(Date : 04/May/2424)

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एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर ने नेशनल प्रिंटमेकिंग वर्कशॉप में प्रतिभागिता की






जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर के ग्राफिक्स डिजाइन  विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर राजेश कलसी ने ललित कला अकादमी नई दिल्ली,चंडीगढ़ ललित कला अकादमी एवं गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नेशनल प्रिंटमेकिंग वर्कशॉप में प्रतिभागिता की। इस वर्कशॉप में देश भर से 75 प्रतिष्ठित प्रिंटमेकिंग कलाकारों ने भाग लेते हुए अपनी सृजनात्मक एवं रचनात्मकता का परिचय दिया। इस वर्कशॉप में मुख्य अतिथि के रूप में पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, विशेष अतिथि के रूप में चंडीगढ़ के एडवाइजर (IAS) धर्मपाल,सेक्रेटरी कल्चर विनोद पी कावले ,डायरेक्टर कल्चरल अफेयर्स चंडीगढ़ प्रशासन सौरभ कुमार अरोड़ा (PCS) उपस्थित थे। चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के अध्यक्ष भीम मल्होत्रा ने कहा कि इस वर्कशाप का आयोजन विशेष रूप से आजादी की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित है।

यह वर्कशॉप गवर्नमेंट कॉलेज के प्रिंट मेकिंग स्टूडियो एवं CLKA ओपन हैंड आर्ट स्टूडियो में संपन्न हुई। इस प्रिंटिंग वर्कशॉप में कलाकारों ने प्रिंटिंग के विभिन्न माध्यमों वुडकटर, लिनोकट,एचिंग, एक्वा, लिथोग्राफी, एक्वांटि,प्लेटोग्राफी आदि प्रिंट तकनीकों का प्रयोग करते हुए अपनी कलाकृतियों का सृजन किया राजेश कलसी ने डिजिटल एवं कन्वेंशनल प्रिंटस को लेकर एचिंग तकनीक द्वारा 'ट्रैवलर' नामक कलाकृति का सृजन किया जिसमें उन्होंने जीवन-चक्र का पहलू दिखाया कि जीवन एक नदी के समान है और विचार मछली की तरह जो निरंतर इधर से उधर आते जाते रहते हैं माया अपना काम जिससे विचारों को जन्म देना चलता रहता है और इन दोनों के बीच में आत्मा चेतन रूप है जो इस जीवन क्रम को एक यात्री की तरह व्यतीत करती है और जिसको सहज रूप से ही किनारा मिल जाता है। कलसी ने बताया कि प्रिंटिंग मैन्युअल कलाकृतियों को बनाने का ज़रिया है जिसमें की बहुत ही धैर्य एवं सृजनात्मकता की मांग होती है, उन्होंने कहा इसमें ऐसा नहीं होता की बटन दबाते ही आपके हाथ में हजार या 2000 प्रतियां आ जाए इसमें 10 11 प्रतियां बनाने के लिए भी बहुत लंबा समय लगता है। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने राजेश कलसी की इस उपलब्धि पर उनको हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि वे निरंतर इसी तरह सृजनात्मक कार्यों में संलग्न रहे और अपना एवं कॉलेज का नाम रोशन करते रहे।

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