(Date : 20/May/2424)

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सतलुज से सटे इलाके में जनजीवन सामान्य होने लगा






सतलुज में अभी 26000 क्यूसेक पानी चल रहा है

11 जुलाई को सतलुज में 3 लाख क्यूसेक पानी चला था

समय रहते किए गए अग्रिम इंतजामों ने मोगा जिले को बाढ़ से बचाया

प्रशासन अभी भी तीनों बांधों पर पैनी नजर बनाए हुए है

डिप्टी कमिश्नर की लोगों से अपील!  किसी भी आपातकालीन स्थिति को तुरंत प्रशासन के ध्यान में लाया जाना चाहिए

मोगा (कमल) :- बाढ़ के रूप में प्राकृतिक आपदा के बाद, सतलुज दरिया के किनारे पर स्थित मोगा जिले के दर्जनों गांवों में जीवन अब सामान्य हो रहा है।  हालांकि प्रशासन ने राहत शिविर समेत सभी ड्यूटी चालू रखी हैं, लेकिन फिलहाल इस मौसम में बाढ़ का ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि, लोगों से हर समय सतर्क रहने का आग्रह किया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह ने बताया कि इस समय सतलुज में 26000 क्यूसिक पानी बह रहा है, जो अब तक आई बाढ़ के सभी स्तरों से 6 फीट कम है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान जब पूरे उत्तर भारत में बारिश हो रही थी। पंजाब के कई जिले भी बाढ़ संकट से पीड़ित थे। लेकिन समय पर की गई अग्रिम व्यवस्थाओं ने मोगा जिले को बाढ़ से बचा लिया। सतलज के किनारे बसे जिले मोगा में बाढ़ से बचाव के सभी उपाय जून से पहले ही पूरे कर लिये गये थे। एहतियात के तौर पर चार गांवों को खाली करा लिया गया था, वहां भी अब स्थिति सामान्य हो गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ का सबसे बड़ा खतरा धर्मकोट विधानसभा क्षेत्र के अधीन सतलुज के किनारे बसे गांवों को होता है। इसीलिए जिला प्रशासन की ओर से मानसून आने से पहले गिद्दड़पिंडी तटबंध और भैणी गांव के मंझली तटबंध को मिट्टी की बोरियों से मजबूत किया गया था।

अब भी शेरपुर तैयबा के पास बांध को और मजबूत करने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। इसे मिट्टी की बोरियों से मजबूत किया जा रहा है। इस बांध की लंबाई लगभग 20 मीटर है। इसी प्रकार, 17.7 किमी लंबे बस्सियां नाले, 30.18 किमी लंबे चंद भान नाले और 13.10 किमी लंबे बद्दनी नाले की भी पहले सफाई की गई थी।  ये तीनों नाले मोगा जिले के 90 गांवों से होकर गुजरते हैं। इस सफाई से निहाल सिंह वाला और बाघापुराना का इलाका पूरी तरह सुरक्षित रहा। उन्होंने कहा कि 11 जुलाई को सतलुज में तीन लाख क्यूसेक पानी बह रहा था। यदि उपरोक्त सभी कार्य न किए गए होते तो जिला मोगा के लोगों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती। जिला मोगा सतलुज के दक्षिणी किनारे पर स्थित है और हमेशा निवाण का दक्षिणी किनारा होता है और नुकसान भी उसी तरफ होता है। लेकिन मोगा की तरफ बांध की मजबूती के कारण जिला बाढ़ से बच सका। जब सतलुज अपने पूरे उफान पर था, तब जिला मोगा क्षेत्र में कुल तीन भूस्खलन हुए। जिसका समाधान प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत कर दिया। इस बीच, सतलुज में रहने वाले 155 लोगों को बाढ़ के पानी से बचाया गया। एहतियात के तौर पर चार गांवों प्रल्लीवाल, मेहरूवाला, कंबो खुर्द और संघेड़ा को खाली करा लिया गया, वहां अब हालात सामान्य हैं। अभी सतलुज में 26 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। अब एक लाख तक भी पानी छोड़ा जाए तो कोई खतरा नहीं है। बता दें कि आने वाली बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन मोगा की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई थी ताकि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

डिप्टी कमिशनर कुलवंत सिंह ने व्यक्तिगत रूप से इन व्यवस्थाओं की निगरानी की। गांव मंझली (पांच एल) और भैनीवाले (गिद्दरपिंडी) बांध सहित कई अन्य संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करने के बाद, उन्होंने क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया था कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही अलर्ट पर है। पंजाब सरकार से मिले आदेशों की पालना में मोगा जिले के मुख्य चार नालों की सफाई का काम 30 जून से पहले पूरा कर लिया गया था। सतलज दरिया मोगा जिले में लगभग 31 किमी की लंबाई तक बहता है। पंजाब सरकार द्वारा दरिया के किनारों को मजबूत करने और नालों की सफाई के लिए 1.5 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी।  नदी के तटबंध को मजबूत करने के लिए बड़ी संख्या में पत्थरों और मिट्टी की थैलियों का उपयोग किया गया है।  उन्होंने कहा कि मोगा जिले में तीन मुख्य बांध हैं, इन तीनों पर प्रशासन की ओर से कड़ी नजर रखी जा रही है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि 2019 में इस क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बनी थी, लेकिन पिछले वर्ष भी क्रिटिकल बैंकों की समुचित मरम्मत की गयी थी और अब इस वर्ष भी मरम्मत के कारण इस बार बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना कम है। लेकिन अभी अगले कुछ दिनों तक आम जनता और प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से जिला प्रशासन को सहयोग करने की अपील की और कहा कि जब भी किसी आपातकालीन स्थिति का पता चले तो उसे तुरंत प्रशासन के ध्यान में लाया जाना चाहिए।

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