के.एम.वी. द्वारा बिल्डिंग राइटिंग स्किल्स विषय पर पांच दिवसीय इंटरनेशनल फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तीसरे दिन का सफल आयोजन
प्रतिभागियों ने बेहद दिलचस्पी से व्याकरण, साहित्य समीक्षा तथा सृजनात्मक लेखन के बारे में जाना
जालंधर (अजय छाबड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के पोस्टग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश के द्वारा बिल्डिंग राइटिंग स्किल्स विषय पर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तीसरे दिन का सफल आयोजन करवाया गया. भारत की विभिन्न शिक्षा संस्थाओं से 150 से भी अधिक प्रतिभागियों शिरकत वाले इस प्रोग्राम में संबोधित होते हुए डॉ. नाइमा हान, सीनियर कंसलटेंट, लीड्स बैकेट यूनिवर्सिटी, यू.के. ने किसी भी लेखन में भाषा की उचित शब्दावली के साथ-साथ व्याकरण के सदुपयोग के महत्व को विस्तार सहत बयान किया. किसी भी विचार को सकारात्मक रूप से पाठकों तक पहुंचाने में व्याकरण को आधार बताते हुए उन्होंने वर्तमान काल में लेखन के दौरान ध्यान में रखने वाली बातों पर भी प्रकाश डाला. इसके अलावा किसी भी लेखन में विषय की जान-पहचान करवाती शुरुआती पंक्तियां को प्रस्तुत करने के तरीके एवं महत्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने किसी भी लेखन में साहित्य समीक्षा की ज़रूरत को भी विस्तार से समझाया. इसके साथ ही उन्होंने सृजनात्मक लेखन को मानवीय विचारों की प्रस्तुति बताते हुए विषय अनुसार भाषा एवं शब्दों के उचित चयन पर ज़ोर देते हुए शब्दों के आपसी तालमेल की ओर भी इशारा किया. थियोरेटिकल माड्यूल्स, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग तथा टास्क असाइनमेंट्स पर आधारित इस फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के दौरान प्रतिभागियों के द्वारा भी अपने सृजनात्मक लेखन को कविताओं एवं कहानियां के रूप में एक दूसरे के साथ साझा किया गया.विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने डॉ. नाइमा के द्वारा विषय की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने पर आभार व्यक्त करते हुए इस सफल आयोजन के लिए डॉ. मधुमीत, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर तथा अध्यक्षा, अंग्रेज़ी विभाग के साथ-साथ डॉ. शालिनी गुलाटी, डॉ. रीना शर्मा तथा समूह स्टाफ सदस्यों के द्वारा किए गए प्रयत्नों की भी प्रशंसा की।