मोहन लाल उप्पल डी.ए.वी. कॉलेज, फगवाड़ा में 'विश्व टेलीविजन दिवस' सेमिनार का आयोजन
फगवाड़ा (अरोड़ा) - मोहन लाल उप्पल डी.ए.वी. कॉलेज, फगवाड़ा में 'विश्व टेलीविजन दिवस' के अवसर पर प्राचार्य डॉ. किरणजीत रंधावा के कुशल नेतृत्व में कंप्यूटर विभाग के सहयोग से एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन में तकनीकी नवाचारों और टेलीविजन के महत्व पर प्रकाश डालना था। इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने कविता, भाषण एवं नारा पद्धति के माध्यम से मानव जीवन में टेलीविजन के महत्व एवं इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से सभी को अवगत कराया। इस दौरान कॉलेज प्राचार्य डॉ. रंधावा ने विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ाते हुए कहा कि टेलीविजन का आविष्कार उन महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक है, जिसके आते ही पूरी दुनिया में हलचल मच गई। आज के समय में भी टेलीविजन ने एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। टेलीविजन आज के युग में जनसंचार का एक सशक्त माध्यम है। टेलीविजन सबसे उपयोगी मनोरंजन उपकरणों में से एक है जो विज्ञान ने मनुष्य को दिया है। टेलीविजन के माध्यम से हम देश-विदेश में होने वाली घटनाओं को एक ही समय पर देख सकते हैं। टेलीविजन की कार्य प्रणाली रेडियो से काफी मिलती-जुलती है। यह रेडियो का विकसित रूप है। रेडियो की मदद से हम केवल देश-विदेश की घटनाएँ, भाषण या समाचार आदि ही सुन सकते हैं, लेकिन टेलीविजन एक ऐसा माध्यम है जहाँ दृश्य-श्रव्य संचार के माध्यम से मनोरंजन, शिक्षा, राजनीति, समसामयिक घटनाएँ आदि ही सुनी जा सकती हैं। यह शिक्षा और मनोरंजन का एक स्वस्थ स्रोत है। यह समाज में सूचना प्रदान कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टेलीविजन का अब तक का सफर दिलचस्प रहा है और यह ब्लैक एंड व्हाइट से आज के स्मार्ट टीवी तक पहुंच गया है।
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक युग में टेलीविजन के व्यापक उपयोग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. आवश्यकता इस बात की है कि हम सभी को टेलीविजन के रचनात्मक शिक्षण कार्यक्रमों को प्राथमिकता देनी चाहिए जो मनोरंजन के साथ-साथ हमारे वर्तमान ज्ञान को भी बढ़ाते हैं। इस अवसर पर समस्त विद्यार्थी एवं स्टाफ उपस्थित रहे।