(Date : 08/May/2424)

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एच.एम.वी. में सात दिवसीय एफ.डी.पी. का आयोजन






जालंधर (अरोड़ा):- हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर में प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन के योग्यात्मक दिशा-निर्देशन अधीन बायोटैक्नालोजी विभाग भारत सरकार की डीबीटी स्टार स्कीम के तत्वावधान में ‘गुरु सिद्धता’ सात दिवसीय (24-30 जून) फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान ज्योति प्रज्ज्वलित कर डी.ए.वी. गान से किया गया। इस कार्यक्रम में जस्टिस (रिटा.) एन.के. सूद, उप प्रधान डीएवी कॉलेज प्रबंधकत्र्री समिति, नई दिल्ली व चेयरमैन लोकल कमेटी, डॉ. सतीश आहूजा, प्रिंसिपल डायरेक्टर डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, फरीदाबाद विशेष मेहमान व डॉ. अनीश दुआ, डीन स्टूडेंट डिवेल्पमेंट, जुलॉजी विभाग, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर मुख्य मेहमान रहे। उद्घाटन सत्र की शुरूआत में प्राचार्या प्रो. डॉ.  अजय सरीन ने आए हुए मेहमानों का प्लांटर भेंट कर स्वागत किया।

प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने एफडीपी के  महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि ज्ञान अर्जित करने की कोई आयु नहीं होती। इसलिए हमें सीखना कभी नहीं छोडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि सीखने के लिए विनीत होना जरूरी है। हमें सदैव ही अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए और अपने व्यक्तित्व को निखारना चाहिए। डॉ. सतीश आहूजा ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमारे भीतर सीखने की लगन हमेशा बनी रहनी चाहिए। उन्होंने संस्था  को इस कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए शुभकामनाएं दी। जस्टिस (रिटा.) एन.के. सूद ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि एक अध्यापक ही डाक्टर, राजनेता, आईपीएस अफसर बनाता है। समाज में सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान अध्यापक का ही है इसलिए अध्यापक को अपना दायित्व अच्छे से निभाना चाहिए। फिजिक्स विभागाध्यक्षा श्रीमती सलोनी शर्मा ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया। एफ.डी.पी. के प्रथम सत्र में डॉ. अनीश दुआ ने शिक्षण विधियों पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि अध्यापक को अपने विषय को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से पढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कक्षा में विद्यार्थी पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए उसकी प्रतिभागिता को सुनिश्चित करना चाहिए ताकि विद्यार्थी अधिक से अधिक रुचि के साथ ज्ञान अर्जित कर सकें। उन्होंने अध्यापक को सकारात्मक सोच अपनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नया सिखाने के लिए अध्यापक को हमेशा ही जागरूक रहकर नया ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए। एफ.डी.पी. के दूसरे सत्र में डॉ. (श्रीमती) मनीषा सिक्का, डाइटीशियन, टैगोर अस्पताल, जालंधर ने संतुलित आहार संबंधी अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यदि हमारा भोजन साफ और संतुलित होगा तभी हम अपनी सेवाओं को सही ढंग से प्रस्तुत कर सकेंगे। संतुलित आहार लेकर ही हम निरोग जीवन जी सकते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन कोआर्डिनेटर डॉ. अंजना भाटिया, डीन इनोवेशन एंड रिसर्च, कनवीनर सलोनी शर्मा, अध्यक्ष फिजिक्स विभाग, डॉ. हरप्रीत सिंह, अध्यक्ष बायोइन्फारमेटिक्स विभाग, डॉ. नीलम शर्मा, कैमिस्टरी विभागाध्यक्षा, ड़ॉ. सीमा मरवाहा, डीन एकेडेमिक, अनिल भसीन, डॉ. जतिंदर कुमार, गगनदीप, डॉ. राखी मेहता तथा आशीष चड्ढा द्वारा किया गया। इस अवसर पर सभी फैकल्टी सदस्य भी मौजूद रहे।

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