एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में तीन दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन
जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर के पीजी डिपार्टमेंट ऑफ़ फाइन आर्ट्स द्वारा तीन दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कलाकार डॉ विजय मा॰ ढोरे उपस्थित हुए। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने डाॅ विजय का अभिनंदन करते हुए कहा कि एपीजे कॉलेज सदा ही ललित कलाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। इसके संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय डॉ सत्यपाॅल जी हमेशा ललित कलाओं को जन-मन तक पहुंचाने का स्वप्न देखते थे और अब उनकी पुत्री एपीजे एजुकेशन की अध्यक्ष डॉ सुषमा पाॅल बर्लिया उनके स्वप्न को साकार करने का हर संभव प्रयास कर रही हैं, उन्होंने कहा कि एपीजे एजुकेशन जालंधर की निदेशक डॉ सुचरिता ने भी ललित कलाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । डॉ विजय की कला दक्षता को देखकर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आपका अनुभव एवं सृजनात्मकता विद्यार्थियों को जरूर लाभान्वित करेगी। डॉ विजय ने वर्कशॉप के आरंभ में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कला एक थैरेपी का काम करती है आपका जो भी भाव हो कला की अभिव्यक्ति के माध्यम से उसको अभिव्यक्त करके आप सुकून प्राप्त कर सकते हैं उन्होंने कहा कि समय अनुसार कला में भी बहुत बदलाव आए हैं, कला मुख्यतः चित्रकला, मूर्ति- कला एवं ग्राफिक्स का संगम है और इसमें ड्राइंग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहती है उन्होंने कहा कि कला बोलने की नहीं देखना और परखने की वस्तु है, डॉ विजय ने कहा कि समय अनुसार टेक्नोलॉजी के प्रभाव ने जितना हमारी जिंदगी पर प्रभाव डाला है उतना ही उसने कला को भी प्रभावित किया है उनके अनुसार हम टेक्नोलॉजी का कला में सामंजस्य स्थापित करते हुए सर्जनात्मकता एवं प्रयोगधर्मिता का आधार लेकर कला के क्षेत्र में नयी विधाओं को सामने लेकर आ सकते हैं। डॉ ढोरे ने कहा कि मैं सिर्फ सिखाने ही नहीं आया हूं बल्कि मैं युवा शक्ति यानी विद्यार्थियों से भी निश्चित रूप से कुछ न कुछ सीख कर अवश्य जाऊंगा। इस वर्कशाप का आयोजन करने के लिए डॉ ढींगरा ने फाइन आर्ट्स विभाग की अध्यक्ष डॉ रिंपी अग्रवाल,डॉ जीवन कुमारी, डॉ गगन गंभीर एवं मैडम अमनदीप के प्रयासों की सराहना की।