डीएवी कॉलेज जालंधर ने जीएसटी और टैक्सेशन स्ट्रक्चर पर वर्कशॉप का आयोजन किया
डीएवी कॉलेज जालंधर के 300 से अधिक छात्रों ने प्रतिष्ठित चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के साथ स्टार्टअप वर्कशॉप में जीएसटी और कराधान पर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया
जालंधर (अरोड़ा) :- डीएवी कॉलेज जालंधर ने आईआईसी के दिशा-निर्देशों के तहत कॉमर्स फोरम के सहयोग से छात्र सलाहकार और कल्याण परिषद द्वारा आयोजित स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए जीएसटी और कराधान संरचनाओं पर एक शानदार कार्यशाला की मेजबानी की। कार्यशाला में 300 से अधिक छात्रों की प्रतिभागिता थी। शहर के प्रतिष्ठित चार्टर्ड एकाउंटेंट सीए सोनिया अरोड़ा, सीए शशि भूषण, सीए अनिरुद्ध सरीन और सीए रश्मि कठपाल ने छात्रों के साथ अपनी अमूल्य अंतर्दृष्टि और ज्ञान को साझा किया। कार्यशाला के उद्घाटन में प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कपूर, डीन छात्र कल्याण प्रो. मनीष खन्ना, अन्य संकाय सदस्य और पूरे छात्र परिषद ने वक्ताओं का भव्य स्वागत किया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को कर योजना और अनुपालन के व्यावहारिक ज्ञान से लैस करना, स्टार्ट-अप और उद्यमियों के लिए जीएसटी तथा कराधान संरचनाओं की गहन समझ प्रदान करना, उद्यमिता को बढ़ावा देना और स्टार्ट-अप का समर्थन करना था। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने अपने वक्तव्य में स्टार्टअप और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए और उद्यमी बनने के इच्छुक छात्रों के लिए टैक्स संरचनाओं और जीएसटी को समझने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि चूंकि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और व्यवसाय के विकास के युग में कराधान और जीएसटी के गतिशील डोमेन की अच्छी समझ आवश्यक है। छात्रों को इस तरह के व्यावहारिक सीखने के अवसर प्रदान करने के लिए प्राचार्य ने स्टूडेंट वेलफेयर काउंसिल की सराहना की। सीए रश्मि कठपाल ने स्टार्टअप में उभरते अवसरों और स्टार्टअप के तहत कर लाभ के बारे में बताया। सीए शशि भूषण ने आयकर फॉर्म, तकनीकी और सैद्धांतिक पहलुओं और विभिन्न व्यवसायों के लिए पैन और ई-फाइलिंग के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया पर अंतर्दृष्टि साझा की। सीए सोनिया अरोड़ा ने जीएसटी के भविष्य, जीएसटी के व्यावहारिक पहलुओं, पंजीकरण प्रक्रियाओं, दुविधाओं और आईटीसी की पेचीदगियों पर चर्चा की। अंत में, सीए अनिरुद्ध सरीन ने स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए जीएसटी के लाभों के बारे में बात की और बताया कि स्टार्टअप कैसे कर प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं। वक्ताओं ने जीएसटी ढांचे और अनुपालन, स्टार्ट-अप और उद्यमियों के लिए कराधान संरचना, छोटे व्यवसायों के लिए कर योजना, ई-कॉमर्स स्टार्ट-अप के लिए कराधान और कानूनी और नियामक ढांचे के बारे में समझाया। कार्यशाला का समापन प्रश्न-उत्तर सत्र के साथ हुआ। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. मनीष खन्ना ने सभी का धन्यवाद किया और कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. राजविंदर कौर ने किया।