डीएवी यूनिवर्सिटी में शुरू हुई चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस, स्टूडेंट्स ने दिखाए अपने जौहर
जालंधर (छाबड़ा) :- पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पीएससीएसटी) द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग, पंजाब और डीएवी यूनिवर्सिटी के सहयोग से आयोजित की जा रही 30वीं स्टेट लेवल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस (सीएससी) में 350 से अधिक स्कूली छात्रों ने अपने इनोवेटिव साइंस प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित किया। इस इवेंट में स्टूडेंट्स ने अपने प्रोजेक्ट्स के माध्यम से से जटिल पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान तलाशने का प्रयास किया है। स्टूडेंट्स ने "अंडरस्टैंडिंग इको सिस्टम फॉर हेल्थ एंड वेल बीइंग" विषय पर 150 प्रोजेक्ट प्रदर्शित किये हैं। विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों के स्कूली बच्चों द्वारा लाए गए इन प्रोजेक्ट्स को संबंधित जिला स्तर पर सर्वश्रेष्ठ घोषित किया जा चूका है।
विशेषज्ञों द्वारा उनका मूल्यांकन किया जाएगा और चयनित प्रोजेक्ट्स जनवरी 2023 में अहमदाबाद में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रदर्शित होंगी। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. के.एस. बाठ, संयुक्त निदेशक, पीएससीएसटी और डॉ. मनोज कुमार, वाईस चांसलर, डीएवी यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। डॉ. बाठ ने कहा कि चिल्ड्रेन साइंस कांग्रेस (सीएससी) स्कूली विज्ञान के छात्रों को छोटे रिसर्च प्रोजेक्टस के माध्यम से अपने पड़ोस की सामाजिक चुनौतियों को समझने और उनके समाधान के लिए सुझाव देने का अवसर प्रदान करने वाला एक अनूठा मंच है। डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि बहुत कम उम्र में छात्रों ने अपने पड़ोस में छोटी-छोटी पहलों के माध्यम से वैश्विक पारिस्थितिकी के संरक्षण के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। इस कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) के उप निदेशक डॉ. श्रुति शुक्ला, गुरशरण सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी (स्कूल), जालंधर शामिल थे।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ. मंदाकिनी ठाकुर, वैज्ञानिक, पीएससीएसटी, हरजीत बावा, डिस्ट्रिक्ट मेंटर (डीएम) साइंस, जालंधर और डॉ. पूजा रतन, एसोसिएट प्रोफेसर, डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर द्वारा किया गया। इनबॉक्स छोटे रिसर्चर्स के बड़े कमाल बीसीएम आर्य इंटरनेशनल स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाले नाम्या शर्मा और मनकीरत सिंह ने अपने स्कूल में बगीचे के छोटे हिस्से में मल्चिंग के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया और पाया कि काले रंग की प्लास्टिक शीट से सब्ज़ियों का उत्पादन अन्य अन्य प्रकार की मल्चिंग की तुलना में बेहतर होता है। गवर्नमेंट हाई स्कूल आदमवाल से कमलप्रीत कौर और दिव्यांश ने पशुओं में लम्पी त्वचा रोग की जांच के लिए किसानों द्वारा अपनाए जाने वाले घरेलू तरीकों पर शोध किया। इन आठवि के स्टूडेंट्स ने पाया कि नीम और करी पत्ते के धुएं सहित घरेलू तरीके बीमारी फैलाने वाले कीड़ों को दूर रखने में कारगर साबित हुए हैं। किसानों ने जानवरों की त्वचा पर गांठों पर हल्दी लगाई और यह उनके इलाज में कारगर साबित हुई।