(Date : 19/May/2424)

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श्री आनंदपुर साहिब में लाऊंगा कॉटन उद्योग का बड़ा प्रोजेक्ट: डा. सुभाष शर्मा | के.एम.वी. द्वारा आयोजित इंडस्ट्रियल विज़िट में छात्राओं ने वेव बेवरेजेस का दौरा किया | सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूलों में छात्रों के लिए आनंदमय पूल पार्टी का आयोजन किया गया | कुलविंदर फुल्ल के सिर पर सजा अलायंस क्लब समर्पण का ताज | एच.एम.वी. की उन्नत भारत टीम द्वारा धान का भूसा ‘पराली’ जलाने पर किया जागरूकता कार्यक्रम |

एचएमवी में मां बोली पंजाबी को समर्पित 6वां समागम आयोजित






जालन्धर (मोहित) - हंस राज महिला महाविद्यालय में प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन के योग्यात्मक दिशा-निर्देशन अधीन आवाज वैलफेयर सोसाइटी, पंजाब के सहयोग से मां बोली पंजाबी को समर्पित 6वां समागम ‘कुछ पल माँ बोली दे नां’ का सफलतापूर्वक स्नात्तकोत्तर पंजाबी विभाग की ओर से आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि स्वरूप पदमश्री डॉ. सुरजीत पातर, प्रधान, पंजाब कला परिषद ने उपस्थित रह समागम को अलंकृत किया। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन द्वारा उनका प्लांटर एवं सम्मान चिन्ह भेंट कर हार्दिक अभिनंदन किया गया। समागम का शुभारंभ ज्ञानात्मक ज्योति प्रज्जवलित कर किया गया। सर्वप्रथम पंजाबी विभागाध्यक्षा नवरूप ने समस्त कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय दिया एवं गणमान्य सदस्यों के प्रति विशिष्ट आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पंजाबी विभाग सदैव मां बोली पंजाबी के प्रचार व प्रसार हेतु प्रयासगत रहता है।

प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने अपने वक्तव्य में मुख्यातिथि पदमश्री डॉ. सुरजीत पातर का हार्दिक अभिनंदन किया एवं आवाज वैलफेयर सोसाइटी, पंजाब के प्रति आभार व्यक्त किया। जिन्होंने  इस बहुमूल्य समागम हेतु उत्तरी भारत की इस सुप्रसिद्ध संस्था को चुना। उन्होंने कहा कि संस्था सदैव पंजाबी भाषा के प्रचार एवं प्रसार हेतु प्रयासगत रही है। इस हेतु अनेकानेक कार्य प्रतिदिन किए जाते हैं परंतु यह सभी कार्य तभी सफल होते हैं जब हम मानसिक तौर पर अपनी माँ बोली के प्रति समर्पित हों। उन्होंने कहा कि हमें माँ बोली को उतना ही सम्मान देना चाहिए जितना हम अपनी माँ को देते हैं। उन्होंने इस आयोजन हेतु पंजाबी विभाग को भी बधाई दी। पदमश्री डॉ. सुरजीत पातर ने अपने संभाषण में कहा कि वह संस्था में आकर सदैव मान महसूस करते हैं। मां बोली के प्रसार व प्रचार में विद्ययक केन्द्रों का सदैव महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। उन्होंने कहा कि धर्म चाहे अलग है पर माँ बोली एक है। उन्होंने कहा कि केवल लोग, साहित्यकार, विद्ययक केन्द्र, गायक, रंगमंच, सरकार, मीडिया, फिल्में, प्रकाशक, धर्म, नई तकनीक, आर्थिकता एवं साहित्यिक संस्थाएं ही मां बोली को प्रफुल्लित कर सकती हैं। जिस बोली की सृजना हमारे बुजुर्गों ने की, उसे संभालना हमारा परम कत्र्तव्य है। आज पंजाबी पांच दरियाओं की नहीं, सात समुद्रों की बोली बन गई है। केवल वही लोग वैज्ञानिक एवं लेखक बन सकते हैं जो अपनी माँ बोली से शुरूआत करते हैं।

इस अवसर पर ‘जी वाइफ जी’ फिल्म की प्रमोशन हेतु गायक व कलाकार करमजीत अनमोल, एकता गुलाटी, हरबी संघा, लक्की धारीवाल इत्यादि कलाकार पधारे। इस अवसर पर विशेषत: अकाल आई हास्पिटल के डॉ. बलबीर सिंह बोरा एवं उनकी टीम की ओर से आंखों के निरीक्षण हेतु मुफ्त कैम्प लगाया गया। समस्त समागम का आयोजन कुलविंदर सिंह (फ्रांस) एवं सुमित दुग्गल (मुख्य प्रबंधक) के संरक्षण में किया गया। इस अवसर पर हरप्रीत सिंह मखू, गुरमीत सिंह मान, गायक रणवीर शिन्दा मुलतानी, नवनीत गिल, जीवन ज्योति ने भी अपनी गायकी के माध्यम से वातावरण को आन्नदित बनाया। संस्था के डांस विभाग एवं संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया। मंच संचालन कुलजीत कौर द्वारा किया गया। इस अवसर पर पंजाबी विभाग से डॉ. वीना अरोड़ा, डॉ. संदीप कौर,  अमनदीप, सुखजीत कौर एवं अमनजोत भी उपस्थित रही। समागम के अंत में डॉ. वीना अरोड़ा ने सभी गणमान्य अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन हेतु आशा व्यक्त की।

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