डीएवी कॉलेज जालंधर में विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया गया
जालंधर (अरोड़ा) :- प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार के कुशल नेतृत्व व विभागाध्यक्ष प्रो पुनित पुरी की देखरेख में डीएवी कॉलेज जालंधर में डार्विन जूलॉजिकल सोसायटी, जूलॉजी विभाग के तत्वावधान में विश्व अल्जाइमर दिवस-2023 मनाया गया। कार्यक्रम में यूजी और पीजी दोनों कक्षाओं के छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस वर्ष के विश्व अल्जाइमर दिवस की थीम 'कभी भी जल्दी नहीं, कभी बहुत देर नहीं' थी। कभी भी जल्दी नहीं, कभी बहुत देर न करें अभियान का उद्देश्य जोखिम कारकों की पहचान करने और विलंब करने और संभावित रूप से मनोभ्रंश की शुरुआत को रोकने के लिए सक्रिय जोखिम कम करने के उपायों को अपनाने की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करना है। जूलॉजी विभाग की सहायक प्रो पूजा शर्मा ने दिन की थीम पेश की। अपने भाषण में उन्होंने मनोभ्रंश के लक्षणों को पहचानने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें उन प्रियजनों को याद रखना चाहिए जो मनोभ्रंश से पीड़ित हैं या जिनका निधन हो गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुजुर्गों की देखभाल में परिवार, समाज और राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अल्जाइमर रोग 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में काफी अधिक प्रचलित है और इसके साथ स्मृति, सोच, भाषा और सीखने की क्षमता में लगातार गिरावट आती है। अनुमान के मुताबिक, डिमेंशिया दुनिया में हर तीन सेकंड में कहीं न कहीं किसी न किसी को अपनी चपेट में ले लेता है। 2050 तक, दुनिया भर में 131.5 मिलियन व्यक्ति मनोभ्रंश से पीड़ित होंगे, जो हर 20 साल में लगभग दोगुना होने की उम्मीद है। भारत में 40 लाख से अधिक लोग किसी न किसी प्रकार के मनोभ्रंश से पीड़ित हैं। इसके बाद एमएससी की छात्रा महक खेड़ा ने अल्जाइमर पर प्रस्तुति दी और इस बीमारी और प्रारंभिक उपचार, संकेत, रोकथाम और उपचार विकल्पों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की। अंत में डार्विन जूलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. अभिनय ठाकुर ने अल्जाइमर रोग की गंभीरता के बारे में जानकारी देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रो. पूजा शर्मा, डॉ. कपिला महाजन, प्रो. पंकज बग्गा, डॉ. शुभम कपिल व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।