(Date : 03/May/2424)

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मेयर वर्ल्ड स्कूल में अंतरसदनीय ड्रेस अप लाइक ए वर्ड प्रतियोगिता का आयोजन | श्रम दिवस पर डिप्स के बच्चों ने सहायक स्टाफ को कार्ड देकर किया धन्यावाद | ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਸੀਜ਼ਨ ਦੇ ਅਖੀਰ ਤੱਕ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਜਾਣਗੀਆਂ- ਡੀ.ਸੀ | डीएवी कॉलेज जालंधर को द ट्रिब्यून गाइड टू बेस्ट कॉलेजेज के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ कॉलेज का दर्जा प्राप्त हुआ | एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में विद्यार्थियों ने पोर्ट्रेट,लैंडस्केप एवं पेंटिंग बनाने की तकनीक को जाना |

एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर में विद्यार्थियों ने बनाए मूड बोर्ड्स एवं माइंड मैपिंग डायग्राम्स






जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में 'डिजाइन थिंकिंग' विषय पर चल रहे इंटरनैशनल डिजाइन वीक के दूसरे दिन बडी लूनेन (Budi Loonen) द्वारा मिले दिशा निर्देशों कि हमें दिव्यांग जनों के जीवन के बारे में शोध करते हुए कि उनको जिंदगी में किसी अक्षमता की वजह से क्या दिक्कत आ रही है उसको जानकर फिर ऐसे प्रोडक्ट को डिजाइन करना है जोकि की न केवल मौलिक हो बल्कि उनके जीवन को आसान भी कर सके। लूनेन ने विद्यार्थियों को कहा की डिजाइन के क्षेत्र में पदार्पण करने से पहले जिस क्षेत्र या लोगों के बारे में हम डिजाइन बना रहे हैं वहां के लोगों के लिए समानुभूति होना बहुत जरूरी है फिर हमें अपने डिजाइन को परिभाषित करते हुए, उसके बारे में विचार करते हुए, उसकी मूलभूत संरचना कर उसको टेस्ट करना है क्या वास्तव में यह डिजाइन जिन लोगों की मदद के लिए मैंने बनाया है उनके जीवन को आसान करने में मदद कर सकेगा। दिव्यांग जनों की सुविधा को देखते हुए उत्पादन बनाने के लिए विद्यार्थियों ने अपने प्रोडक्ट को वास्तविकता का जामा पहनाने के लिए अपाहिज आश्रम में भी दौरा किया और वहां भी न देख सकने वाले लोगों से मिले और उनकी मुश्किलों के बारे में उनसे जाना। इसके बाद सभी विद्यार्थियों ने मूडबोर्ड्स जिसमें की सामान्य व्यक्ति एवं दिव्यांग व्यक्ति के जीवन की तुलना करते मूडबोर्ड्स पर तस्वीरें लगाई ताकि जरूरत के अनुसार प्रोडक्ट बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके इसकी पश्चात विद्यार्थियों ने दिव्यांग लोगों की अक्षमताओं को समझते हुए माइंड मैपिंग डायग्राम्स भी बनाई जिससे कि उनके प्रोडक्ट को एक सही दिशा मिल सके। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस लग्न एवं तन्मयता से सभी विद्यार्थी अपना काम कर रहे हैं मुझे विश्वास है कि वे एैसे प्रोडक्ट बनाने में सफल हो पाएंगे जो कि हमारे दिव्यांग लोगों की जीवन को आसान करने में मदद कर सकेंगे, उन्होंने कहा मेरा मानना है कि क्लासरूम टीचिंग में विद्यार्थी वह नहीं सीख सकते जोकि एक अनुभवी,निष्णात एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित डिजाइनर से वे सीख सकते हैं। वर्कशॉप के दूसरे दिन के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए उन्होंने डिजाइन, एप्लाइड आर्ट, मल्टीमीडिया, फाइन आर्ट्स, स्कल्चर एवं प्रोडक्ट डिजाइन के प्राध्यापकवृंद के प्रयासों की सराहना की।

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