के.एम.वी. द्वारा शिक्षा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अंतर्गत महिलाओं के साथ भेदभाव के विरुद्ध एक विशेष मुहिम का आयोजन
जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के द्वारा शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अंतर्गत महिलाओं के साथ भेदभाव के विरुद्ध विशेष मुहिम का आयोजन करवाया गया. इस ड्राइव में कन्या महा विद्यालय के विमेन स्टडीज़ सेंटर तथा डिपार्टमेंट ऑफ काउंसलिंग के द्वारा महिलाओं के साथ असमानता के विरुद्ध जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाया गया. इस श्रंखला के अंतर्गत औरतों के साथ भेदभाव एवं यौन उत्पीड़न के संबंध में पखवाड़ा आयोजित करवाया गया. विशेष तौर पर आयोजित किए गए एक्सटेंशन लेक्चर के दौरान संबोधित होते हुए विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने समूह फैकल्टी मेंबरज़ तथा छात्राओं को कॉलेज में सेल अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट आफ विमेन के द्वारा किए जाते सकारात्मक कार्यों के साथ-साथ इस संबंध में शहर एवं ज़िला स्तर पर चल रहे विभिन्न सैलों के बारे में जागरूकता प्रदान की. इसके अलावा एक अन्य लेक्चर के दौरान एडवोकेट आभा नागर, ज़िला अदालत तथा हाईकोर्ट ने फैकेल्टी मेंबर्स और छात्राओं को औरतों के यौन उत्पीड़न से बचाव के लिए कानूनी अधिकारों एवं प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की. एक और महत्वपूर्ण गतिविधि के अंतर्गत सेल्फ डिफेंस कक्षाओं का विशेषज्ञों के द्वारा आयोजन करवाया गया ताकि छात्राओं को किसी भी विपरीत स्थिति में अपना बचाव करना सिखाया जा सके. इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश छात्राओं में आत्मविश्वास पैदा करने के अलावा उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था. इसके अलावा के.एम.वी. की इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी ने उचित कार्रवाई करने के लिए लंबित केसों की समीक्षा के लिए एक विशेष मुहिम भी चलाई जिसके दौरान कॉलेज स्तर पर इन केसों की ज़ीरो पेंडेंसी पाई जा सके. प्रिंसिपल प्रो.अतिमा शर्मा द्विवेदी ने कहा कि औरतों का लैंगिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील होना समय की ज़रूरत है ताकि उन्हें यौन उत्पीड़न के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने के योग्य बनाया जा सके. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कन्या महा विद्यालय के द्वारा समय-समय पर सदा ऐसी महत्वपूर्ण गतिविधियों का आयोजन करवाया जाता रहता है जिससे विभिन्न प्रकार के भेदभाव से ऊपर उठकर महिलाओं के लिए सामाजिक बराबरी के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके तथा यह सब गतिविधियां इस दिशा में सकारात्मक कदम साबित होंगी।