आई.के.जी पी.टी.यू में पुण्यतिथि पर याद किये गए पूर्व प्रधानमंत्री इंदर कुमार गुजराल
"भारतीय विदेश नीति एवं संबंधों के प्रति गुजराल जी का योगदान हमेशा के लिए है"
''गुजराल डॉकटराइन'' आज भी विद्यार्थियों के लिए शोध का विषय: डा. एस. के. मिश्रा
जालंधर (अरोड़ा) :- देश के 12वें प्रधानमंत्री इंदर कुमार गुजराल की मकबूलियत न सिर्फ़ अपने देश भारत में रही, बल्कि आज भी विदेशों तक उनकी क़ाबलियत का डंका बज रहा है! विदेश नीतियों में उनकी भागीदारी एवं विदेशों से मधुर संबंधों को लेकर किये उनके कार्य युगों तक दोहराए जाते रहेंगे! भारतीय विदेश नीति एवं संबंधों के प्रति श्री गुजराल जी का योगदान हमेशा के लिए है! यह कहना है आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आई.के.जी पी.टी.यू) के रजिस्ट्रार डा. एस. के. मिश्रा का! वे बुधवार को यूनिवर्सिटी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदर कुमार गुजराल की पुण्यतिथि पर आयोजित चर्चा एवं यादगार सभा को सम्बोधित कर रहे थे! उन्होंने ''गुजराल डॉकटराइन'' के पहलुओं को साँझा करते हुए कहा कि ''गुजराल डॉकटराइन'' आज भी विद्यार्थियों के लिए शोध का विषय है!
यूनिवर्सिटी के जन-सम्पर्क कार्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार रजनीश शर्मा की तरफ से तैयार डॉक्यूमेंटेशन प्रेजेंटेशन में दिखाया गया कि गुजराल का प्रधानमंत्री के तौर पर अप्रैल 1997 से मार्च 1998 तक कार्यकाल रहा! वे एक राजनयिक, राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी भी थे! गुजराल का जन्म ब्रिटिश काल में झेलम जिले में पंजाब की अविभाजित भूमि में 04 दिसंबर, 1919 को हुआ था। पंजाब में दोआबा एवं माझा से उनका खास रिश्ता रहा! पंजाब ने उनके परिवार को राजनीतिक तौर पर सेवा का अवसर भी दिया! उनके बेटे श्री नरेश गुजराल जी राज्यसभा में पंजाब का प्रतिनिधित्व करते रहे! यादगार सभा में बताया गया कि उनकी पूजनीय माता जी पुष्पा गुजराल एक समाजवादी एवं स्वतंत्रता सेनानी रहीं! साइंस सिटी का नाम, उनके नाम से पुष्पा गुजराल साइंस सिटी के रूप में है। गुजराल साहब का पंजाब के लिए बहुत योगदान है, खासकर जालंधर के लिए जैसे दूरदर्शन जालंधर, साइंस सिटी उनके योगदान के उदाहरण हैं। जालंधर की धरती धन्य है कि पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी के नाम के आगे वर्ष 2015 से उनका नाम जुड़ा है! यादगार सभा के दौरान यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार डा. एस के मिश्रा के नेतृत्व में फैकल्टी, स्टूडेंट्स, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपने-अपने क्रम से पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी! इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के डीन पी एंड ई पी डा. आर. पी. एस बेदी, डीन कॉलेज डेवलपमेंट डा.बलकार सिंह, डीन अकादमिक डा.विकास चावला, डीन विद्यार्थी भलाई डा.गौरव भार्गव, कंट्रोलर परीक्षाएं डा. परमजीत सिंह, डायरेक्टर आई. कियू ए सी डा.अमनप्रीत सिंह व अन्य उपस्थित रहे!