(Date : 02/May/2424)

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के.एम.वी. में जनरल मोहन सिंह की पुस्तक 'दि हिस्ट्री ऑफ दि इंडियन नेशनल आर्मी सोल्जरस कंट्रीब्यूशन टू इंडियन इंडिपेंडेंस' हुई रिलीज़






सुलझे अंदाज में लिखी गई यह पुस्तक युवाओं के लिए देशभक्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत: श्री चंद्र मोहन, प्रधान, आर्य शिक्षा मंडल

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के द्वारा आयोजित हुए एक विशेष सेमिनार के दौरान जनरल मोहन सिंह की पुस्तक 'दि हिस्ट्री ऑफ दि इंडियन नेशनल आर्मी सोल्जरस कंट्रीब्यूशन टू इंडियन इंडिपेंडेंस पुस्तक को रिलीज़ किया गया. इस अवसर पर श्री चंद्र मोहन, प्रधान, आर्य शिक्षा मंडल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. डॉ.रौनकी राम, शहीद भगत सिंह चेयर प्रोफेसर ऑफ़ पोलिटिकल साइंस, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ ने कीनोट स्पीकर के रूप में शिरकत की जबकि प्रोग्राम की अध्यक्षता प्रो. चमन लाल के द्वारा की गई. इसके साथ ही इस अवसर पर डॉ. सतपाल गुप्ता, मेंबर, के.एम.वी. मैनेजिंग कमेटी के अलावा सुरेंद्र कुमारी कोचर, चिरंजी लाल, देशभगत यादगार हॉल इत्यादि भी मौजूद रहे. सभी अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने अपने संबोधन में पुस्तकों को ज्ञान,बदलाव एवं मनुष्य को आगे बढ़ने के लिए दिशा प्रदान करने का एक मजबूत आधार बताया. जनरल मोहन सिंह की पुस्तक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इंडियन नेशनल आर्मी के सैनिकों द्वारा किए गए अमूल्य योगदान का गहन और व्यापक शोध को प्रस्तुत करती है तथा भारत की स्वतंत्रता की राह से जुड़ी ऐतिहासिक कहानियों में एक महत्वपूर्ण योगदान होने के साथ-साथ आई.एन.ए. सैनिकों के साहस और समर्पण के बारे में जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. मुख्य अतिथि चंद्र मोहन ने इस अवसर पर संबोधित होते हुए दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जनरल मोहन सिंह के द्वारा स्थापित की गई इंडियन नेशनल आर्मी के बारे में बात करते हुए उनकी इस पुस्तक में दी गई जानकारी को इतिहास का एक अनिवार्य हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि बेहद सुलझे हुए अंदाज़ में लिखी गई इस पुस्तक में इंडियन नेशनल आर्मी के सिपाहियों की समझदारी एवं देशभक्ति युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. कीनोट स्पीकर डॉ. रौनकी राम ने पुस्तक और आज के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर विद्वत्तापूर्ण दृष्टिकोण प्रदान किया. उनके ज्ञानवर्धक संबोधन ने देश की नियति और उनकी स्थायी विरासत को आकार देने में आई.एन.ए. सैनिकों की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संपूर्ण आकार में इंडियन नेशनल आर्मी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है.  प्रोग्राम के अध्यक्ष प्रो. चमन लाल ने अपने संबोधन के दौरान भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के कम ज्ञात पहलुओं पर प्रकाश डालने के लिए इस पुस्तक के रूप में जनरल मोहन सिंह के प्रयासों की सराहना की और साथ ही कहा कि कन्या महा विद्यालय जैसी राष्ट्रवादी संस्था में ऐसी महत्वपूर्ण पुस्तक का विमोचन भारत की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित  करने एवं इसके प्रचार और प्रसार के लिए बेहद कारगर साबित होगा. मैडम प्रिंसिपल ने इस प्रोग्राम की सफल आयोजन पर समूह आयोजक मंडल के द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की।

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