(Date : 06/May/2424)

(Date : 06/May/2424)

डिप्स के छात्र प्रथमप्रीत सिंह ने जीता स्वर्ण पदक | एपीजे स्कूल, टांडा रोड, जालंधर की छात्रा हरिद्या शर्मा ने बनाए दो विश्व रिकॉर्ड | दोआबा कॉलिजिएट सी.सैक. स्कूल के विद्यार्थियों का बढ़िया प्रदर्शन | आई.के.जी पी.टी.यू में बिजनेस स्टार्ट-अप के लिए कौशल विकास विषय पर एफ.डी.पी 13 मई को | सेंट सोल्जर इलीट स्कूल, जालंधर विहार के छात्रों ने मतदान जागरूकता का दिया सन्देश |

सुखजीत सिंह चीमा ने अपने 25 वर्षों के व्यावसायिक अनुभव और अपने जीवन के सार को "सफलता के अद्भुत नियम - 1" पुस्तक के रूप में युवाओं को किया समर्पित






जालंधर (अरोड़ा) - सुखजीत सिंह चीमा, पुखराज हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने अपने 25 वर्षों के व्यावसायिक अनुभव और अपने जीवन के सार को "सफलता के अद्भुत नियम - 1" पुस्तक के रूप में युवाओं को समर्पित किया है। यह पुस्तक युवाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए है। स्थानीय होटल में पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में चीमा की पुस्तक का सारांश लिखने वाले पद्मश्री प्रो. डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी (कुलाधिपति केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश), उनकी पत्नी गुरनाम कौर बेदी, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. लखविंदर सिंह जोहल विशिष्ट अतिथि थे। स. सुखजीत सिंह चीमा, उनकी पत्नी अमनदीप कौर चीमा और गुरप्रीत सिंह ने  संग इन प्रतिष्ठित मेहमानों का स्वागत किया।


 
पुस्तक विमोचन समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मॉडरेटर मोनिका मेहता ने सुखजीत सिंह चीमा द्वारा लिखी पुस्तक की झलकियों और डॉ. बेदी और डॉ. जौहल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। समारोह के अंत में स. सुखजीत सिंह चीमा द्वारा लिखित पुस्तक "सफलता के अद्भुत नियम-1" का वितरण किया गया।पुस्तक के बारे में बात करते हुए डॉ. बेदी ने कहा कि इस पुस्तक ने उन्हें "रीडर्स डाइजेस्ट" और "प्रीतलड़ी" (स. गुरबकाश सिंह प्रीतलड़ी द्वारा) जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रिकाओं की याद दिलाती है।पुस्तक में वह ऊर्जा निहित है जो सीखने की प्रक्रिया को गति देने के लिए युवाओं द्वारा आवश्यक है।
 
डॉ. जोहल ने, स. चीमा की इस किताब में अपने अनुभवों को साझा करके बेरोजगार युवाओं के मन में अनिश्चितता को दूर करने की इस पहल पर सरदार चीमा को बधाई दी। समापन भाषण में स. सुखजीत सिंह चीमा ने यह पुस्तक अपने दादा-दादी, माता-पिता और गुरु को समर्पित किया। उन्होंने अपने सफल उद्योगपति बनने की यात्रा साझा की, जो 25 साल पहले केवल 1000 रुपये से शुरू हुई थी और आज यह मल्टी-करोड़ का साम्राज्य है। उन्होंने कहा कि यह किताब सफलता के रहस्यों को समेटती है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि इस पुस्तक के संकलन में उनकी पत्नी, अमनदीप कौर चीमा का विशेष सहयोग रहा है। उन्होंने इस पुस्तक को पूरा करने के लिए डॉ. बेदी और सुश्री मोनिका मेहता को उनके अमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
 
इस मौके पर रितुराज चीमा, प्रथम चीमा, निर्मलजीत सिंह बराड़, अमृतपाल सिंह लधर, डॉ. गुरजोत कौर, हरपाल सिंह कलेर, प्रतीक गुलाटी, हरमिंदर सिंह सोढ़ी, जसदीप सिंह बावा, प्रदीप बेदी, हरिंदर सिंह आदि भी मौजूद रहे।

  • About Us

    Religious and Educational Newspaper of Jalandhar which is owned by Sarv Sanjha Ruhani Mission (Regd.) Jalandhar