पिम्स में नेशनल इंस्टीच्यूट आफ बायोलोजिकल्स (एन.ई.बी) की ओर से सीएमई का आय़ोजन
जालंधर (मक्कड़) - पिम्स में नेशनल इंस्टीच्यूट आफ बायोलोजिकल्स (एन.ई.बी) की ओर से पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिज (पिम्स), श्रीमन सुपरस्पेशलिटी अस्पताल और आई.एम.ए के सहयोग से सीएमई का आय़ोजन किया गया। सीएमई का विषय था हिमोविजिलेंस प्रोग्राम आफ इंडिया। सीएमई का आगाज पिम्स के कार्याकारी निदेशक डा.कंवलजीत सिंह, मेडिकल एडवाइजर, डा.कुलबीर कौर, डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा, जालंधर के सिविल सर्जन डा. रमन शर्मा, आईएमए के डा. जतिंदरपाल सिंह, पीएमसी के डा. जेसमीन दहिया, डा. वीपी शर्मा, डा.कुसुम जोशी, डा. आई के खोखर, डा. कुसुम ठाकुर ने द्वीप प्रजव्वलित करके किया।
डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा ने कहा सुरक्षित और प्रभावी ब्ल्ड ट्रांसफ्सूजन सुनिश्चित करने के लिए सीएमई का आयोजन किया गया है। हेमोविजिलेंस का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें नई तकनीके, खोज, दिशा-निर्देश नियमित रूप से उभर रहे हैं। स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए जरूरी है कि मरीज की बेहतरी के लिए अपडेट रहें। उन्होंने आगे कहा कि हेमोविजिलेंस के क्षेत्र के माहिरों के विचारों औऱ उनके अनुभवों को सुनने को मिलेगा।
कार्याकारी निदेशक डा.कंवलजीत सिंह ने कहा कि ब्ल्ड ट्रांसफ्यूजन किसी भी मरीज की जीवन रक्षा के लिए अहम है। हेमोविजिलेंस का आने वाले समय बहुत अहम रोल है। उन्होंने आगे कहा कि डाक्टरों को ऐसी सीएमई का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य अपने मरीजों रोगियों को उच्चतम स्तर की देखभाल प्रदान करना है। ब्ल्ड ट्रांसफ्यूजन जीवन रक्षक हस्तक्षेप हैं, लेकिन वे अंतर्निहित रिस्क के साथ आते हैं। सावधानीपूर्वक सतर्कता, दिशा-निर्देशों के सख्त पालन और निरंतर शिक्षा के माध्यम से इन जोखिमों को कम करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि देनिक अभ्यास से हम अपने मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
मुख्यातिथि जालंधर के सिविल सर्जन ने सभी को सक्रिय होकर सीएमई में शामित होने का आग्र किया।
डॉ वी पी शर्मा (श्रीमान अस्पताल) ने कहा कि आज सीएमई में एकत्रित ज्ञान का लाभ उठाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। रोगी देखभाल पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रेरित करे। सीएमई में सीखे गए सबक जीवन को बचा सकते हैं और हेमोविजिलेंस प्रथाओं के भविष्य को आकार दे सकते हैं। इस सीएमई में लगभग 200 डाक्टरों ने भाग लिया। इसके अलावा डा. एन.एस नेकी, डा. रजनीश कुमार, डा.सतपाल, डा. एच.के चीमा, डा. पुनीत खुराना, डा. रवजीत सभ्रवाल, डा. तानिया मोडगिल डा. मोहित मौजूद थे।