विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प के साथ डिप्स श्रृंखला द्वारा प्री विंग वर्कशाप आयोजित की
जालंधर (प्रवीण) :- बीयॉड दी बुक्स नीति के तहत नन्हे मस्तिष्क को खुद से देखने , परखने समझने और सीखने के लिए प्रेरित करना आज के प्री विंग का मुख्य उद्देश्य बन चुका है,क्योंकि यह देखा गया है कि बच्चे जब खुद से कोई काम करते है, किसी चीज को संवारते है, रंग भरते है तो उनके बौद्धिक विकास के साथ-साथ आत्मविश्वास चरम सीमा पर पहुंच जाता है। इन्हीं सब नुक्तों ओर विचारों का समावेश डिप्स श्रृंखला द्वारा आयोजित वार्षिक प्री विंग वर्कशाप में किया गया। इस वर्कशाप की मुख्य अतिथि सीईओ मोनिका मंडोत्रा का फूलों के साथ स्वागत किया गया। डिप्स चेन की प्री विंग एडवाइजर मोनिका मेहता ने आई हुई डिप्स की विभिन्न शाखाओं की प्री विंग हेड्स और एजुकेटर्स का स्वागत किया तथा पिछले सेशन में शानदार अध्यापन के लिए उन्हें सम्मानित किया। इस वर्कशाप में अध्यापकों को क्लास स्मार्टनेस, स्ट्रेस फ्री टीचिंग और स्पीक यूअर माइंड कांफिडेंटली जैसे विषयों के ऊपर विचार विर्मश किया गया तथा प्री विंग में ओडियो विजुअल तकनीक के साथ बच्चों को सीखाने और समझाने के तरीकों और विभिन्न वीडियोज़ को देखकर कम्यूनिकेशन सुधारने ओर सही उच्चारण के तरीकों के बारे में बताया गया। अध्यापकों को प्रोत्साहित किया गया कि वो बच्चों के छोटे-छोटे से प्रयासों को बड़ी-बड़ी सराहनाओं से उत्साहित करें ताकि बच्चों में कुछ हासिल करने का जज्बा प्रबल हो। एडवाइजर मोनिका मेहता ने अध्यापकों को विशेष रूप से बच्चों की साइकॉलेजी को ध्यान में रखते हुए अध्यापन करने पर जोर दिया। सीईओ मोनिका मंडोत्रा ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बचपन आनंद से भरा एक सुखद अनुभव होना चाहिए और बच्चों इस तरीके से प्रोत्साहित करना चाहिए कि उनमें आगे बढ़ने और कुछ कर दिखाने का हौंसला बुलंद रहे। इस कार्यशाला में अध्यापकों ने हाथों से बनाए बर्थडे कार्ड्स, बुक्स मार्क्स और दिलचस्प टीचिंग एड की प्रदर्शनी भी लगाई। सत्र के समापन में अध्यापकों ने पूरे जोश और प्रसन्नता से आने वाले सत्र के लिए कामयाबी की कामना की। एमडी सरदार तरविंदर सिंह ने अध्यापकों के अच्छे कार्यों को विशेष रूप से सरहा और भविष्य में भी इसी जज्बे के साथ बच्चों के बचपन को निखारने के लिए प्रेरित किया।