(Date : 07/May/2424)

(Date : 07/May/2424)

भारत-घाना संयुक्त व्यापार समिति का चौथा सत्र अकरा में सम्प न्नर | ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੋਗਾ ਵਿੱਚ ਕਣਕ ਦੀ ਖਰੀਦ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਮੁਕੰਮਲ ਹੋਣ ਕਿਨਾਰੇ | लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सीटी ग्रुप और स्वीप जालंधर ने मतदाता जागरूकता अभियान चलाया | सीटी ग्रुप ने कंपनी बाग, अमृतसर में WOW-वीकेंड वेलनेस की सफलतापूर्वक मेजबानी की | डिप्स के छात्र प्रथमप्रीत सिंह ने जीता स्वर्ण पदक |

आई.के.जी पी.टी.यू में 'साड्डी मां बोली पंजाबी-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पंजाबी भाषा' शीर्षक से भारतीय भाषा पर पहला सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित






- सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के चांसलर प्रो. (डॉ.) एच.एस. बेदी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए , जाने-माने शिक्षाविदों ने लिया हिस्सा

- संस्कृत की विकास यात्रा का अध्ययन किए बिना पंजाबी भाषा की संरचना को नहीं समझा जा सकता: प्रो. (डॉ.) हरमोहिंदर सिंह बेदी

- वैश्विक स्तर पर पंजाबी भाषा को मान्यता दिलाने में अग्रणी होना हमारे लिए गर्व की बात है: प्रोफेसर (डॉ.) सुशील मित्तल, कुलपति आईकेजीपीटीयू

जालंधर/कपूरथला (अरोड़ा) - प्रौद्योगिकी के विकास, अस्तित्व और नवाचार में भाषा के महत्व को समझने के उद्देश्य से आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आईकेजीपीटीयू) में शुक्रवार को "साड्डी मां बोली पंजाबी-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं पंजाबी भाषा" शीर्षक से भारतीय भाषा पर पहला सम्मेलन आयोजित किया गया  यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर स्थित श्री गुरु नानक देव जी सभागार में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर, प्रसिद्ध शिक्षाविद् प्रोफेसर (डॉ.) हरमोहिंदर सिंह बेदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। सम्मानित अतिथि के रूप में पंजाबी भाषा चिंतक डॉ. अमरजीत सिंह ग्रेवाल, सेवानिवृत्त गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर शामिल हुए। पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला से शिक्षाविद् डॉ. सी. पी. कम्बोज ने विशेष वक्ता सह विशेषज्ञ पैनलिस्ट के रूप में भाग लिया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता मेजबान विश्वविद्यालय, आईकेजीपीटीयू के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सुशील मित्तल ने की। रजिस्ट्रार डॉ. एस.के.मिश्रा ने स्वागत सत्र की अध्यक्षता की! सम्मेलन में पंजाबी भाषा को मातृभाषा के रूप में प्यार करने वाले कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों और लेखकों ने भी भाग लिया। सम्मेलन के कुल चार सत्र थे, जिनमें पहला उद्घाटन सत्र और चौथा विदाई सत्र था। बीच में दो शैक्षणिक सत्र आयोजित किये गये, जिनमें भाषाविदों एवं विशेषज्ञों द्वारा शोधपत्र पढ़े गये।

 

उद्घाटन समारोह दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुआ। अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रो. (डॉ.) सुशील मित्तल ने पुष्प भेंट कर किया। कुलपति प्रो. (डॉ.) सुशील मित्तल ने अपने संबोधन में कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम पंजाबी हैं। पंजाबी भाषा को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलना और उसका नेतृत्व करना हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा में समय-समय पर बदलाव हुए हैं। भाषा में वैज्ञानिक विकास भी हुआ है। उन्होंने पंजाबी भाषा से जुड़े अपने छात्र जीवन के कई पहलू और किस्से साझा किए।

 

रजिस्ट्रार डॉ. एस.के. मिश्रा ने स्वागत भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई भाषाओं में उपलब्ध है, लेकिन पंजाबी भाषा में नहीं। इसके लिए हम सभी को पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए मजबूत प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है जो पंजाबी को अपनी मातृभाषा के रूप में प्यार करता है।

