(Date : 01/May/2424)

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डिप्स स्कूल का पीएसईबी परीक्षा में परिणाम 100% रहा | आई.आई.टी रोपड़ के आई हब अवध केंद्र पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया | के.एम.वी. कॉलेजिएट स्कूल की छात्राओं नाम 10+2 बोर्ड परीक्षा परिणामों में बाज़ी मारी | कर्मजीत कौर चौधरी ने की जाखड़ से मुलाकत, लोकसभा चुनावों पर की चर्चा | शहर में कानून व्यवस्था खराब, दिन-रात हो रही घटनाएं-सुशील रिंकू |

डीएवी कॉलेज जालंधर ने पीएससीएसटी प्रायोजित दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया






जालंधर (अरोड़ा) :- जूलाजी व जैव प्रौद्योगिकी विभाग, डीएवी कॉलेज जालंधर ने पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से भोजन की बर्बादी को कम करने और गीली खाद बनाने पर दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और समाज के लोगों को भोजन की बर्बादी को कम करने और जिम्मेदार नागरिक के रूप में उनकी भूमिका को समझने के लिए जागरूकता प्रदान करना था। प्रो. पूजा शर्मा ने प्रतिष्ठित अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया और विषय विशेषज्ञ डॉ. जसविंदर सिंह, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, पीयू, चंडीगढ़, डॉ. आशुतोष शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर, डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर और डॉ. सरोज अरोड़ा प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान विभाग जीएनडीयू, अमृतसर का संक्षिप्त परिचय दिया। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने भोजन की बर्बादी पर उत्साहवर्धक भाषण दिया और विद्यार्थियों को अपने ज्ञान से अवगत कराया। विभागाध्यक्ष प्रो पुनित पुरी (पीएससीएसटी प्रायोजित कार्यक्रम के समन्वयक) ने वर्ष 2022 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट पर प्रकाश डाला जहां भारत 29.1 स्कोर के साथ 121 देशों में से 107वें स्थान पर है। उन्होंने संकेत दिया कि इस सूचकांक का मतलब है कि भारत में भूख और अल्प पोषण का स्तर गंभीर है। उन्होंने भारत में भोजन की बर्बादी को कम करने के लिए समाधान खोजने के लिए वास्तविक कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. जसविंदर सिंह ने भोजन की बर्बादी और भूख के वास्तविक कारण के बारे में बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी सड़कें, कूड़ेदान, लैंडफिल, शादी, कैंटीन, होटल, सामाजिक और पारिवारिक समारोह, घर इतना खाना उगलते हैं जो भोजन की बर्बादी को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अनुसार, भारत में उत्पादित भोजन का 40% तक बर्बाद हो जाता है। डॉ. आशुतोष शर्मा ने अपने भाषण में वर्मीकम्पोस्टिंग विधियों, विशेष रूप से बिस्तर/गड्ढे विधियों और टिकाऊ कृषि के बारे में जानकारी दी। डॉ. सरोज अरोड़ा ने छात्रों को भोजन की बर्बादी को कम करने और गीले कचरे से खाद बनाने के बारे में खाद निर्माण में उपयोग की जाने वाली केंचुओं की विभिन्न महत्वपूर्ण प्रजातियों के बारे में शिक्षित किया। दूसरे दिन वाद-विवाद एवं तख्ती निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया रॉबिन हुड आर्मी के साथ एक जागरूकता रैली भी आयोजित की गई, जो स्वेच्छा से कपूरथला और जालंधर के आसपास के विभिन्न होटलों और रेस्तरां से जरूरतमंद लोगों को अतिरिक्त भोजन उपलब्ध कराने में सक्रिय है। आदर्श नगर पार्क, जालंधर में रैली का विषय 'खाना बर्बाद करना बंद करो और एक जिम्मेदार नागरिक बनें' था, जहां फूड स्टॉल मालिकों और विक्रेताओं को जागरूकता प्रदान की गई। अंत में, डॉ. अभिनय ठाकुर अध्यक्ष, डार्विन जूलॉजिकल सोसायटी, जूलॉजी विभाग ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. रेणुका मल्होत्रा (एचओडी, बायोटेक विभाग), प्रो. पूजा शर्मा, डॉ. दीपक वधावन, डॉ. संजय कुमार, डॉ. ऋषि कुमार, डॉ. कपिला महाजन, प्रो. पंकज बग्गा, डॉ. शुभम कपिल, प्रो. गीतिका, प्रो. सुमन और प्रो. रमनदीप कौर व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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