डीएवी विश्वविद्यालय जालंधर के स्थापना दिवस पर भारतीय ज्ञान प्रणाली को सम्मिलित करने का संकल्प
जालंधर (अरोड़ा) - दिनांक 19 अप्रैल 2023 को महर्षि दयानन्द जी के 200वे प्रकाशोत्सव एवं समाज सुधारक, मार्गदर्शक डीएवी के प्रथम प्राचार्य महात्मा हंसराज के अवतरण दिवस एवं डीएवी विश्वविद्यालय, जालंधर के स्थापना दिवस के उपलक्ष में विश्वविद्यालय के उप कुलपति मोहदय डॉ मनोज कुमार जी तथा रजिस्ट्रार डॉ के एन कौल के दिशा निर्देशन में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आर्य समाज के दिग्गज, समाज सुधारक वाइस प्रेजिडेंट डीएवी मैनेजमेंट कमेटी डॉ रमेश आर्य जी मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित हुए। उनके साथ वाइस प्रेजिडेंट डीएवी मैनेजमेंट कमेटी जस्टिस एन के सूद, सेक्ट्री डीएवी मैनेजमेंट कमेटी अरविन्द घई, प्रिंसिपल डेविएट संजीव नवल तथा प्रिंसिपल फिजियोथेरेपी कॉलेज डॉ जितेंदर तथा समाज सेवक सुधीर भी उपस्थित हुए। विश्वविद्यालय के सभी स्टाफ मेंबर (टीचिंग, नान टीचिंग) एवं विद्यार्थियों ने पूर्ण श्रद्धा एवं स्नेह से इस हवन यज्ञ में भाग लिया।
इस अवसर पर उपकुलपति महोदय डॉ मनोज कुमार ने सब का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उनका मार्गदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के द्वारा मार्ग निर्देशन के रूप में प्रस्तुत जी-20 शिखर सम्मलेन 'वसुधैव कुटुंबकम' का परिचय देते हुए उनकी प्रेणना द्वारा उद्घाटित नई शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत भारतीय ज्ञान प्रणाली से परिचित करवाया जो कि महर्षि दयानन्द जी द्वारा निर्देशित वैदिक पद्द्ति के अंतर्गत शिक्षा प्रद्ती का डीएवी संस्थाओं द्वारा पहले से ही अनुपालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि नई ज्ञान प्रणाली में आई.के.एस. को आने वाले सत्र में पाठ्यक्रम के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाएगा।
इसी के साथ मुख्यातिथि डॉ रमेश आर्य जी ने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए त्यागपूर्वक कर्म करने कि प्रेणना दी। जस्टिस एन के सूद एवं सेक्रेटरी अरविन्द घई ने भी कर्म के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों का मार्ग दर्शन किया। उन्होंने विश्विद्यालय के स्वच्छ वातावरण की भी प्रशंसा की। अंत में डॉ. मनोज कुमार ने प्रबंधकर्मी कमेटी के प्रधान पदम्श्री पूनम सूरी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उनका धन्यवाद किया। पंडित हंस राज ने पवन मंत्रों के उच्चारण के साथ बहुत ही विधिपूरवक हवन सम्पन करवाया। ततपश्चात सभी के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गई।