 

मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) हरमोहिंदर सिंह बेदी ने कहा कि एशियाई देश, विशेषकर विकासशील देश विभिन्न भाषाओं के प्रति काफी जागरूकता दिखा रहे हैं। वे अपनी जड़ों को मजबूत करने और भाषाओं के माध्यम से संस्कृति से जुड़ने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में 24 भारतीय भाषाओं को मान्यता दी गई है और इन भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। डॉ. बेदी ने बताया कि ऋग्वेद एक पौराणिक ग्रंथ है। संस्कृत की विकास यात्रा को जाने बिना पंजाबी भाषाओं की संरचना को नहीं समझा जा सकता। देश की 18 भाषाएँ संस्कृत से ली गई हैं। भारतीय संस्कृति को संस्कृत के बिना नहीं समझा जा सकता। "लव-कुश कांड" भगवान श्री वाल्मिकी ने श्री अमृतसर साहिब पंजाब में आकर लिखा था, जो हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि पंजाबी एक महान भाषा है, जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब भी लिखे गये हैं!

 

प्रथम शैक्षणिक सत्र की अध्यक्षता डॉ. अमरजीत सिंह ग्रेवाल, पंजाबी चिंतक, लुधियाना ने की। सत्र की शुरुआत में डॉ. सी.पी. कंबोज, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला ने अपने भाषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रकाश डाला और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई साल पहले से ही स्मार्टफोन में गूगल असिस्ट के रूप में हमारे बीच घूम रहा है। उन्होंने कहा कि चैट जीपीटी के माध्यम से हम अपने मन में आने वाले किसी भी सवाल से छुटकारा पा सकते हैं। उन्होंने 3-डी स्लाइड के माध्यम से सभी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कार्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आय का एक जरिया है, जिसके जरिए कंपनियां इस समय भारी कमाई कर रही हैं। इस बीच उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े लोगों के सवालों के जवाब भी दिए!

 

अपने भाषण में डॉ. ग्रेवाल ने कहा कि गूगल ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म पर भाषा सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है, जो 09 भाषाओं जैसे हिंदी, बगला, उर्दू, मराठी और दक्षिण भारत की सभी भाषाओं को सपोर्ट करता है लेकिन पंजाबी को नहीं। हम यह भी जानते हैं कि हिंदी और बांग्ला के बाद पंजाबी भारत की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सामने इंसानों की वही स्थिति होगी जो तितली के सामने अल्बर्ट आइंस्टीन की थी!

अगले शैक्षणिक सत्र में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के डॉ. तजिंदर सिंह सैनी और डॉ. राणा, लेक्चरर बलबीर कौर रायकोटी, राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व पंजाबी सभा कनाडा और यूनिवर्सिटी कैंपस की छात्रा जैस्मीन कौर ने विभिन्न संबंधित विषयों पर भाग लिया। डॉ. तजिंदर सिंह सैनी ने कहा कि अब पंजाबी भाषा को एआई के माध्यम से विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिए अधिकतम प्रयास करने का अवसर है। उन्होंने स्वागत किया कि जिस किसी के पास पंजाबी भाषा से संबंधित डेटा है, भले ही वह कच्चा डेटा हो, उसका भी उपयोग किया जा सकता है।

सम्मेलन के परिचयात्मक सत्र का संचालन डिप्टी रजिस्ट्रार आईकेजीपीटीयू सौरभ शर्मा ने किया। शैक्षणिक सत्र और अंतिम सत्र की रिपोर्ट एवं धन्यवाद प्रस्ताव  डॉ.सरबजीत सिंह मान, सहायक प्रोफेसर, पंजाबी, आईकेजीपीटीयू द्वारा दिया गया। सम्मेलन में विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर डीन कालेज डेवलपमेंट डा.बलकार सिंह, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर (डॉ.) गौरव भार्गव, परीक्षा नियंत्रक डॉ. परमजीत सिंह, उप नियंत्रक संदीप काजल और अन्य अधिकारी, संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

  • About Us

    Religious and Educational Newspaper of Jalandhar which is owned by Sarv Sanjha Ruhani Mission (Regd.) Jalandhar