सावधान.... सूर्य एनक्लेव की सड़कों से गुजरना खतरों से खाली नहीं : शैली खन्ना
जालंधर (अरोड़ा) - 4 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं उठाया गया गिरा हुआ पेड़ खुली सड़के हों, हरे भरे पार्क हों, ऐसी जगह पर घर बने ऐसी कल्पना हर व्यक्ति अपने जीवन में करता है ऐसे ही घर का सपना लिए सूर्य एनक्लेव के लोगों ने भी अपने घर बनाए, पर उन्हें क्या मालूम था कि जिस ट्रस्ट की कॉलोनी में वह अपना सपनों का घर बना रहे हैं उसके हालात 13 महीनों में इतने बदतर हो जाएंगे। भाजपा पूर्व पार्षद शैली खन्ना ने कहा कि 4 दिन पहले रात में आए तूफान से सूर्य एनक्लेव की मेन 80 फुट रोड पर एक बड़ा वृक्ष गिर गया। 4 दिन बीत जाने के बाद भी वह आज भी रास्ता बंद कर सड़क पर पड़ा है। कंप्लेंट करने के बाद भी किसी ने इसका संज्ञान नहीं लिया। नगर सुधार ट्रस्ट आज 500 गज की न उसारी फीस का आज प्लाट होल्डर से *चार लाख* के करीब ले रहा है। पर कॉलोनी की सुविधाओं के लिए कॉलोनी निवासियों के बार-बार आग्रह करने पर भी बहानों के अलावा कुछ नहीं मिलता... खन्ना ने कहा सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के अंतर्गत सारी सूर्य एनक्लेव की मेन सड़क में पाइप डालने का काम पिछले 6 महीनों से चल रहा है, जहां पर पाइप डाल दी गई है वहां सड़क ना बनने के कारण सड़क दलदल का रूप ले चुकी है। आए दिन ट्रक, टेंपो के इलावा छोटे हाथी जैसी छोटी गाड़ी भी कहां पर धस जाए या फस जाए कुछ भी पता नहीं। दोपहिया वाहनों पर बुजुर्ग महिलाएं एवं बच्चे आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं। सड़के दलदली होने के कारण वाहन फिसल जाते हैं और सड़क दुर्घटनायें भी बढ़ रही हैं। सूर्या एंक्लेव की मंदिर गुरुद्वारा रोड जो किसी समय वहां की माल रोड कहलाती थी आज बदतर स्थिति में पहुंच गई है करोड़ों रुपए खर्च कर लोगों के सपनों के महल बनाये पर जब गाड़ियों के टायरों से मिट्टी घरों मे आती हैं तो घर की ग्रहणी सिर पकड़ कर बैठ जाती है। बुजुर्गों को सारा दिन मिट्टी फाक्नी पड़ती है, जिस कारण बुजुर्ग सांस की बीमारियों में जकडे जा रहे हैं। बड़े-बड़े वादे करने वाली मौजूदा सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही। आए दिन अखबारों में वहां की तस्वीर अपनी दास्तां दिखाती रहती है पर अधिकारियों के सर पर जूं तक नहीं रेंगती।