एमएलयू डीएवी कॉलेज फगवाड़ा में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार पर संगोष्ठी का आयोजन
फगवाड़ा (अरोड़ा) :-10 दिसंबर का दिन पूरी दुनिया में मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. किरणजीत रंधावा के दिशानिर्देश में इस दिन को चिह्नित करने के लिए मानव स्वतंत्रता और उनके कानूनी प्रभावों पर चर्चा करने के लिए एक संगोष्ठी आयोजित की गई थी। प्रतिभागी उत्साह और लगन के साथ उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दर्शकों को मौलिक मानवाधिकारों के बारे में शिक्षित करना था। वक्ता ने इन अधिकारों के लगभग हर पहलू को छुआ। इस दिन छात्रों ने कविता पाठ किया और भाषण दिया। प्राचार्य डॉ. रंधावा ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मानवाधिकार का अर्थ है दुनिया में रहने वाले हर इंसान को मिलने वाले विशेष अधिकार, जो दुनिया को एक सूत्र में बांधते हैं, हर व्यक्ति की रक्षा करते हैं और उसे आजादी के साथ खुशी से जीने की इजाजत देते हैं। किसी भी व्यक्ति के साथ किसी भी कीमत पर भेदभाव नहीं होना चाहिए, इसीलिए मानवाधिकारों का निर्माण किया गया। यह दिन जनता को व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान से संबंधित उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए उल्लेखनीय है। ये सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों के नाम से मौजूद हैं। जो लोग इन अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें कानून द्वारा दंडित किया जाता है। इनमें स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है। प्राचार्य डॉ. रंधावा ने कहा कि मानवाधिकार वे मौलिक प्राकृतिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को जाति, राष्ट्रीयता, धर्म और लिंग आदि के आधार पर वंचित या उत्पीड़ित नहीं किया जा सकता है। यह दिन छात्रों के लिए अंतर्दृष्टिपूर्ण और प्रत्येक व्यक्ति के लिए जागरूकता का दिन था।