(Date : 03/May/2424)

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श्रम दिवस पर डिप्स के बच्चों ने सहायक स्टाफ को कार्ड देकर किया धन्यावाद | ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਸੀਜ਼ਨ ਦੇ ਅਖੀਰ ਤੱਕ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਜਾਣਗੀਆਂ- ਡੀ.ਸੀ | डीएवी कॉलेज जालंधर को द ट्रिब्यून गाइड टू बेस्ट कॉलेजेज के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ कॉलेज का दर्जा प्राप्त हुआ | एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में विद्यार्थियों ने पोर्ट्रेट,लैंडस्केप एवं पेंटिंग बनाने की तकनीक को जाना | के.एम.वी. द्वारा रिसर्च एथिक्स एंड प्लेजिरिज्म विषय पर रिसर्च फोरम आयोजित |

डिप्स कॉलेज (को- एजुकेशन) ढिलवां में अंतर राष्ट्रीय मातृभाषा को सम्मान देने का लिया प्रण






जालंधर (प्रवीण) :- अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर बच्चों को पंजाब की मातृभाषा पंजाबी के प्रति जागरूक करने के लिए डिप्स कॉलेज (को- एजुकेशन) ढिलवां में सेमिनार और लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सेमिनार के दौरान पंजाभी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सरदूल सिंह ने विद्यार्थियों को मातृभाषा के महत्व और इतिहास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज के समय में शहर में रहने वाले अधिकतर अभिभावक बच्चो के साथ पंजाबी भाषा में बात करना पसंद नहीं करते हैं, वह अंग्रेजी भाषा को पहल देते है। उनका मानना है कि अंग्रेजी में बात करने पर उनके बच्चों का ज्यादा विकास होगा लेकिन जब तक बच्चा अपनी मातृभाषा से अवगत नहीं होगा तब तक वह अपनी विरासत के जड़ो से कभी भी जुड़ नहीं पाएगा।

इसके बाद उन्होंने सब बच्चों को पंजाबी भाषा का हमेशा सम्मान करने और बोलने का प्रण दिलाया। इसके बाद बच्चों के लिए लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसमें बच्चों ने पंजाबी भाषा के इतिहास और महत्ता पर अपने विचार पेश किए। इसमें रमनदीप कौर ने पहला, शरण प्रीत कौर ने दूसरा, संदीप और प्रिंयका ने तीसरा स्थान हासिल किया। कॉलेज कोर्डिनेटर हरप्रीत कौर ने पंजाब एक ऐसा राज्य है जो कि विरासत और बहुत सारे इतिहास से भरपूर है लेकिन पंजाब की इस अमीर विरासत को बचाए रखने के लिए जरूरी है कि अपने मातृभाषा को भी जीवित रखें। माना की आज के ग्लोबल स्तर में आगे बढ़ने के लिए इंटरनेशनल भाषा जरूरी है लेकिन अपनी मातृ भाषा का इस्तेमाल करना उसे जीवित रखना भी बहुत ही सम्मान की बात है। इसलिए हमें इसे बोलने में कभी भी शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी चाहिए।

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