डीएवी कॉलेज जालंधर में पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
इस पुस्तक मेले के माध्यम से विद्यार्थियों को किताबों से जोड़ने का एक छोटा सा प्रयास किया गया है। पुस्तक मेले में छात्रों की जो रुचि देखी जा रही है वह निश्चित रूप से एक अच्छा संकेत है - डॉ. राजेश कुमार
जालंधर (अरोड़ा) - डीएवी कॉलेज, जालंधर की लाजपत राय लाइब्रेरी ने एक दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, कॉलेज पुस्तकालय प्रमुख नवीन सैनी और लाइब्रेरियन सुश्री श्वेता द्वारा किया गया। प्रदर्शनी में किताबें लाने वाले न्यू एज पब्लिकेशन, नई दिल्ली के राधा कृष्णन नायर ने कहा कि प्रदर्शनी बहुत अच्छी थी क्योंकि छात्र बहुत उत्साहित थे और पुस्तकालय के लिए बड़ी संख्या में किताबों की सिफारिश की गई थी। इस पुस्तक प्रदर्शनी में कॉलेज के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विभिन्न विभागों के अध्यक्षों ने पुस्तकालय के लिए कई पुस्तकों की अनुशंसा की।
इस प्रदर्शनी की सफलता पर लाइब्रेरियन नवीन सैनी एवं समस्त लाइब्रेरी स्टाफ को बधाई देते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने कहा, नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि देश के कुल साक्षर युवाओं में से सिर्फ 25 फीसदी ही किताबें पढ़ते हैं और दिलचस्प तथ्य यह है कि इनमें से 18-20 फीसदी युवा अपने माता-पिता की सलाह पर ही पढ़ाई के लिए प्रेरित होते हैं। यह चिंताजनक स्थिति है कि देश के युवाओं में किताबें पढ़ने का रुझान कम हो रहा है और इसका कारण तकनीक का विकास है। अब ज्यादातर लोग वेब या किंडल पर किताबें पढ़ने लगे हैं, लेकिन यह भी सच है कि आज नए-नए प्रकाशन सामने आ रहे हैं, जिससे साबित होता है कि किताबों की दुनिया को कमजोर नजरिए से नहीं देखा जा सकता। कॉलेज लाइब्रेरी द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में छात्रों का उत्साह देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। पुस्तकालयाध्यक्ष नवीन सैनी ने कहा कि पुस्तकालय नियमित रूप से इन पुस्तक प्रदर्शनियों का आयोजन करता रहता है। इन पुस्तक प्रदर्शनियों के माध्यम से छात्र अपनी रुचि के क्षेत्र के नवीनतम प्रकाशनों को जानते हैं। यह छात्रों में पढ़ने की आदतों को भी बढ़ावा देता है। लाइब्रेरियन सुश्री शवेता ने कहा, छात्रों के लिए किताबों से बेहतर कोई दोस्त नहीं है। विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम के अतिरिक्त पुस्तकों का भी अध्ययन करना चाहिए। ये पुस्तकें विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक तो होंगी ही साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी सहायक होंगी।
इस अवसर पर डॉ. संजीव धवन, प्रो. मनीष खन्ना, डॉ. नवीन सूद, प्रो. अनु गुप्ता, प्रो. पंकज गुप्ता, डॉ. राज कुमार, डॉ. एसके तुली, डॉ. पूनम कुमार शर्मा, नरिंदर खुल्लर, सुरिंदर कौर, मैडम शबनम उपस्थित थे।