(Date : 03/May/2424)

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श्रम दिवस पर डिप्स के बच्चों ने सहायक स्टाफ को कार्ड देकर किया धन्यावाद | ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਸੀਜ਼ਨ ਦੇ ਅਖੀਰ ਤੱਕ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਜਾਣਗੀਆਂ- ਡੀ.ਸੀ | डीएवी कॉलेज जालंधर को द ट्रिब्यून गाइड टू बेस्ट कॉलेजेज के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ कॉलेज का दर्जा प्राप्त हुआ | एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में विद्यार्थियों ने पोर्ट्रेट,लैंडस्केप एवं पेंटिंग बनाने की तकनीक को जाना | के.एम.वी. द्वारा रिसर्च एथिक्स एंड प्लेजिरिज्म विषय पर रिसर्च फोरम आयोजित |

एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन






जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर जहां एक तरफ सर्वदा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए दिन-प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता ही रहता है ठीक उसी तरह प्राध्यापकवृंद के सर्वपक्षीय विकास के लिए भी विभिन्न विषयों पर फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रमों का आयोजन करता ही रहता है। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एपीजे कॉलेज बहुआयामी होने के नाते विभिन्न विषयों में निष्णात फैकल्टी हमारे कॉलेज की बहुत बड़ी आधारशिला है और हमारा यह प्रयास रहता है कि प्रत्येक विषय पर हम फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन करते रहे ताकि सभी उसे विषय विशेष की जानकारी हासिल कर‌ अपने ज्ञान में वृद्धि कर सके।इसी श्रृंखला में इकोनॉमिक्स विभाग की अध्यक्ष डॉ सुप्रीत तलवाड़ ने भारत: इमर्जिंग यूस डॉलर 5 ट्रिलियन इकोनामी एवं जी-20 में भारत की उपलब्धियां विषय पर अपने विचार बड़े प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किए गए, उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में भारत 3.7 ट्रिलियन के मील पत्थर को पार कर चुका है, इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए भारत सरकार द्वारा कौन-कौन से कदम उठाए जा रहे हैं और उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है इसकी विशेष जानकारी उन्होंने दी।

डाॅ तलवाड़ ने कहा कि भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था है और शीघ्र ही एक विकसित अर्थव्यवस्था के रूप में इसको उभरना है लेकिन एक विकसित देश बनने के रास्ते में भारत के लिए कई बड़ी रुकावटें हैं जैसे बेरोजगारी की समस्या, क्षेत्र विशेष में कुशल जनशक्ति की कमी, पूंजी निर्माण एवं निवेश की कमी, तथा देश पार आतंकवाद की समस्या आदि। डॉ सुप्रीत ने 30 नवंबर को खत्म हुई भारत की G20 की उपलब्धियां से भी सभी को रूबरू करवाया उन्होंने कहा कि भारत द्वारा वसुधैव कुटुंबकम सूत्र के माध्यम से पूरी दुनिया को यह समझने की कोशिश की गई कि पूरा विश्व एक परिवार की तरह है और हम सभी एक एकत्रित होकर ग्लोबल वार्मिंग, क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म, सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। डॉ ढींगरा ने डॉ सुप्रीत तलवाड़ द्वारा विषय को सफलता से प्रस्तुत करने के लिए उनके प्रयासों की सराहना की।

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