डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर के छात्रों ने '37वें अखिल भारतीय लोक कला मेले' में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया
लोक कला की प्रतियोगिताएं विरासत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं – प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार
जालंधर (अरोड़ा) :- डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार के दिशा निर्देश और डीन ई.एम.ए. प्रो राजन शर्मा के कुशल नेतृत्व में '37वें अखिल भारतीय लोक कला मेले' रायपुर रसूलपुर में कविशरी, विवाह गीत, लोकगीत और मीमेकरी वर्ग में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
चारों वर्गो में विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया। 'कविशरी' में मनजोत कौर (एमएससी-तृतीय), बलजिंदर कौर (बीएससी-द्वितीय) और सिमरनप्रीत कौर (बीए-द्वितीय) ने प्रथम, 'विवाह गीत' में मनजोत कौर (एमएससी-तृतीय) बलजिंदर कौर (बीएससी-तृतीय) और सिमरनप्रीत कौर (बीए-द्वितीय) कल्याणी (बीकॉम-द्वितीय) चाहत शर्मा (बीए-द्वितीय) दिवांशी (बीबीए-द्वितीय) और काशी (+2) ने दूसरा और विनायक (बीए पार्ट-1) और इजी (बीएजेएमसी-1) 'लोकगीत' श्रेणी में तीसरे तथा विशाल (बीए-द्वितीय) 'मीमेकरी' श्रेणी में तीसरे स्थान पर रहे। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को सफलता हेतु बधाई देते हुए कहा कि लोक कला प्रतियोगिताओं के माध्यम से जहां छात्रों की छिपी प्रतिभा को बाहर लाया जाता है, वहीं ऐसी प्रतियोगिताएं उनकी विरासत को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के लिए तैयार करने में प्रो. बलविंदर नंदरा, प्रो. राजन शर्मा, डॉ. विनोद, प्रो. रीना व प्रो. तोशिन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।