डिप्स स्कूल में विश्व साक्षरता दिवस पर बच्चों शिक्षा का महत्व समझाया गया
जालंधर (प्रवीण) :- विश्व साक्षरता दिवस पर डिप्स स्कूल गिल्जियां में बच्चों को जीवन मे शिक्षा के महत्व समझाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्लास के बच्चों ने मिलकर पोस्टर बनाए और उन के माध्यम से अपने बाकी सहपाठियों को इस बारे में जानकारी दी। सीनियर वर्ग के बच्चों ने बताया कि समाज में शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से दुनिया भर यह दिन में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे हम पूरी दुनिया पर राज कर सकते है। टीचर्स ने पीपीटी के माध्यम से जीवन में शिक्षा और भारत में साक्षरता दर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साक्षरता शब्द साक्षर से बना है जिसका अर्थ पढ़ने और लिखने में सक्षम है। पढ़ने लिखने में सक्षम व्यक्ति ही साक्षर होता है। जिसे भाषा का ज्ञान मर्यादा, सही गलत में फर्क की समझ हो वह साक्षर कहलाता है। इसके साथ ही बच्चों की शिक्षा से जुड़े विभिन्न नियम और उनके अधिकारो के बारे में जानकारी दी गई। प्रिंसिपल गुरप्रीत कौर ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए वहां के नागरिको का साक्षर होना बहुत ही जरूरी है। साक्षरता विकास के साथ समाज में सम्मान दिलाता है। इस साल साक्षरता दिवस की थीम परिवर्तनशील दुनिया में साक्षरता को बढ़ावा देना- स्थायी और शांतिपूर्ण समाज की नींव का निर्माण करना है। देश के जितने ज्यादा नागरिक साक्षर होंगे, वह देश उतना ही तरक्की करेगा। विश्व साक्षरता दर 84 फीसदी कम है। साल 2011 में भारत की कुल साक्षरता दर 74.4 प्रतिशत है जिसमें पुरूष की साक्षरता 82.14 और महिलाओं का आंकड़ा 65.46 प्रतिशत है। देश में सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य केरल है।