प्राचार्य डॉ. जगरूप सिंह की पुस्तक 'सोंधारा' को मिला स्वर्ण पुरस्कार
जालंधर (अरोड़ा)- प्राचार्य डॉ. जगरूप सिंह की वैकल्पिक उपचार प्रणाली पर लोकप्रिय पुस्तक "सोंधारा" को गोल्डन अवार्ड मिला है। इस पुरस्कार की घोषणा एशिया के सबसे बड़े प्रकाशन समूह विग्स पब्लिकेशन इंटरनेशनल ने की है। प्राचार्य डॉ. जगरूप सिंह ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने इस प्राकृतिक और वैकल्पिक उपचार प्रणाली पर काम किया और गंभीर शोध के बाद इस पुस्तक को लिखा, जिसे चिकित्सा पेशे से जुड़े बुद्धिजीवियों और डॉक्टरों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही इस पुस्तक का हिंदी संस्करण पाठकों तक पहुंच रहा है ताकि आम लोगों की पहुंच इस पुस्तक तक हो सके और लोग महंगे इलाज और महंगी दवाओं से बच सकें। डॉ.वरिंदर भाटिया उपाध्यक्ष शिक्षा बोर्ड, प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार सुरेश सेठ, प्राचार्य संजीव सूद (दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज), प्राचार्य अनूप वत्स, (डी.ए.वी. कॉलेज नकोदर), डॉ. श्याम सुंदर दीप्ति, डॉ. संदीप दाखा, डॉ. रवि डुमरा, डॉ. धरमपाल साहिब, डॉ. गोपाल बुट्टर, प्रसिद्ध फिल्म कलाकार और लेखक कुलबीर बदेसरों, जसबीर कलसी, प्राचार्य डॉ. हरभजन सिंह, मोता सिंह स्व संरक्षक पंजाबी मुख वालसाल (यूके), केहर शरीफ (जर्मनी), प्रो. कृष्ण कुमार रत्तू और प्रो. आर.के.पराशर ने प्राचार्य डॉ जगरूप सिंह को इस पुस्तक के लिए बधाई दी।
गोल्डन अवार्ड मिलने पर कॉलेज के प्रमुखों ने प्राचार्य को बधाई दी। इस अवसर पर पुस्तक के प्रकाशक हरीश बनवट एवं हिन्दी अनुवाद में पूर्ण सहयोग देने वाले व्याख्याता प्रभुदयाल भी उपस्थित थे।