एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर में फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन
जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में IQAC के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेनिफिट्स एंड थ्रेटस विषय पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसमें स्रोत वक्ता के रूप में पीजी डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश की अध्यक्ष डॉ सुनीत कौर एवं पीजी डिपार्टर्मेंट आफ कंप्यूटर साइंस की अध्यक्ष डॉ रूपाली सूद ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेनिफिट्स एंड थ्रेटस विषय के पक्ष एवं विपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किये। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के महत्त्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी टीचर्स किसी न किसी विषय में निष्णात है और वह अपने विचारों के आदान-प्रदान से अपने विषय के महत्त्व एवं जीवन में उसकी प्रासंगिकता से सभी को रूबरू करवा सकते हैं, उन्होंने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण विषय पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम सभी को एक नयी दिशा प्रदान कर सकता है और उन्हें इस तथ्य से अवगत करवा सकता है कि किस तरह हमारी दिनचर्या इससे प्रभावित रहती है और किस तरह हमें जागरूक रहकर इसका प्रयोग करना है ताकि इसकी गलत प्रयोग से हम किसी मुश्किल में न पड़े। डॉ रूपाली सूद ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज की जिंदगी हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बिना सोच भी नहीं सकते चाहे वह बात हो गूगल मैप की, राइड हेलिंग, फेस डिटेक्शन एंड रिकग्निशन, टैक्स एडिटर एंड आटोकोरैक्ट, चैटबोक्स, इ-पेमेंट, डिजिटल अस्सिटेंट, सोशल मीडिया, गेमिंग ऑनलाइन एडस नेटवर्क, बैंकिंग एंड फाइनेंस, स्मार्ट होम डिवाइसेज, सिक्योरिटी एंड सर्विलेंस, स्मार्ट कीबोर्ड एप, ई-कॉमर्स, या फिर म्यूजिक एंड मीडिया स्ट्रीमिंग सर्विसेज की, उन्होंने कहा की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है यहां तक की एस्ट्रोनॉमी वैज्ञानिक भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से शोध के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। मल्टीमीडिया विभाग से अंकित गोयल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यावहारिक पक्ष से एक वीडियो के माध्यम से टीचर्स को अवगत कराते हुए कर इस के माध्यम से हम अपनी जिंदगी में अद्भुत बदलाव ला सकते हैं। डॉ सुनीत कौर ने थ्रेड्स एंड चैलेंजिस इन यूजिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की ह्यूमन इंटेलिजेंस के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काम कर सकती है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केवल इमिटेशन कर सकती है ओरिजिनल इन्वेंट इसमें कुछ भी नहीं है, उन्होंने कहा कि मानव बुद्धि अपने अनुभव एवं गलतियों से भी सीखती है जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पास ऐसा कोई रास्ता नहीं है उन्होंने कहा कि एडमिशन इंटेलिजेंस की वजह से स्कूल एवं कॉलेज में पढ़ते हुए बच्चों की सृजनात्मकता पर भी असर पड़ रहा है स्कूल एवं कॉलेज पढ़ने वाले विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से हर विषय को ढूंढ रहे हैं रचनात्मकता का इस्तेमाल वे नहीं कर रहे हैं उन्होंने यह भी कहा कि इसकी वजह से रोजगार में भी काफी कमी आ जाएगी। डॉ सुनीत ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई अपराधों का आधार भी बन रही है और इससे रिलेटेड कोई भी लीगल रेगुलेशन अभी नहीं बने हैं जिस वजह से हमें सजग रहकर जिंदगी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करना है। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने फैक्लटी डेवलपमेंट प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिए डॉ अंजना कुमारी एवं डॉ पायलअरोड़ा के प्रयासों की भरपूर सराहना की।