(Date : 02/May/2424)

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जैव-ऊर्जा अनुसंधान में हालिया प्रगति विषय पर चौथा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ शुरू






सम्मेलन में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला मुख्य अतिथि के रूप में हुए शामिल 

पराली न जलाने के लिए जागरूक करने वाली वैनों को दी गई हरी झंडी

जालंधर (ब्यूरो) :- सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान ने ‘जैव-ऊर्जा अनुसंधान में हालिया प्रगति’ विषय पर चौथा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला और विशेष मेहमान के रूप में प्रो. के.के. पंत, निदेशक आई.आई.टी. रूड़की ने भाग लिया। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से शुभकामनाएं दीं और कहा कि सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान की जैव ऊर्जा क्षेत्र में बहुत विशेष भूमिका है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा जैव-ऊर्जा अनुसंधान में हालिया प्रगति विषय पर सम्मेलन के दौरान शोधकर्ताओं, उद्योगपतियों और विशेषज्ञों के एकत्र होने से जैव ऊर्जा के क्षेत्र में और प्रगति होगी।

मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने आर्थिक क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास किया है और बायोएनर्जी का इसमें महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि संस्थान की ओर से आयोजित होने वाले इस सम्मेलन के दौरान जो खास बातें सामने आएंगी, उन्हें अमल में लाने से जैव ऊर्जा के क्षेत्र में नए मील के पत्थर स्थापित होंगे। इस मौके पर जहां भल्ला ने बायो- एंथम  ' जैव हो-जय हो' लॉन्च किया, वहीं पराली न जलाने और उससे बायो एनर्जी बनाने के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई। ये मोबाइल वैन पंजाब के अलग-अलग जिलों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करेंगी।

निदेशक आईआईटी रूड़की प्रो. के.के. पंत ने जैव आधारित अर्थव्यवस्था के लिए अनुसंधान और नवाचार पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए बायोमास के थर्मोकेमिकल रूपांतरण में चुनौतियां, बायोमास/कृषि अपशिष्ट का बायोकोल /बायोचार/मृदा खाद में रूपांतरण करने की जानकारी दी। अपनी बातचीत के दौरान उन्होंने बायोमास से हाइड्रोजन योजना पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान के महानिदेशक डॉ. जी. श्रीधर ने कहा कि इस सम्मेलन के दौरान बायोमास संसाधन प्रबंधन, बायोमास/अपशिष्ट को ऊर्जा में बदलना, जैव-ऊर्जा प्रणाली की मॉडलिंग, बायोरिफाइनरी और बायोहाइड्रोजन आदि से संबंधित तकनीकी सत्र होंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के अंतिम दिन प्रतिनिधियों को बायो एनर्जी प्लांट का भ्रमण भी कराया जायेगा। सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान ने 2011 से ‘जैव-ऊर्जा अनुसंधान में हालिया प्रगति ' विषय पर तीन सम्मेलन आयोजित किए हैं। इनमें जैव-ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास प्रयास, नीतियां और क्षेत्रीय अनुभव शामिल थे और विद्वानों, उद्योगों और नीति निर्माताओं की उत्साही भागीदारी देखी गई। अब आयोजित होने वाला चौथा सम्मेलन पिछले सम्मेलनों के वैश्विक दायरे का विस्तार करने का प्रयास करेगा। सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार सरना ने देश-विदेश से आये मेहमानों का धन्यवाद किया।

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