संस्कृति केएमवि छात्रा बनी न्यायाधीश
जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- संस्कृति केएमवि छात्रा ने एक बार फिर सफलता के ऊँचे पायदान पर अपने स्कूल के नाम को सुरक्षित रखने में योगदान देते हुए चाहत छाबड़ा ने पीसीएस परीक्षा में 28वां रैंक प्राप्त कर न्यायालय के क्षेत्र में सबसे कम उम्र की न्यायाधीश बन महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चाहत छाबड़ा पुत्री संगीता छाबड़ा एवं राजेश छाबड़ा बताते हैं कि जज बनना उनकी पुत्री का सपना था। चाहत बताती है कि इस अथक परिश्रम की सफलता के पीछे उनके माता-पिता एवं अध्यापकों का अविस्मरणीय योगदान रहा। जिनके निरंतर उत्साहवर्धक मार्गदर्शन ने उसे आज इस मुकाम तक पहुँचाया है। उनके परिवार में वकील तो बहुत हैं किंतु न्यायाधीश कोई भी नहीं था अतः उन्होंने अपने परिवार की इस कमी को पूरा किया। स्कूल प्रधानाचार्या रचना मोंगा ने चाहत छाबड़ा की असीम सफलता पर उसके परिवार को हार्दिक बधाइयाँ देते हुए कहा कि चाहत ने युवाओं के समक्ष एक मिसाल कायम करते हुए सिद्ध किया है कि अथक परिश्रम आपके सपनों को साकार करने का सामर्थ रखता है।