मोहनलाल उप्पल डी.ए.वी. कॉलेज फगवाड़ा में जलियांवाला बाग सर्वनाश पर सेमिनार
जालंधर (अरोड़ा) :- मोहनलाल उप्पल डी.ए.वी. कॉलेज फगवाड़ा में प्रिंसिपल डॉ. किरणजीत रंधावा के कुशल नेतृत्व में पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों के तहत इतिहास और पंजाबी विभाग के संयुक्त प्रयासों के तहत 'जलियांवाला बाग' दिवस के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को जलियांवाले बाग हत्याकांड और देश की आजादी में राष्ट्रीय नायकों के बलिदान के जीवन से अवगत कराना था। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कविता, भाषण, वाद-विवाद एवं प्रश्नोत्तरी विधि के माध्यम से इस हत्या के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किये। इस दौरान प्रिंसिपल डॉ. रंधावा ने विद्यार्थियों से कहा कि हर दिन किसी न किसी इतिहास से जुड़ा होता है। 13 अप्रैल 1919 वो दिन है जो इस इतिहास को दर्शाता है. जलियांवाला बाग का साका भारतीय इतिहास की एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। अमृतसर में हुए इस हत्याकांड का देश के लोगों के मन पर इतना गहरा और दर्दनाक प्रभाव पड़ा जितना शायद किसी अन्य घटना का नहीं पड़ा होगा। हालांकि इस त्रासदी को कई साल बीत चुके हैं, लेकिन इसके जख्म आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरे भारत में भारतीय क्रांतिकारियों की भावना और इस नरसंहार में शहीद हुए युवाओं, बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित निर्दोष और निहत्थे लोगों को याद किया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास के पन्नों पर एक दुखद दिन है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। संगीत विभाग ने शहीदों को समर्पित गीत प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अंत में प्राचार्य डॉ. रंधावा ने सेमिनार में भाग लेने वाले छात्रों को भविष्य में इस तरह की गतिविधियों में अधिक भाग लेने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और देश के प्रति स्वतंत्रता सेनानियों की भावना से प्रेरित होने के लिए प्रोत्साहित किया संदेश इस समय समस्त स्टाफ उपस्थित था।