विद्यार्थी गलत दिशा की ओर भटक न जाए।