डीएवी यूनिवर्सिटी करेगी शिक्षा महाकुंभ में भागीदारी कार्यक्रम करेगा नयी शिक्षा नीति पर फोकस
जालंधर (अरोड़ा) :- डीएवी यूनिवर्सिटी 9 जून से एनआईटी जालंधर में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय शिक्षा महाकुंभ के लिए सर्वहितकारी शिक्षा समिति के साथ साझेदारी करेगी। यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के फायदे और इसके कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतिओं पर विचार करेगा। देश में सर्कार द्वारा 36 साल में पहली बार किये गए शैक्षिक सुधार पर होने वाले इस कर्यक्रम में आईआईटी, एम्स, आईआईएम, आयसर, एनआईटी सहित देश के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के वरिष्ठ पदाधिकारियों के अलावा वरिष्ठ सरकारी मंत्रियों की भागेदारी भी होगी। विवरण देते हुए, शिक्षा महाकुंभ के विचारक और इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ठाकुर सुदेश कुमार रौनिजा ने कहा कि यह देश के प्रमुख संस्थानों का कर्यक्रम के लिए सहयोग सराहनीय है। डॉ सुदेश ने कहा कि देश भर के छह लाख से अधिक शिक्षक, अभिभावक, छात्र, उद्योगपति और वैज्ञानिक ऑनलाइन मोड में भाग लेंगे और लगभग 15000 लोग कार्यक्रम स्थल पर इस कार्यक्रम के गवाह बनेंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और गुरुकुल प्रणाली के पुनरुद्धार के माध्यम से शिक्षा में असमानताओं को दूर करते हुए स्कूली शिक्षा में आत्मनिर्भरता, वैज्ञानिक स्वभाव और कौशल विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा। विद्या भारती के तत्वावधान में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में मातृभाषा में पाठ्यक्रम विकसित करने पर विशेष जोर दिया जायेगा। कार्यक्रम में शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस आयोजन का एक प्रमुख लक्ष्य स्कूल जाने वाले बच्चों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देना है। आयोजक शिक्षा में असमानताओं को खत्म करने के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की भी वकालत कर रहे हैं। इसके लिए सभी अनुसूचित भारतीय भाषाओं में एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करने का एक व्यापक कार्य किया गया है। यह आयोजन देश की शिक्षा प्रणाली को बदलने के लक्ष्य के साथ प्राचीन और अत्यंत विकसित गुरुकुल प्रणाली के पुनरुद्धार पर भी विचार-विमर्श करेगा। आयोजकों का मानना है कि स्कूली शिक्षा को अधिक कौशल-गहन बनाया जाना चाहिए, और इस कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा के विकास के लिए उच्च शिक्षा के संस्थानों के बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए प्राथमिक शिक्षा को उच्च शिक्षा के साथ कैसे एकीकृत किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी। डीएवी यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी आगामी शैक्षणिक सत्र से नई शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करेगा। विश्वविद्यालय का उद्देश्य 21वीं सदी के कौशल के साथ छात्रों को सशक्त बनाना है। शिक्षा महाकुंभ इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विद्या भारती के उत्तर क्षेत्र के आयोजन सचिव श्री विजय नड्ढा ने कहा कि इस महाकुंभ के पहले पांच संस्करण पंजाब को समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के हर स्कूल और संस्थान की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय टीमों का गठन किया गया है।